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क्या खुद की मर्जी या सियासी दबाव ? इस्तीफे से पहले दिए बयान ने खड़े किए कई सवाल, सोशल मीडिया पर हो रहा वायरल

क्या खुद की मर्जी या सियासी दबाव ? इस्तीफे से पहले दिए बयान ने खड़े किए कई सवाल, सोशल मीडिया पर हो रहा वायरल

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सोमवार रात अचानक अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने अपने स्वास्थ्य का हवाला देते हुए इस्तीफे की घोषणा की। लेकिन विपक्षी दलों के गले यह तर्क नहीं उतर रहा है। विपक्षी नेताओं का कहना है कि अगर उनकी तबीयत इतनी खराब होती, तो वे दिन में राज्यसभा की कार्यवाही में हिस्सा नहीं लेते। कांग्रेस समेत कई दलों के नेताओं ने इस्तीफे के पीछे किसी और वजह की आशंका जताई है।

इस बीच, सोशल मीडिया पर धनखड़ के कई वीडियो वायरल हो रहे हैं। कुछ लोग उनका वह वीडियो भी शेयर कर रहे हैं जिसमें वह कहते सुनाई दे रहे हैं कि 'मैं दबाव में काम नहीं करता।' कई लोग इस वीडियो के ज़रिए यह बताने की कोशिश कर रहे हैं कि धनखड़ दबाव में थे। हालाँकि, सच्चाई यह है कि धनखड़ ने 'दबाव' के दावों को खारिज करते हुए यह बात कही थी।

मामला सिर्फ़ तीन हफ़्ते पुराना है। जगदीप धनखड़ अपने गृह राज्य राजस्थान के दौरे पर थे। वह जयपुर के कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में आयोजित पूर्व विधायक संघ के कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने अशोक गहलोत के उस दावे का जवाब दिया जिसमें पूर्व सीएम ने अपने भाषण में कहा था कि 'उपाध्यक्ष जगदीप धनखड़ और लोकसभा अध्यक्ष दोनों दबाव में हैं।'

धनखड़ ने अपने भाषण की शुरुआत में और अंत में दो बार गहलोत के आरोपों का जवाब दिया। उन्होंने शुरुआत में कहा, 'मैं कह सकता हूँ कि मुझ पर कोई दबाव नहीं है। न तो मैं किसी पर दबाव डालता हूँ और न ही किसी दबाव में आता हूँ। मैं यह बात राजस्थान की धरती पर इसलिए कह रहा हूँ क्योंकि यह मेरे करीबी मित्र का बयान है। मैंने खुद करीब से देखा है कि मेरे मित्र लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला जी दबाव में नहीं आ सकते। मैं उनके साथ मिलकर काम करता हूँ। दूसरा महत्वपूर्ण पहलू यह है कि जो व्यक्ति राजस्थान का पानी पीता है, वह दबाव में कैसे आ सकता है। वह कठिन परिस्थितियों में भी कड़ी मेहनत करता है।'

अपना भाषण समाप्त करने से पहले उन्होंने एक बार फिर गहलोत के आरोपों का जवाब दिया और कहा, 'अंत में, मैं थोड़ा चिंतित था, अपने स्वास्थ्य को लेकर नहीं, बल्कि अपने मित्र पूर्व मुख्यमंत्री के स्वास्थ्य को लेकर, जिन्होंने कहा था कि हम दबाव में हैं। महामहिम, आपने हमारी पैरवी की है। लेकिन मैं उन्हें आश्वस्त करना चाहता हूँ, राजस्थान की राजनीति में वे मेरे सबसे पुराने मित्र हैं, मेरे सबसे बड़े शुभचिंतक भी हैं। हमारी पारिवारिक मित्रता भी गहरी है। मैं यह बात सार्वजनिक रूप से इसलिए कह रहा हूँ क्योंकि उन्होंने सार्वजनिक रूप से कहा है।' वो चिंता मुक्त हो, न मैं दबाव में हूँ, न मैं दबाव देता हूँ, न मैं दबाव में काम करता हूँ। न मैं किसी से दबाव में काम करवाता हूँ।

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