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दिल्लीवालों को धोखा देकर अब मोबाइल बांटने की राजनीति? BJP की योजनाओं पर बरसे अनिल झा, देखे वायरल वीडियो 

दिल्लीवालों को धोखा देकर अब मोबाइल बांटने की राजनीति? BJP की योजनाओं पर बरसे अनिल झा, देखे वायरल वीडियो 

राजधानी की सियासत में एक बार फिर जुबानी जंग तेज हो गई है। दिल्ली भाजपा के पूर्व विधायक और वरिष्ठ नेता अनिल झा ने भाजपा पर तीखा हमला बोलते हुए सवाल उठाए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि पार्टी लंबे समय से दिल्ली की जनता को गुमराह करती आ रही है और अब जनता के नाम पर महंगे फोन बांटने का नया ढोंग रच रही है।अनिल झा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा, "पहले झूठे वादों और खोखले नारों से दिल्लीवासियों को गुमराह किया गया और अब लाखों के फोन बांटकर क्या सरकार अपनी नाकामी छिपा रही है?" उन्होंने दावा किया कि इन फोनों की खरीद में भारी अनियमितता है और यह जनता की गाढ़ी कमाई का दुरुपयोग है।


अनिल झा सीधे तौर पर उन खबरों की ओर इशारा कर रहे थे जिनमें कहा गया था कि कुछ नेताओं या किसी खास संगठन द्वारा दिल्ली के युवाओं या महिलाओं को महंगे मोबाइल फोन बांटे जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा को चुनावी फायदे के लिए फोन जैसी चीजों का लालच देकर जनता को गुमराह करने के बजाय पहले यह बताना चाहिए कि बेरोजगारी, महिला सुरक्षा और शिक्षा जैसे मुद्दों पर उसकी क्या नीतियां हैं।पूर्व विधायक ने आरोप लगाया कि इस तरह की योजनाएँ चुनावी फ़ायदे के लिए एक साज़िश मात्र हैं। उन्होंने कहा, "फ़ोन बाँटने की यह रणनीति आम जनता का ध्यान असल मुद्दों से भटकाने के लिए एक राजनीतिक हथकंडा मात्र है।"

झा ने कहा कि दिल्ली की जनता अब जागरूक हो चुकी है और किसी लालच या झूठे प्रचार में नहीं आने वाली। उन्होंने कहा कि अगर भाजपा को वाकई जनता की चिंता है, तो उसे स्वास्थ्य सेवाओं, शिक्षा व्यवस्था और बुनियादी ढाँचे पर काम करना चाहिए।इस बयान के बाद दिल्ली की राजनीति में भूचाल आ गया है। जहाँ कुछ विपक्षी दलों ने अनिल झा के बयान को सही ठहराया, वहीं भाजपा की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।

अनिल झा के इस बयान को पार्टी के अंदरूनी मतभेदों से भी जोड़कर देखा जा रहा है। हालाँकि, उन्होंने ख़ुद स्पष्ट किया कि उनकी लड़ाई किसी व्यक्ति विशेष से नहीं, बल्कि उन नीतियों और तौर-तरीकों से है जो जनता के हितों के ख़िलाफ़ हैं।अब देखना यह है कि भाजपा इस आरोप का क्या जवाब देती है और जनता इस नए विवाद पर अपनी राय बदलती है या नहीं। लेकिन इतना तय है कि इस बयान ने दिल्ली की राजनीति में एक नई बहस छेड़ दी है।

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