वायरल वीडियो में देखे चुनाव आयोग पर ओवैसी का तीखा हमला, बोले - 'सवाल सिर्फ हार-जीत का नहीं, लोकतंत्र की आत्मा का है....'
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने एक बार फिर चुनाव आयोग को कटघरे में खड़ा किया है। उन्होंने हाल ही में जारी चुनाव आयोग की रिपोर्ट पर तीखा हमला बोलते हुए कहा, "यह सिर्फ़ जीत या हार का सवाल नहीं है, यह लोकतंत्र की आत्मा का सवाल है।" ओवैसी ने साफ़ तौर पर आरोप लगाया कि चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठ रहे हैं और इसकी जाँच होनी चाहिए।
ओवैसी का यह बयान ऐसे समय में आया है जब चुनाव आयोग ने हाल ही में 2024 के लोकसभा चुनावों को लेकर अपनी प्रक्रिया और निष्पक्षता पर आधारित एक रिपोर्ट पेश की है। रिपोर्ट में कहा गया है कि चुनाव स्वतंत्र, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण माहौल में संपन्न हुए। लेकिन ओवैसी ने इससे असहमति जताते हुए कहा कि कई संवेदनशील इलाकों में मतदान के तरीके और ईवीएम की विश्वसनीयता को लेकर लोगों के मन में संदेह बना हुआ है, जिसे नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता।
मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा, "लोकतंत्र में विश्वास बनाए रखने के लिए सिर्फ़ निष्कर्ष ही नहीं, बल्कि प्रक्रिया की पारदर्शिता भी ज़रूरी है। अगर जनता को लगता है कि उनकी आवाज़ दबाई जा रही है, तो यह चुनाव नहीं, तमाशा बन जाता है।"
ओवैसी ने यह भी आरोप लगाया कि आयोग कुछ राजनीतिक दलों के ख़िलाफ़ सख़्त रवैया अपनाता है, जबकि कुछ सत्ताधारी दलों के ख़िलाफ़ कार्रवाई करने से हिचकिचाता है। उन्होंने सवाल किया कि जब कुछ राज्यों में मतगणना के दौरान अनियमितताओं की ख़बरें आईं, तो आयोग ने शिकायतों का संज्ञान क्यों नहीं लिया।
उन्होंने यह भी कहा कि चुनाव आयोग को सिर्फ़ अपनी प्रक्रिया बताकर अपना बचाव नहीं करना चाहिए, बल्कि उसे जनता के सवालों का जवाब देना चाहिए। ओवैसी ने दोहराया, "यह अब जीत या हार का मामला नहीं है, यह भारत के लोकतांत्रिक ढाँचे के भविष्य का सवाल है।"
विश्लेषकों का मानना है कि ओवैसी की नाराज़गी सिर्फ़ एक पार्टी की राय नहीं है, बल्कि कई विपक्षी दलों ने चुनाव आयोग की कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि चुनाव आयोग इन आपत्तियों पर कोई सार्वजनिक प्रतिक्रिया देता है या फिर इन्हें नजरअंदाज कर देता है।

