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"कुर्सी छीन लो इनसे...' कन्हैया कुमार की हुंकार से हिली बिहार सरकार! अपराध-बेरोजगारी पर सरकार को घेरा, यहां देखे वायरल वीडियो 

"कुर्सी छीन लो इनसे...' कन्हैया कुमार की हुंकार से हिली बिहार सरकार! अपराध-बेरोजगारी पर सरकार को घेरा, यहां देखे वायरल वीडियो 

पटना की गर्म दोपहरी में राजनीतिक तापमान उस वक्त और चढ़ गया जब कांग्रेस नेता और पूर्व जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने बिहार सरकार पर करारा हमला बोला। "कुर्सी छीन लो इनसे!" जैसे नारे के साथ उन्होंने ना केवल राज्य सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए, बल्कि अपराध, बेरोजगारी और विकास के मुद्दों को लेकर जमकर हमला बोला। उनके इस आक्रामक तेवर ने एक बार फिर बिहार की सियासत को गरमा दिया है।

युवाओं के भविष्य को लेकर उठाए तीखे सवाल
एक जनसभा में बोलते हुए कन्हैया कुमार ने कहा, "बिहार का युवा या तो ट्रेन में बैठा होता है या आंदोलन में... रोजगार आखिर मिलेगा कब?" उन्होंने कहा कि बिहार के युवाओं को केवल चुनावी वादों का झुनझुना पकड़ाया गया है, असल में उनके लिए सरकार के पास कोई ठोस योजना नहीं है।उन्होंने नीतीश सरकार पर हमला करते हुए कहा कि अपराधी खुलेआम घूम रहे हैं और जनता असुरक्षित महसूस कर रही है। सरकार की प्राथमिकता सत्ता की कुर्सी है, न कि आम जनता की सुरक्षा या युवाओं का भविष्य।

अपराध और कानून-व्यवस्था को बताया विफल
कन्हैया कुमार ने हाल ही में घटित आपराधिक घटनाओं का ज़िक्र करते हुए कहा कि बिहार में कानून व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा चुकी है। उन्होंने कहा कि बलात्कार, लूट और हत्या की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं और सरकार केवल बयानबाजी में व्यस्त है।उन्होंने पूछा, "एक सामान्य आदमी की जान की कीमत क्या रह गई है बिहार में? जब नेता और अधिकारी ही सुरक्षित नहीं हैं, तो आम जनता की सुरक्षा कौन करेगा?"

बेरोजगारी पर भी साधा निशाना
बेरोजगारी के मुद्दे पर बोलते हुए कन्हैया ने कहा कि सरकार केवल आंकड़ों का खेल खेल रही है। उन्होंने कहा कि “हर साल लाखों युवा डिग्री लेकर बाहर निकलते हैं लेकिन उन्हें नौकरी देने के नाम पर केवल घोषणाएं की जाती हैं।”उन्होंने यह भी कहा कि अगर सरकार में दम है, तो बताए कि पिछले 5 साल में कितने युवाओं को स्थायी रोजगार मिला है?

"कुर्सी छीन लो इनसे!" – जनता को किया जागरूक
कन्हैया कुमार का यह नारा "कुर्सी छीन लो इनसे!" अब एक राजनीतिक संदेश बनता जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकारें जनता के लिए होती हैं, सत्ता के नशे के लिए नहीं। अगर सरकार जनहित में काम नहीं करती, तो जनता को अधिकार है कि वह उन्हें सत्ता से बेदखल कर दे।

विपक्ष को दी नई धार
कन्हैया कुमार की इस आक्रामक शैली से कांग्रेस और INDIA गठबंधन के अन्य दलों को नई ऊर्जा मिली है। जहां एक ओर उनके भाषण को युवा वर्ग में भारी समर्थन मिल रहा है, वहीं दूसरी ओर एनडीए खेमे में हलचल साफ देखी जा सकती है।

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