जानिए क्यों मनाया जाता हैं वेलेंटाइन डे
देश दुनिया में सभी बंधनों की डोर प्यार से बंधी हैं। अगर व्यक्ति के जीवन में प्यार नहीं हैं, तो जीवन वीराना हो जाता हैं फिर चाहे मां बाप का हो, दोस्तों का हो, या फिर प्रेमी प्रेमिका का हो। प्यार के बिना जीवन अधूरा सा लगता हैं। वही इस प्रेम को बरकरार रखने के लिए ही प्रकृति ने वसंत ऋतु बनाई हैं इस मौसम में जहां, बाग बगीचे में कोयल गूंजने लगती हैं बागों में पुष्प खिल जाते हैं वही पतझगड़में बहार आ जाती हैं। वही पूरे वातावरण में नव जीवन का संचार हो जाता हैं
वही जबकि वसंत ऋतु के आगमन से युवा दिलों की धड़कने तेज हो जाती हैं ऐसा इसलिए होता हैं क्योंकि इस महीने में एक प्रेमी अपने प्यार का इज़हार अपने हमदम से करता हैं और इस इश्क में कुछ लोगों को कामयाबी, तो कुछ लोगों को नाकामयाबी हासिल हुई। वैसे तो प्यार के इजहार में किसी विशेष तिथि का इंतजार नहीं करना चाहिए। और अगर दिल में किसी के लिए प्यार हैं तो उसे तुरंत कह देना चाहिए। ऐसा करने से दोनों पक्षों को क्लीयरटी मिल जाती हैं। बता दें कि हर साल दुनिया भर में 14 फरवरी का दिन वेलेंटाइन डे के रूप में मनाया जाता हैं इस दिन को साल का बेहद रोमांटिक दिन माना गया हैं जब वेलेंटाइन डे के अवसर पर एक प्रेमी अपने प्यार का इजहार करता हैं।
जानिए क्यों मनाते हैं वेलेंटाइन डे—
सदियों पुरानी बात हैं जब रोम में राजा क्लॉडियस का सम्राज्य हुआ करता था। जो अपने पराक्रम, वीरता और श्रेष्ठता के लिए दुनिया भर में जाना जाता था और एक दिन क्लॉडियस ने अपने सम्राज्य को विश्व शक्ति बनाने के लिए अजीबोगरीब फरमान जारी किया। जिसमें उन्होंने अपने सम्राज्य के किसी भी पुरुष को शादी नहीं करने का आदेश दिया। इस बारे में क्लॉडियस का कहना थां कि शादी करने से पुरुष की बौद्धिक और शारीरिक शक्ति का नाश हो जाता हैं ऐसे में रोम की वीरता और श्रेष्ठता बनाए रखने के लिए पुरुषों को अविवाहित रहना जरूरी हैं।
वही क्लॉडियस के इस तुगलकी फरमान से पूरे रोम में हाहाकार मच गया। लोगों ने खासकर महिला वर्ग ने इसका पूरा विरोध किया और वे धार्मिक संतों के पास पहुंचे। इसके बाद संत वैलेंटाइन ने क्लॉडियस के इस तुगलकी फरमान का पुरजोर विरोध किया और रोम के लोगों को शादी करने के लिए प्रेरित किया। इस के अतिरिक्त संत वैलेंटाइन ने क्लॉडियस के आदेश की पहवाह किए बिना रोम में सैनिकों और अधिकारियों समेत आम लोगों की शादी करवाई। जिससे क्लॉडियस बहुत नाराज हुए और उन्होंने 14 फरवरी सन् 269 को संत वैलेंटाइन को गिरफ्तार करने का आदेश दिया और फिर संत वैलेंटाइन को गिरफ्तार कर उन्हें सूली पर चढ़ा दिया गया। जिस दिन संत वैलेंटाइन को सूली पर लटकाया गया। उसी दिन से वैलेंटाइन डे मनाने की प्रथा शुरू हो गई।