"LOP का मुंह बंद क्यों कर रहे हैं?" संसद में प्रियंका गांधी का तीखा हमला, वायरल वीडियो में देखे क्या है पूरा मामला
संसद के मानसून सत्र के दौरान मंगलवार को एक बार फिर सियासी पारा उस समय चरम पर पहुँच गया जब कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने विपक्ष के नेता (एलओपी) का पक्ष लेते हुए सरकार पर तीखा सवाल दागा- "आप एलओपी का मुँह क्यों बंद कर रहे हैं?" उनके इस बयान के बाद सदन में जमकर हंगामा हुआ। दरअसल, यह पूरा मामला तब गरमा गया जब संसद में विपक्षी नेताओं को बोलने का मौका नहीं दिया गया और माइक बंद कर दिया गया।
प्रियंका गांधी का यह बयान तब आया जब विपक्षी दल मणिपुर, महंगाई, बेरोजगारी और पेगासस जैसे मुद्दों पर सरकार से चर्चा की मांग कर रहे थे। विपक्ष का आरोप है कि सरकार संसद में केवल अपनी बात रखना चाहती है, लेकिन जब विपक्ष अपनी चिंताओं और मुद्दों को उठाना चाहता है, तो उन्हें बोलने से रोका जाता है।लोकसभा में मीडिया से बात करते हुए प्रियंका गांधी ने कहा, "लोकतंत्र में सबसे ज़रूरी है कि हर पक्ष की आवाज़ सुनी जाए। अगर आप एलओपी (विपक्ष के नेता) को बोलने नहीं देंगे, तो बाकी सांसदों की बात कौन सुनेगा?" उन्होंने यह भी कहा कि यह सिर्फ़ विपक्ष की ही नहीं, बल्कि पूरे देश की आवाज़ दबाने की कोशिश है।
सदन में हंगामा उस समय और बढ़ गया जब विपक्ष के नेता ने कई ज्वलंत मुद्दों पर सरकार से जवाब माँगने की कोशिश की और अध्यक्ष ने उन्हें बीच में ही रोक दिया। कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, आप और अन्य विपक्षी दलों के सांसद आसन के सामने आकर विरोध में नारे लगाने लगे। कार्यवाही कई बार स्थगित करनी पड़ी।प्रियंका गांधी के इस बयान को विपक्षी एकता के संकेत के तौर पर देखा जा रहा है। उन्होंने कहा, "अगर आज विपक्ष के नेता को संसद में बोलने नहीं दिया जा रहा है, तो कल किसी और को रोका जाएगा। यह सिर्फ़ एक व्यक्ति का नहीं, बल्कि पूरे लोकतंत्र का अपमान है।"
हालांकि इस मुद्दे पर सरकार की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई, लेकिन कुछ भाजपा सांसदों ने प्रियंका गांधी के बयान को 'नाटक' और 'राजनीतिक नौटंकी' करार दिया। उनका कहना है कि विपक्ष हर मुद्दे को बेवजह तूल देता है और सरकार की सकारात्मक पहलों में भी बाधा डालता है।हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसी घटनाएँ संसदीय मर्यादा के लिए ख़तरा हैं। अगर संसद में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच स्वस्थ बहस नहीं होगी, तो लोकतंत्र की आत्मा ही खत्म हो जाएगी।
इस बीच, प्रियंका गांधी का यह बयान सोशल मीडिया पर भी ट्रेंड कर रहा है और कई यूजर्स ने इसे "लोकतंत्र की आवाज़" बताया है। वहीं, कुछ यूजर्स ने सरकार से संसद में सभी दलों को बोलने का समान अवसर देने की मांग की है।कुल मिलाकर, प्रियंका गांधी का सवाल "आप विपक्ष के नेता का मुँह क्यों बंद कर रहे हैं?" अब एक बड़ी राजनीतिक बहस का विषय बन गया है और यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले दिनों में सरकार इस पर क्या रुख अपनाती है।

