'कान खोलकर सुन लें...' राज्यसभा में क्यों और किसपर फूटा विदेश मंत्री Jaishankar Prasad का गुस्सा ? जानिए पूरे विवाद की कहानी
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बुधवार को कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि कुछ लोग इतिहास से डरते हैं। उन्होंने यह तंज सिंधु जल संधि को लेकर कसा, जिसे पहलगाम आतंकी हमले के बाद निलंबित कर दिया गया था। ऑपरेशन सिंदूर को लेकर विपक्ष कई बार सरकार पर आरोप लगाता रहा है कि ट्रंप ने भारत और पाकिस्तान के बीच युद्धविराम समझौता करवाया है, हालाँकि भारत सरकार इन आरोपों का खंडन करती रही है। राज्यसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा, "मैं उनसे कहना चाहता हूँ, उन्हें ध्यान से सुनना चाहिए। 22 अप्रैल से 16 जून तक राष्ट्रपति ट्रंप और प्रधानमंत्री मोदी के बीच एक भी फोन कॉल नहीं हुई।"इतिहास का हवाला देते हुए जयशंकर ने कहा, "कुछ लोग इतिहास को भूलना चाहते हैं। शायद यह उन्हें शोभा नहीं देता। वे केवल उन्हीं बातों को याद रखना चाहते हैं जो उनके मन को भाती हैं।"
नेहरू की नीतियों पर उठाए सवाल
जयशंकर ने 1960 में संसद में जवाहरलाल नेहरू द्वारा दिए गए बयान को याद किया। उन्होंने कहा, "30 नवंबर, 1960 को नेहरू ने कहा था कि संसद को पानी की मात्रा या पैसे के लेन-देन पर फैसला नहीं करना चाहिए। लोगों ने इसका विरोध किया था।नेहरू ने कहा था कि यह संधि पाकिस्तानी पंजाब के हित में है। लेकिन उन्होंने कश्मीर, पंजाब, राजस्थान या गुजरात के किसानों के बारे में एक शब्द भी नहीं कहा।"विदेश मंत्री ने ज़ोर देकर कहा कि यह संधि उस समय की गलत नीतियों का नतीजा थी। उन्होंने कांग्रेस की सोच पर सवाल उठाए और कहा कि वह इतिहास से सबक लेने को तैयार नहीं है।
'मोदी सरकार ने गलतियों को सुधारा'
जयशंकर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेहरू की गलतियों को सुधारने का काम किया है। उन्होंने कहा, "हमें 60 सालों तक बताया गया कि कुछ नहीं हो सकता। नेहरू की गलतियों को सुधारा नहीं जा सकता। लेकिन मोदी सरकार ने दिखाया कि यह संभव है। अनुच्छेद 370 को खत्म किया गया और अब सिंधु जल संधि को भी सुधारा जा रहा है।"
उन्होंने साफ़ तौर पर कहा कि जब तक पाकिस्तान आतंकवाद को समर्थन देना पूरी तरह बंद नहीं कर देता, तब तक यह संधि निलंबित रहेगी। "हमने चेतावनी दी है कि खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते।"जयशंकर ने कहा कि भारत अब पुरानी गलतियाँ नहीं दोहराने वाला। पाकिस्तान को कड़ा संदेश देते हुए उन्होंने कहा कि आतंकवाद और जल संधि एक साथ नहीं चल सकते। "हमने स्पष्ट कर दिया है कि अगर पाकिस्तान अपनी नीतियों में बदलाव नहीं करता, तो भारत इस संधि को लागू नहीं करेगा।"

