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जगदीप धनखड़ को आया एक फोन कॉल और फिर तीखी बहस के बाद दे दिया इस्तीफ़ा.... यहां पढ़िए पूरी इनसाइड स्टोरी 

जगदीप धनखड़ को आया एक फोन कॉल और फिर तीखी बहस के बाद दे दिया इस्तीफ़ा.... यहां पढ़िए पूरी इनसाइड स्टोरी 

उपराष्ट्रपति पद से जगदीप धनखड़ के इस्तीफे पर सियासत जारी है। उन्होंने सोमवार को स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए राष्ट्रपति को अपना इस्तीफा सौंप दिया। हालांकि, कहा जा रहा है कि यह इस्तीफा जज के घर मिली नकदी के मुद्दे पर चल रही बहस से जुड़ा है। हालांकि, धनखड़ या सरकार ने इस बारे में आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा है।

रिपोर्ट के अनुसार, इस पूरे घटनाक्रम का केंद्र जस्टिस यशवंत वर्मा को हटाने के खिलाफ विपक्ष का प्रस्ताव था। सोमवार को जब मानसून सत्र शुरू हुआ तो विपक्षी सांसदों ने एक नोटिस पेश किया। खास बात यह है कि धनखड़ ने नोटिस स्वीकार कर लिया और सदन महासचिव को आवश्यक कार्रवाई करने को कहा गया।रिपोर्ट के अनुसार, सूत्रों ने बताया कि केंद्र को धनखड़ का यह कदम पसंद नहीं आया। ऐसे में विपक्ष का नोटिस स्वीकार करने से सरकार के पास जज और न्यायपालिका के खिलाफ आक्रामक रुख अपनाने का मौका चला गया।

सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है कि केंद्र ने उपराष्ट्रपति से बात की और यह मुद्दा उठाया। धनखड़ ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की और बातचीत बहस में बदल गई। रिपोर्ट के मुताबिक, इस फोन कॉल के बाद धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की चर्चा शुरू हो गई। ऐसे में जब धनखड़ को इसकी जानकारी हुई तो उन्होंने खुद ही अपने पद से इस्तीफा दे दिया।

नड्डा और रिजिजू की अनुपस्थिति
विपक्ष ने इस मुद्दे को जमकर उठाया और कार्य मंत्रणा समिति से केंद्रीय मंत्री जगत प्रकाश नड्डा और किरण रिजिजू की अनुपस्थिति का मुद्दा उठाया। रमेश ने लिखा, 'कल दोपहर 12.30 बजे जगदीप धनखड़ ने राज्यसभा की कार्य मंत्रणा समिति की अध्यक्षता की। इसमें सदन के नेता जेपी नड्डा और संसदीय कार्य मंत्री किरण रिजिजू समेत ज्यादातर सदस्य मौजूद थे। कुछ देर की चर्चा के बाद कार्य मंत्रणा समिति ने शाम 4.30 बजे फिर से बैठक करने का फैसला किया।'

उन्होंने कहा, 'शाम 4.30 बजे जगदीप धनखड़ की अध्यक्षता में कार्य मंत्रणा समिति की फिर से बैठक हुई। बैठक में नड्डा और रिजिजू के आने का इंतजार किया जा रहा था। वे नहीं आए।' कांग्रेस नेता ने दावा किया कि धनखड़ को व्यक्तिगत रूप से सूचित नहीं किया गया था कि दोनों वरिष्ठ मंत्री बैठक में शामिल नहीं हो रहे हैं और धनखड़ को यह बात बुरी लगी और फिर उन्होंने कार्य मंत्रणा समिति की बैठक मंगलवार दोपहर 1 बजे के लिए पुनर्निर्धारित कर दी।रमेश ने दावा किया कि सोमवार दोपहर 1 बजे से शाम 4.30 बजे के बीच कोई बहुत गंभीर घटना घटी, जिसके कारण नड्डा और रिजिजू जानबूझकर दूसरी कार्य मंत्रणा समिति की बैठक से अनुपस्थित रहे।

इस्तीफे का कारण क्या था
धनखड़ ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को लिखे पत्र में कहा, 'स्वास्थ्य सेवा को प्राथमिकता देने और चिकित्सीय सलाह का पालन करने के लिए, मैं संविधान के अनुच्छेद 67 (ए) के अनुसार, तत्काल प्रभाव से भारत के उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे रहा हूँ।'

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