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16 मिनट में मंगल ग्रह से पृथ्‍वी पर भेजा गया ‘एलियन सिग्‍नल’, क्‍या सच में किसी ने हमसे कॉन्‍टैक्‍ट किया? जानें

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विज्ञान न्यूज़ डेस्क - एलियंस की तलाश में दुनिया के कई वैज्ञानिक दिन-रात जुटे हुए हैं। इस दिशा में अब तक ज्यादा सफलता नहीं मिली है, लेकिन हर एंगल से जांच की जा रही है, ताकि भविष्य में इंसान एलियंस का सामना कर सके। अधिकांश वैज्ञानिक यह सोचते हैं कि यदि पृथ्वी के बाहर जीवन है तो कभी न कभी एलियंस वहां से हमें संकेत भेजेंगे। हमसे संपर्क करने का प्रयास करेंगे। इसी कड़ी में मंगल से पृथ्वी पर एक एलियन का सिग्नल पहुंचा है।

लेकिन यह संकेत किसी परग्रही सभ्यता ने नहीं, बल्कि स्वयं मनुष्य ने भेजा था, जो 16 मिनट में धरती पर पहुंच गया। एक रिपोर्ट के मुताबिक, यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ईएसए) के एक्सोमार्स ट्रेस गैस ऑर्बिटर (टीजीओ) ने बुधवार रात 9:00 बजे मंगल ग्रह के चारों ओर अपनी कक्षा से पृथ्वी को एक एन्कोडेड संदेश भेजा। इसका मकसद यह जानना है कि जब कोई एलियन का संदेश असल में हम तक पहुंचेगा तो क्या स्थिति होगी।

इस प्रोजेक्ट को 'ए साइन इन स्पेस' प्रोजेक्ट नाम दिया गया है। इसमें प्रमुख भूमिका निभाने वाली डेनिएला डी पॉलिस ने कहा कि एलियंस से संदेश प्राप्त करना पूरी मानव जाति के लिए एक गहरा और परिवर्तनकारी अनुभव होगा। डेनिएला डी पॉलिस SETI संस्थान के साथ हैं। टीजीओ के संदेश को डिकोड करने के लिए दुनिया भर के विशेषज्ञ और वैज्ञानिक मिलकर काम कर रहे हैं।

एक्सोमार्स ट्रेस गैस ऑर्बिटर द्वारा भेजे गए संदेश को पृथ्वी पर ग्रीन बैंक टेलीस्कोप (वेस्ट वर्जीनिया), मेडिसिना रेडियो एस्ट्रोनॉमिकल स्टेशन (इटली), एलन टेलीस्कोप ऐरे (कैलिफोर्निया) और वेरी लार्ज ऐरे टेलीस्कोप (न्यू मैक्सिको) द्वारा प्राप्त किया गया था। खास बात यह है कि मंगल से भेजे गए इस सिग्नल को डिकोड करने के लिए दुनिया भर से लोगों और समूहों को आमंत्रित किया गया है। संदेश डेनिएला डी पॉलिस और उनकी टीम द्वारा डिजाइन किया गया है। टीम ने दुनिया से संदेश छुपाया है। वह चाहती है कि लोग संदेश को डिकोड करें और उसकी व्याख्या करें। यह अपने आप में अनूठा प्रयोग है। अगर 'ए साइन इन स्पेस' नाम का प्रोजेक्ट सफल होता है तो उन वैज्ञानिकों के लिए बड़ी उपलब्धि होगी जो एलियंस और उनसे जुड़े रहस्यों की तलाश में हैं।

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