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Cabinet ने टेलीकॉम सेक्टर में ऑटोमैटिक रूट से 100 फीसदी एफडीआई की इजाजत देने का फैसला किया

कैबिनेट ने टेलीकॉम सेक्टर में ऑटोमैटिक रूट से 100 फीसदी एफडीआई की इजाजत देने का फैसला किया


राजनीति न्यूज डेस्क !!! मोदी कैबेनेट ने आज बुधवार 15 सितंबर को अपने कैबिनेट मीटिंग में टेलिकॉम सेक्टर की समस्याओं को दूर करके भविष्य में और तेजी से विस्तार करने के उद्देश्य से कई महत्वपूर्ण फ़ैसलें लिए। 


भारत सरकार के सूचना और प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने आज मोदी कैबिनेट के टेलिकॉम सेक्टर पर हुए  महत्वपूर्ण फ़ैसलों के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि टेलीकॉम सेक्टर में ऑटोमैटिक रूट से 100 फीसदी FDI (प्रत्यक्ष विदेशी निवेश) की इजाजत देने का फैसला किया है। हां, उन्होंने यह जरूर कहा कि इस फ़ैसले में तमाम सुरक्षा उपाय लागू होंगे। 


टेलिकॉम सेक्टर पर मोदी कैबिनेट के एक और महत्वपूर्ण फ़ैसले को बताते हुए केन्द्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि कैबिनेट द्वारा समायोजित सकल राजस्व (AGR) का युक्तिकरण: करते हुए  नॉन-टेलिकॉम रेवेन्यू को AGR से बाहर रखे जाने पर फ़ैसला हुआ है। मोदी सरकार का रेट्रोस्पेक्टिव टैक्स के फ़ैसले के बाद यह एक और क्रांतिकारी फ़ैसला है। 


साथ ही दूरसंचार सेवा प्रदाताओं के बकाया के लिए 4 साल की मोहलत को भी मंजूरी दी गई है। साथ ही मोराटोरियम का लाभ उठाने वालों को मोराटोरियम राशि पर अब केवल MCLR के अलावे 2 प्रतिशत की दर से ब्याज देना होगा। 


ज्ञात हो कि आज मोदी कैबिनेट ने AGR और मोराटोरियम पर जो फ़ैसलें लिए हैं, उसको लेकर भारत में कई टेलिकॉम सेवा प्रदाता कंपनियों ने भारत सरकार से लंबे समय से मांग की हुई थी और इसको लेकर उच्चतम न्यायालय तक को कई बार हस्तक्षेप करना पड़ा था, विशेषतः टैक्स बकाए के भुगतान के समयसीमा को लेकर। उम्मीद है कि मोदी कैबिनेट के इस फ़ैसले को लागू होने से यह पुराना और विवादित मुद्दा समाप्त हो जाएगा।  


मोदी कैबिनेट ने आज जो टेलीकॉम सेक्टर में ऑटोमैटिक रूट से 100 फीसदी FDI (प्रत्यक्ष विदेशी निवेश) की मंजूरी प्रदान की है, उससे वर्तमान में कार्यरत वोडाफोन जैसी विदेशी कंपनियों को तो फायदा होगा ही, उसके साथ ही कई और विदेशी टेलिकॉम कंपनियां भी भारत का रुख करेगी। मोदी कैबिनेट के इन फैसलों के लागू होने से उनका भारतीय बाजारों पर विश्वाश बढ़ेगा, और वे यहां से पलायन करने के बजाय खुल कर बेझिझक विस्तार करने के बारे में सोचेंगे।


न्यूज हेल्पलाइन    

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