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"फ्री बिजली से कुछ नहीं होगा...'' पीएम मोदी की नीतियों पर प्रशांत किशोर का बड़ा हमला, कहा- 'रोजगार और शिक्षा की हो असली बात'

"फ्री बिजली से कुछ नहीं होगा...'' पीएम मोदी की नीतियों पर प्रशांत किशोर का बड़ा हमला, कहा- 'रोजगार और शिक्षा की हो असली बात'

चुनावी रणनीतिकार से राजनीतिक विश्लेषक बने प्रशांत किशोर ने एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों पर सीधा हमला बोला है। इस बार निशाना केंद्र सरकार की "मुफ़्त बिजली" योजना है, जिस पर किशोर ने तीखा तंज कसते हुए कहा - "मुफ़्त बिजली से कुछ नहीं होगा!"

प्रशांत किशोर का यह बयान ऐसे समय में आया है जब केंद्र सरकार और कई राज्य सरकारें गरीब वर्ग को मुफ़्त बिजली देने की योजनाओं को लेकर सक्रिय हैं। उन्होंने साफ़ कहा कि सिर्फ़ मुफ़्त बिजली जैसी योजनाओं से लोगों का जीवन नहीं सुधरेगा, बल्कि असली बदलाव रोज़गार, शिक्षा, स्वास्थ्य और शासन व्यवस्था के ढाँचे में सुधार से आएगा।

बिहार में एक जन संवाद कार्यक्रम के दौरान किशोर ने कहा, "अगर किसी राज्य में 300 यूनिट बिजली मुफ़्त भी मिल जाए, तो क्या इससे उस व्यक्ति की आर्थिक स्थिति सुधरेगी जो बेरोज़गार है या जिसके पास कोई आय नहीं है?" उन्होंने आगे कहा कि इस तरह के "लालची वादे" सिर्फ़ वोट ख़रीद सकते हैं, लेकिन देश की बुनियादी समस्याओं का समाधान नहीं करेंगे।

केंद्र और राज्यों की लोकलुभावन नीतियों पर सवाल उठाते हुए किशोर ने कहा कि ये योजनाएँ केवल अल्पकालिक राहत देती हैं, दीर्घकालिक विकास के लिए कोई ठोस योजना नज़र नहीं आती। उनका यह बयान राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गया है।

राजनीतिक जानकारों का मानना है कि प्रशांत किशोर 2025 या 2026 में एक नए राजनीतिक मोर्चे की तैयारी कर रहे हैं और इसके तहत वे जनता से सीधे संवाद कर रहे हैं। गौरतलब है कि वे पहले नीतीश कुमार, ममता बनर्जी और अन्य नेताओं के साथ काम कर चुके हैं, लेकिन अब वे अलग राह अपनाने की बात कर रहे हैं।

फ़िलहाल, इस बयान पर भाजपा की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन विपक्षी दलों ने किशोर के विचारों पर ज़ोर दिया है। आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि प्रशांत किशोर अपनी आलोचनाओं को किस तरह राजनीतिक विकल्प में बदलते हैं।

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