Samachar Nama
×

डायनासोर के युग में कार के आकार के होते थे कछुए

.

विज्ञान न्यूज डेस्क - शायद दुनिया में अगर सबसे ज्यादा जिज्ञासा किसी जानवर को लेकर है तो वो डायनासोर की ही होगी। 60 करोड़ साल से भी पहले विलुप्त हुए जीवों के बारे में यह मान्यता है कि वे उस समय के सबसे बड़े जीव हुआ करते थे। लेकिन बहुत से लोग सोचते हैं कि केवल डायनासोर ही बड़े जानवर हुआ करते थे। जबकि हकीकत यह है कि उस जमाने में आज जो जानवर मिलते हैं वे भी बड़े आकार के होते थे। पहली बार मिले कछुओं के खास जीवाश्मों से पता चला है कि उस जमाने के कछुए एक कार के आकार जितने बड़े हुआ करते थे। शोधकर्ताओं ने पाया है कि यह प्रजाति उपोष्णकटिबंधीय समुद्रों में रहती थी जो 83 मिलियन वर्ष पहले यूरोप बनाने वाले सभी द्वीपसमूहों के तटों को धोते थे। इस प्रजाति को लेविएथेनेकैलिस एनिग्मेटिका नाम दिया गया है। इसकी लंबाई 3.7 मीटर आंकी गई है। यह नाम समुद्र में रहने वाले एक विशालकाय प्राणी के आधार पर दिया गया है, जिसका बाइबिल में उल्लेख किया गया है। शोधकर्ता इस कछुए के विशाल आकार से हैरान हैं, जिसे वे एक छोटी कार के आकार का बता रहे हैं। इस क्षेत्र में समुद्री सरीसृपों के अवशेष मिलना आम बात नहीं है। 

छोटे आकार के इस प्रकार के जीवों के जीवाश्म तक नहीं मिलते। शोधकर्ताओं को जीवाश्मों की आकारिकी बहुत दिलचस्प लगती है। मिगुएल क्रुसफॉन्ट कैटलन इंस्टीट्यूट ऑफ पेलियोन्टोलॉजी के एक शोधकर्ता ऑस्कर कैस्टिलो ने एक बयान में बताया कि अपनी शोध प्रक्रिया में वह स्पष्ट रूप से यह समझने में सक्षम थे कि यह विज्ञान के लिए एक नई प्रजाति है। शोधकर्ताओं को स्पेन के उत्तर-पूर्व में लगभग दो टन वजनी 12 फुट का एक जीवाश्म मिला है। ये कछुए क्रेटेशियस काल के काल में रहते थे, जो डायनासोर के युग के अंत के दौरान चल रहा था। आज के सबसे बड़े कछुए - लेदरबैक, जो सात फीट तक लंबे होते हैं - महासागरों में लंबी दूरी तय करने के लिए जाने जाते हैं। शोधकर्ताओं का कहना है कि यह कछुआ जिसका जीवाश्म मिला है वह अपने बड़े आकार के कारण टेथिस सागर में पाए जाने वाले कई खतरों का सामना करने में सक्षम था।

Share this story

Tags