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उपराष्ट्रपति पद खाली होते ही हरकत में सियासतदान! हरिवंश नारायण और राष्ट्रपति की मुलाक़ात पर नए वाइस प्रेसिडेंट की अटकले तेज 

उपराष्ट्रपति पद खाली होते ही हरकत में सियासतदान! हरिवंश नारायण और राष्ट्रपति की मुलाक़ात पर नए वाइस प्रेसिडेंट की अटकले तेज 

राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण ने मंगलवार (22 जुलाई 2025) को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की। जगदीप धनखड़ के उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा देने के 24 घंटे के भीतर उपसभापति की राष्ट्रपति से यह मुलाकात कई मायनों में अहम मानी जा रही है।

क्या हरिवंश नारायण को मिलेगी कोई बड़ी जिम्मेदारी?
नियमानुसार, राज्यसभा के सभापति का पद खाली होने के बाद हरिवंश नारायण ने कार्यवाहक सभापति की जिम्मेदारी संभाली है। ऐसे में उन्हें उपराष्ट्रपति बनाए जाने की अटकलें भी तेज हो गई हैं। जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद अगले उपराष्ट्रपति को लेकर देशभर में संभावित चेहरों पर चर्चा शुरू हो गई है। इस दौड़ में अब हरिवंश नारायण सबसे आगे माने जा रहे हैं।राष्ट्रपति भवन ने मुलाकात की एक तस्वीर शेयर करते हुए X पर लिखा, "राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह ने राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की।" धनखड़ ने संसद के मानसून सत्र के पहले दिन अचानक इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद मंगलवार को राज्यसभा में सुबह के सत्र की कार्यवाही का संचालन हरिवंश नारायण ने किया।

विपक्ष ने धनखड़ के इस्तीफे पर जताई हैरानी
उपराष्ट्रपति पद से जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के एक दिन बाद, मंगलवार को कई विपक्षी नेताओं ने इस कदम पर आश्चर्य जताया और इस्तीफे के कारणों को लेकर अटकलों का दौर जारी है। कांग्रेस ने कहा कि सरकार को स्पष्ट करना चाहिए कि जगदीप धनखड़ ने उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा क्यों दिया?

कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने संसद परिसर में कहा, "सरकार को स्पष्ट करना चाहिए कि उपराष्ट्रपति ने इस्तीफा क्यों दिया। मैंने उपराष्ट्रपति का इस्तीफा देखा है। उन्होंने सरकार का आभार व्यक्त किया है, लेकिन सरकार ने कोई टिप्पणी नहीं की। सरकार को कम से कम उनका आभार तो व्यक्त करना चाहिए था। वह इसके हकदार हैं।"

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा, "जगदीप धनखड़ ने बेहद चौंकाने वाला कदम उठाते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने इसके लिए अपने स्वास्थ्य को कारण बताया है। हमें इसका सम्मान करना चाहिए, लेकिन सच्चाई यह भी है कि इसके पीछे कुछ गहरे कारण हैं।"

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