नवरात्रि के चौथे दिन लगायें मां कूष्मांडा को मावा मालपुआ का भोग,जाने बनाने का तरीका
लाइफस्टाइल न्यूज़ डेस्क, चैत्र नवरात्रि के चौथे दिन मां दुर्गा के कूष्मांडा स्वरूप की पूजा की जाती है। मां कूष्मांडा को 'अष्टभुजा देवी' भी कहा जाता है। इनकी पूजा करने से साधक के जीवन के सभी कष्ट दूर होने के साथ उनकी मनोकामनाएं भी पूरी होती हैं। मां कूष्मांडा को हरा रंग बेहद प्रिय है। बात अगर मां कूष्मांडा के पसंदीदा भोग की करें तो मां कूष्मांडा को मालपुआ का भोग लगाया जाता है। मान्यता है कि इस भोग से मां कूष्मांडा प्रसन्न होती हैं और भक्तों पर अपना आशीर्वाद बनाए रखती हैं। आइए जान लेते हैं माता रानी को प्रसन्न करने के लिए कैसे बनाया जाता है फलाहारी मावा मालपुआ।
मावा मालपुआ बनाने के लिए सामग्री
-3/4 कप मावा
- ½ कप सिंघाड़े का आटा
- 1 कप चीनी
-1 कप दूध
- 10-12 पिस्ता
- 6-7 इलायची
-तलने के लिए घी
मावा मालपुआ की चाशनी तैयार करने का तरीका
मावा मालपुआ की चाशनी बनाने के लिए सबसे पहले एक बर्तन को गैस पर रखकर उसमें चीनी और आधा कप पानी डालकर उबाल आने दें। पानी में उबाल आने पर चाशनी की एक बूंद लेकर चेक करें। यदि उंगली और अंगूठे के बीच चेक करने पर एक तार निकल रही है चाशनी बनकर तैयार हो चुकी है।
मावा मालपुआ बनाने का तरीका
मावा मालपुआ बनाने के लिए सबसे पहले मावा,सिघाड़े का आटा और दूध डालकर एक बैटर तैयार कर लें। अब इस घोल को 15 से 20 मिनट तक के लिए फूलने दें। इस बीच पिस्ता को बारीक काटकर अलग रख लें और इलायची का पाउडर भी तैयार कर लें। अब गैस पर एक कढ़ाई रखकर उसमें घी डालकर गर्म करें। जब घी मीडियम गर्म हो जाए तो बैटर दोबारा अच्छी तरह फेंटने के बाद घोल को चम्मच की मदद से घी में डालें। मीडियम आंच पर ही मालपुआ को दोनों तरफ से हल्का भूरा होने तक फ्राई करें। इसी तरह सारे बैटर के मालपुआ तैयार कर लें। अब तैयार मालपुआ को चाशनी में डालकर एक प्लेट में निकालते जाएं। मालपुआ के ऊपर बारीक कटा पिस्ता डालकर गार्निश करें। आपका फलाहारी मालपुआ बनकर तैयार है।