Guru ravidas jayanti: संत रविदास जी की जयंती आज, पढ़ें उनके अनमोल वचन
आज यानी 27 फरवरी दिन शनिवार को संत रविदास जी की जयंती मनाई जा रही हैं इनका जन्म माघ मास की पूर्णिमा दिन रविवार को संवत 1388 को हुआ था। इनके पिता का नाम राहू और माता का नाम करमा था। इनकी पत्नी का नाम लोना बताया जाता हैं इन्हें संता रविदास, गुरु रविदास, रैदास, रूहिदास और रोहिदास जैसे कई नामों से जाना जाता हैं संत रविदास बहुत ही दयालु स्वभाव के थे। इनका स्वभाव बहुत परोपकारी था। इनका अधिकतर समय प्रभु भक्ति और सत्संग में गुजरता था। इनकी ज्ञान और वाणी इतनी मधुर थी कि सभी लोग प्रभावित हो जाते थे। तो आज हम आपके लिए संत रविदास जी की जयंती पर लेकर आए है उनके अनमोल वचन, तो आइए जानते हैं।यहां पढ़ें संत रविदास जी के अनमोल वचन—
किसी के लिए भी पूजा इसलिए नहीं करनी चाहिए क्योंकि वो किसी पूजनीय पद पर बैठा हैं अगर जातक में योग्य गुण नहीं हैं तो उसकी पूजा न करें। मगर अगर कोई व्यक्ति ऊंचे पद पर नहीं बैठा है मगर उसमें योग्य गुण हैं तो ऐसे लोग की पूजा करनी चाहिए।
भगवान उस ह्रदय में निवास करते हैं जहां किसी भी तरह का बैर भाव नहीं होता है। न ही कोई लालच या द्वेष नहीं होता हैं।कोई व्यक्ति जनम से छोटा या बड़ा नहीं होता हैं वो अपने कर्मों से बड़ा छोटा होता हैं।
हमेशा कर्म करते रहो लेकिन उससे मिलने वाले फल की आशा नहीं करनी चाहिए क्योंकि कर्म हमारा धर्म है और फल हमारा सौभाग्य।
जिस तरह से तेज हवा के चलते सागर में बड़ी लहरे उठती हैं और फिर से सागर में ही समा जाती हैं सागर से अलग उनका कोई अस्तित्व नहीं होता हैं इसी तरह से परमात्मा के बिना मानव का भी कोई अस्तित्व नहीं हैं।