गुरुवार को नई दिल्ली में हुई इस बैठक की अध्यक्षता करते हुए आवास और शहरी कार्य मंत्रालय सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा ने राज्यों व संघ शासित क्षेत्रों में घरों की बुनियादी स्थिति और निर्माण से संबंधित मुद्दों पर भी चर्चा की। उन्होंने राज्य व संघ शासित क्षेत्रों के अधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्रों में घरों के निर्माण में तेजी लाने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि नींव डालना राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों की पहली जिम्मेदारी होनी चाहिए, इसके बाद भूखंडों पर घर बनाने को शत-प्रतिशत पूरा करने पर ध्यान देना चाहिए। शहर दर शहर की मांग के हिसाब से राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों को परिपूर्णता की घोषणा करनी चाहिए। उन्होने भारतीय संदर्भ में आगे के प्रतिरूप के लिए एलएचपी तकनीकों को बढ़ावा देने का आग्रह करते हुए राज्य के अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे छात्रों, पेशेवरों और अन्य हितधारकों को टेक्नोग्राही के रूप में भर्ती कर उत्साहित करें ताकि अधिक से अधिक लोग इन तकनीकों का उपयोग करना सीखें। उन्होंने सभी राज्यों व संघ शासित क्षेत्रों से एलएचपी साइटों का दौरा करने और इसके बारे में अध्ययन करने का अनुरोध करते हुए टेक्नोग्राही मापदंड के हिसाब से इंजीनियर्स और शहरी योजनाकारों को प्रशिक्षित करने को भी कहा।
केंद्रीय मंजूरी और निगरानी समिति की बैठक में नागालैंड के दीमापुर और जम्मू के कोट भलवाल में डिमॉन्स्ट्रेशन हाउसिंग प्रोजेक्ट्स के निर्माण को भी मंजूरी दी गई। दीमापुर में बनने वाले डीएचपी का उपयोग कामकाजी महिला छात्रावास के रूप में किया जाएगा, जबकि कोट भवन अन्य बुनियादी सुविधाओं और प्रावधानों के साथ किराये के आधार पर एक खेल छात्रावास के रूप में कार्य करेगा। बैठक में आईआईटी खड़गपुर द्वारा प्रस्तुत कम लागत वाली बांस आवास परियोजना के लिए आशा भारत के तहत सहयोग के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई। मंत्रालय के सचिव ने चेन्नई , इंदौर , राजकोट , रांची , अगरतला और लखनऊ में लाइट हाउस परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को निर्माण कार्य निर्धारित समय में पूरा करने को लेकर भी निर्देश दिए।
--आईएएनएस
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