Samachar Nama
×

Axiom-4 मिशन की तीसरी बार टली लॉन्चिंग, 11 जून को ISS लिए उड़ान भरेंगे शुभांशु; खराब मौसम बना बाधा

अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के लिए प्रस्तावित ऐतिहासिक Axiom-4 मिशन एक बार फिर टल गया है। खराब मौसम की वजह से यह तीसरी बार है जब मिशन को आगे बढ़ाया गया है। अब यह मिशन 11 जून को भारतीय समयानुसार शाम 5:30 बजे लॉन्च...
dsfds

अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) के लिए प्रस्तावित ऐतिहासिक Axiom-4 मिशन एक बार फिर टल गया है। खराब मौसम की वजह से यह तीसरी बार है जब मिशन को आगे बढ़ाया गया है। अब यह मिशन 11 जून को भारतीय समयानुसार शाम 5:30 बजे लॉन्च किया जाएगा। यह मिशन चार देशों के चार अंतरिक्ष यात्रियों को लेकर 14 दिनों के लिए स्पेस स्टेशन की ओर रवाना होगा। Axiom Space द्वारा संचालित यह मिशन न केवल तकनीकी दृष्टि से अहम है, बल्कि भारत के लिए भी एक ऐतिहासिक अवसर लेकर आया है क्योंकि इसमें पहली बार कोई भारतीय ISS की यात्रा करने जा रहा है।

शुभांशु शुक्ला: ISS पर जाने वाले पहले भारतीय

Axiom-4 मिशन के चार सदस्यीय दल में भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला भी शामिल हैं, जो अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन पर जाने वाले भारत के पहले नागरिक बनेंगे। इससे पहले, वर्ष 1984 में राकेश शर्मा ने सोवियत संघ के अंतरिक्ष यान सोयूज टी-11 से अंतरिक्ष की यात्रा की थी, लेकिन वे ISS नहीं गए थे। इस लिहाज से शुभांशु शुक्ला की उड़ान भारत के अंतरिक्ष इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ने जा रही है। मिशन से पहले शुभांशु ने अपनी फुल ड्रेस रिहर्सल पूरी कर ली है। उन्होंने बताया कि यह अनुभव उनके लिए एक सपने जैसा है और वे खुद को बेहद भाग्यशाली मानते हैं कि उन्हें भारत का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिला है।

फ्लोरिडा से होगी लॉन्चिंग, स्पेसएक्स का फाल्कन-9 करेगा मिशन को अंजाम

Axiom-4 मिशन के तहत स्पेसएक्स का फाल्कन-9 रॉकेट अंतरिक्ष स्टेशन के लिए उड़ान भरेगा। रॉकेट को अमेरिका के फ्लोरिडा स्थित कैनेडी स्पेस सेंटर (KSC) से लॉन्च किया जाएगा। इसरो अध्यक्ष वी. नारायणन ने एक बयान में कहा, “मौसम की खराब स्थिति के कारण, Axiom-4 मिशन की लॉन्चिंग को 10 जून से आगे बढ़ाकर अब 11 जून शाम 5:30 बजे (भारतीय समय) कर दिया गया है।” यह मिशन भारत के साथ-साथ पोलैंड और हंगरी के लिए भी ऐतिहासिक है, क्योंकि इन देशों के भी अंतरिक्ष यात्री इस उड़ान का हिस्सा होंगे।

41 साल बाद फिर भारतीय मानव अंतरिक्ष उड़ान की वापसी

भारत के लिए यह मिशन और भी खास इसलिए है क्योंकि शुभांशु शुक्ला की अंतरिक्ष यात्रा के साथ 41 साल बाद एक बार फिर भारत की मानव अंतरिक्ष उड़ान में वापसी हो रही है। वर्ष 1984 में राकेश शर्मा की उड़ान के बाद यह पहला अवसर है जब कोई भारतीय अंतरिक्ष यात्री दोबारा अंतरिक्ष की ओर जा रहा है। लखनऊ में जन्मे शुभांशु, इसरो और नासा के सहयोग से चलाए जा रहे इस वाणिज्यिक मिशन का हिस्सा हैं। उन्हें एक्सिओम स्पेस द्वारा विशेष प्रशिक्षण दिया गया है और वे भारत की ओर से एक गौरवशाली प्रतिनिधि बनकर अंतरिक्ष यात्रा करने वाले हैं।

Axiom-4 मिशन में चार अंतरिक्ष यात्री शामिल हैं:

  • पैगी व्हिटसन (कमांडर): अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा की अनुभवी एस्ट्रोनॉट, जो मिशन का नेतृत्व करेंगी।
  • शुभांशु शुक्ला (पायलट): भारत से, इस मिशन में पायलट की भूमिका निभा रहे हैं।
  • टिगोर कापू (विशेषज्ञ): हंगरी से, इस मिशन में वैज्ञानिक प्रयोगों और अंतरिक्ष स्टेशन के संचालन में सहयोग करेंगे।
  • स्लावोज उज्नान्स्की-विस्निएव्स्की (विशेषज्ञ): पोलैंड से, वे भी अनुसंधान और संचालन के काम में प्रमुख भूमिका निभाएंगे।

यह 14 दिन का मिशन वैज्ञानिक प्रयोगों, जीवन समर्थन प्रणालियों के परीक्षण और अंतरिक्ष में अंतरराष्ट्रीय सहयोग को मजबूत करने के उद्देश्य से संचालित किया जा रहा है।

भारत की स्पेस डिप्लोमेसी को नई दिशा

Axiom-4 न सिर्फ भारत के लिए तकनीकी उपलब्धि है, बल्कि यह मिशन अंतरराष्ट्रीय सहयोग और स्पेस डिप्लोमेसी को भी नई दिशा देता है। शुभांशु शुक्ला की यह यात्रा भविष्य में भारत के गगनयान मिशन और अन्य मानव अंतरिक्ष परियोजनाओं के लिए रास्ता तैयार करेगी। मौसम की बाधा के बावजूद इस मिशन की उम्मीदें और महत्व बरकरार है। 11 जून को जब फाल्कन-9 रॉकेट अंतरिक्ष की ओर बढ़ेगा, तो वह न केवल चार अंतरिक्ष यात्रियों को ISS तक ले जाएगा, बल्कि भारत की नई अंतरिक्ष यात्रा की भी शुरुआत करेगा।

Share this story

Tags