जैम, मुरब्बा और जेली के बीच होता ये बड़ा अंतर, जाने तीनो एक दूसरे से कैसे है अलग ?
लाइफस्टाइल न्यूज़ डेस्क, क्या आपने कभी सुना है कि ब्रेड पर किसी ने मुरब्बा लगाकर खाया हो? अधिकतर ब्रेड पर जैम ही लगाया जाता है, ऐसे ही डेजर्ट बनाने के लिए मार्मालेड का इस्तेमाल किया जाता है। आप मार्केट में जाएं, तो आपको ना जाने कितने ऑप्शन पहले से ही तैयार मिलते हैं, लेकिन क्या कभी आपने सोचा है कि इन सभी के बीच अंतर क्या होता है? किस तरह से ये सभी बनाए जाते हैं?
सबसे पहले आपको बता दें कि इन सभी को फलों के रस और उनके गूदे से बनाया जाता है। इसके साथ ही इनमें रिफाइंड शुगर बहुत मात्रा में होती है। यही कारण है कि इन्हें डायबिटीज के मरीजों को खाने को मना किया जाता है। इसके साथ ही, अधिकतर प्रोडक्ट्स में प्रिजर्वेटिव्स भी मिलाए जाते हैं। हालांकि, कुछ ब्रांड्स अब बिना प्रिजर्वेटिव्स के भी अपने प्रोडक्ट्स देने लगे हैं।
आम भारतीय घरों में सबसे ज्यादा जैम का इस्तेमाल किया जाता है। जैम का टेक्सचर असल में बहुत अलग होता है। इसमें थोड़ा थक्केदार टेक्सचर होता है। इसका कारण यह है कि जैम हमेशा फलों के गूदे और उसे अन्य हिस्सों से बनते हैं। फलों के गूदे या उनके टुकड़ों में शक्कर मिलाई जाती है। यह पके हुए फलों से ही बनाए जाते हैं इसलिए इनका स्वाद बाकियों की तुलना में ज्यादा मीठा हो सकता है। हालांकि, अगर कोई घर में जैम बना रहा है, तो बिना प्रिजर्वेटिव्स के वो ज्यादा दिन नहीं चल पाएगा। इसी के साथ, घर में उसका टेक्सचर ज्यादा मैश्ड नहीं आएगा।
जेली का टेक्सचर हमेशा लचीला होता है। नहीं-नहीं इलास्टिक वाला लचीला नहीं। दरअसल, इसे जब आप हिलाते हैं, तो इसके टेक्सचर के कारण यह कुछ सेकंड ज्यादा हिलती रहती है। यह बहुत मीठी होती है और इसके जरिए कई तरह के डेजर्ट बनाए जा सकते हैं। हालांकि, आप किस तरह के इंग्रीडिएंट्स इस्तेमाल कर रहे हैं, उसके आधार पर जेली का टेक्सचर बदल जाता है। यह फ्रूट जूस से बनती है और इसमें पल्प का इस्तेमाल बिल्कुल नहीं होता है। यही कारण है कि इसका टेक्सचर थोड़ा सॉलिड होता है। हालांकि, प्रिजर्वेटिव्स और कुछ एक्स्ट्रा केमिकल्स के कारण मार्केट में मिलने वाली जेली बहुत ज्यादा सॉलिड और लचीली हो जाती है। घर पर अगर आप सिर्फ शक्कर और फ्रूट जूस के साथ उसे बनाएंगी, तो यह इतनी ज्यादा लचीली नहीं होगी।
आम घरों में मुरब्बा तो हमेशा बना ही होगा। बस मार्मालेड यही होता है। यह जैम और जेली की तरह बहुत मीठा नहीं होता है। दरअसल, इसमें फलों के गूदे के साथ-साथ उसके छिलकों का भी इस्तेमाल किया जाता है जिसके कारण यह ना तो उतना स्मूथ टेक्सचर दे पाता है और ना ही उतना मीठा होता है।






