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गुजरात में कांग्रेस की बड़ी सियासी चाल! 40 नए जिला और शहर अध्यक्षों की नियुक्ति से बदलने वाली है चुनावी रणनीति, देखें पूरी लिस्ट

गुजरात में कांग्रेस की बड़ी सियासी चाल! 40 नए जिला और शहर अध्यक्षों की नियुक्ति से बदलने वाली है चुनावी रणनीति, देखें पूरी लिस्ट​​​​​​​

गुजरात में कांग्रेस ने 40 जिला और शहर अध्यक्षों की नियुक्ति कर संगठन को मजबूत करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। कांग्रेस ने अपने संगठन में नई जान फूंकने और जिला अध्यक्षों को और अधिक अधिकार देने का फैसला किया है। इसके लिए 'संगठन सृजन' अभियान शुरू किया गया है, जिसके तहत 40 जिला और शहर इकाइयों के अध्यक्षों की नियुक्ति की गई। कांग्रेस ने संगठन सृजन अभियान की शुरुआत गुजरात से की है। अध्यक्षों की नियुक्ति के लिए पार्टी ने दो महीने से अधिक समय तक शोध और मंथन किया।

गुजरात विधानसभा चुनाव 2027 की तैयारी

गुजरात की मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस का कहना है कि पार्टी को गुजरात विधानसभा चुनाव 2027 के लिए तैयार किया जा रहा है। अध्यक्षों की जिम्मेदारी तय करना इस दिशा में एक बड़ा कदम है। इस अभियान के तहत कुछ महीनों के भीतर अन्य राज्यों में भी जिला अध्यक्षों की नियुक्ति की जाएगी। बताया जा रहा है कि इस अभियान में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) और प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीसीसी) के पर्यवेक्षकों की भूमिका अहम है।

कांग्रेस संगठन महासचिव का बड़ा बयान

कांग्रेस संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा, "कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने गुजरात में जिला और शहर कांग्रेस कमेटी (डीसीसी) अध्यक्षों की नियुक्ति को तत्काल प्रभाव से मंजूरी दे दी है। ये नियुक्तियां 'संगठन सृजन' अभियान के तहत गहन संगठनात्मक अभ्यास का परिणाम हैं। बूथ से लेकर जिला स्तर तक पार्टी संरचना को पुनर्जीवित करने के लिए शुरू किया गया अभियान पारदर्शी, समावेशी और विचारधारा आधारित नेतृत्व चयन पर केंद्रित है।"

43 एआईसीसी पर्यवेक्षकों और 183 पीसीसी पर्यवेक्षकों ने किया विचार-विमर्श

12 अप्रैल को 43 एआईसीसी पर्यवेक्षकों और 183 पीसीसी पर्यवेक्षकों को गुजरात के सभी जिलों की जिम्मेदारी दी गई थी। इसके बाद एआईसीसी पर्यवेक्षकों ने पीसीसी पर्यवेक्षकों के साथ मिलकर सभी 26 लोकसभा क्षेत्रों, 182 विधानसभा क्षेत्रों और लगभग सभी 235 ब्लॉक कांग्रेस समितियों के साथ विचार-विमर्श किया। उन्होंने संगठनात्मक पारिस्थितिकी तंत्र का आकलन करने के लिए सार्वजनिक संवाद, आमने-सामने की बैठकों और प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए पार्टी कार्यकर्ताओं, नागरिक समाज और स्थानीय समुदायों से बातचीत की।

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