ज्यादा खाना खाने की एक वजह ये भी होती है
जयपुर। आज के मनुष्य में फैट बढ़ता ही जा रहा है। इसका मुख्य कारण होता है भोजन पर नियंत्रण न कर पाना। हाल ही में वैज्ञानिकों ने शोध के बाद खुलासा किया है कि लोगों में ज्यादा मात्रा में खाना खाने की वजह उनके मस्तिष्क का तनाव भी हो सकता है। दरअसल तनाव की इस हालत को स्ट्रेस ईटिंग कहते हैं, जो न सिर्फ मानसिक बल्कि शारीरिक रूप से भी व्यक्ति को काफी नुकसान पहुंचाती है।
इसके लिए पीएसआरआई हॉस्पिटल में साइकोलॉजिस्ट कौस्तुभी शुक्ला बताते है कि जब तनाव की स्थिति पैदा होती है, तो शरीर की एड्रेनल ग्रंथि से कार्टिसाल हार्मोन का स्राव होता है, जिससे भूख बढ़ती है। तनाव में अधिक खाने के कारण न सिर्फ मोटापा बढ़ता है बल्कि हृदय रोग, अल्जाइमर, डायबिटीज, डिप्रेशन, पेट से जुड़ी बीमारियां तथा अस्थमा होने का खतरा कई गुणा बढ़ जाता है।
विशेषज्ञ बताते है कि यदि आपको इन सारी समस्याओं से बचना है, तो इन उपचारों को अपना सकते हैं। सबसे पहले अपना मेटाबॉलिज्म व हॉर्मोन टेस्ट करवाएं और यह पता लगाएं कि कहीं मेटाबॉलिज्म व पेट से संबंधित कोई बीमारी तो नहीं,जिसकी वजह से आपको बार-बार भूख लग रही है।
ऐसा इसलिए क्योंकि स्ट्रेस ईटिंग एक ऐसी स्थिति है जिसका मोडिकल साइंस के पास भी अभी तक सीधा इलाज नहीं है। इसे ठीक करने के लिए मेडिकल साइंस के पास कोई अन्य तकनीक भी नहीं है। इसके अलावा शारीरिक रूप से सक्रिय रहकर भी तनाव की स्थिति को कम किया जा सकता है।
इसके लिए घर से बाहर निकलें, व्यायाम करें और टहलने जाएं। अगर सुबह व्यायाम नहीं कर सकती हैं तो काम के दौरान ही व्यायाम करें। इसके साथ ही सकारात्मक सोच को बनाये रखे, अपनी भावनाओं को दूसरों के सामने व्यक्त करें, पालतू जानवरों के साथ वक्त बिताये, खुद को थोड़ा से व्यस्त रखे और सामाजिक गतिविधियों में भाग लेवे। इन सभी क्रियाओं को अपनाकर आप अपने तनाव को काफी हद तक कम कर सकते हैं।