PM Modi और Nitish Kumar एक मंच पर! बिहार की जनता ने किया प्रधानमंत्री का जोरदार स्वागत, वायरल क्लिप में देखिये झलकियां
बुधवार को मोतिहारी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भव्य स्वागत किया गया। इस दौरान मंच पर एक दृश्य ने सबका ध्यान खींचा - प्रधानमंत्री मोदी और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक साथ नज़र आए। यह दृश्य बिहार की राजनीति में कई संकेत देता नज़र आया।
मोतिहारी के गांधी मैदान में आयोजित एक विशाल जनसभा में प्रधानमंत्री मोदी ने बिहार के विकास से जुड़ी कई अहम योजनाओं की घोषणा की। उन्होंने 'पूर्वांचल विकास मिशन' के तहत पूर्वी बिहार और आसपास के इलाकों में बुनियादी ढाँचे, कृषि और शिक्षा में निवेश की योजनाएँ रखीं। लेकिन सबसे ज़्यादा चर्चा का विषय रहा पीएम मोदी और सीएम नीतीश कुमार का एक साथ मंच साझा करना।
बीजेपी और जेडीयू के बीच लंबे समय से कड़वाहट रही है। नीतीश कुमार 2022 में एनडीए से अलग होकर महागठबंधन में शामिल हुए और मुख्यमंत्री बने। लेकिन पिछले कुछ महीनों से नीतीश कुमार के बयानों और बीजेपी नेताओं की प्रतिक्रियाओं में अचानक नरमी देखी जा रही थी। ऐसे में पीएम मोदी और नीतीश कुमार का एक साथ मंच पर आना न सिर्फ़ इस जनसभा को ऐतिहासिक बनाता है, बल्कि बिहार की राजनीति में संभावित गठबंधन की अटकलों को भी हवा देता है।
बैठक के दौरान, प्रधानमंत्री मोदी ने नीतीश कुमार सरकार की कुछ विकास योजनाओं की भी तारीफ की, जो पहले की राजनीतिक कड़वाहट को देखते हुए अप्रत्याशित थी। उन्होंने कहा, "बिहार ने पिछले वर्षों में कई महत्वपूर्ण बदलाव देखे हैं। केंद्र और राज्य मिलकर गरीबों, किसानों और युवाओं के लिए समर्पित भाव से काम कर रहे हैं।" साथ ही, नीतीश कुमार ने भी प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत किया और उनके नेतृत्व की सराहना की तथा बिहार को केंद्र से मिल रहे सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया।इस आयोजन के लिए पूरे मोतिहारी शहर को दुल्हन की तरह सजाया गया था। दूर-दूर से हज़ारों लोग जनसभा में पहुँचे। सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे और पूरे कार्यक्रम का सीधा प्रसारण किया गया।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि 2025 के विधानसभा चुनाव और 2029 के लोकसभा चुनाव को देखते हुए यह नज़दीकी किसी नए समीकरण की ओर इशारा कर सकती है। हालाँकि दोनों दलों ने इस बैठक को "सरकारी कार्यक्रम" करार दिया है, लेकिन इसके निहितार्थों से इनकार नहीं किया जा सकता।मोतिहारी में यह बैठक न केवल एक राजनीतिक घटना बन गई है, बल्कि एक संभावित राजनीतिक गठबंधन के बीज बोने वाला एक ऐतिहासिक क्षण भी बन गई है। अब देखना यह है कि आने वाले महीनों में यह समीकरण कैसे सामने आता है।

