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‘किराए के मकान में रहती हो, मेरे साथ क्यों नहीं…’, प्रिंसिपल ने महिला टीचर से कही ऐसी बात की मच गया हंगामा

मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की ग्वालियर खंडपीठ की युगलपीठ ने भिंड जिले के केंद्रीय विद्यालय में एक महिला के साथ हुए यौन उत्पीड़न के मामले में बेहद महत्वपूर्ण आदेश दिया है। अदालत ने विशाखा समिति को महिला के स्कूल प्रिंसिपल के खिलाफ लगाए गए यौन....

मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की ग्वालियर खंडपीठ की युगलपीठ ने भिंड जिले के केंद्रीय विद्यालय में एक महिला के साथ हुए यौन उत्पीड़न के मामले में बेहद महत्वपूर्ण आदेश दिया है। अदालत ने विशाखा समिति को महिला के स्कूल प्रिंसिपल के खिलाफ लगाए गए यौन उत्पीड़न के गंभीर आरोपों की जांच करने का निर्देश दिया है। स्कूल की आंतरिक समिति महिला शिक्षिका द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत पर विचार-विमर्श करेगी। फिर, अंतिम रिपोर्ट में जो भी तथ्य सामने आएंगे, उनके आधार पर कानून के तहत कार्रवाई की जाएगी तथा मामले से संबंधित सभी लोगों को अपना पक्ष रखने का अवसर दिया जाएगा।

मामला ग्वालियर चंबल संभाग के भिंड जिले का है, जहां केंद्रीय विद्यालय की एक शिक्षिका ने स्कूल के प्रिंसिपल अजय कुमार सक्सेना पर यौन उत्पीड़न के गंभीर आरोप लगाए हैं। इससे पहले महिला शिक्षिका ने प्रिंसिपल की शिकायत भिंड कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक और केंद्रीय विद्यालय संगठन भोपाल से की थी। जब प्रिंसिपल के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होती दिखी तो महिला शिक्षिका ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की। महिला शिक्षिका के वकील ने हाईकोर्ट में दायर याचिका में कहा था- केंद्रीय विद्यालय के प्रिंसिपल अजय कुमार सक्सेना… स्कूल की महिला शिक्षिका पर दबाव बनाते हैं और कहते हैं कि आप किराए के मकान में अकेली रहती हैं, आप मेरे साथ आकर क्यों नहीं रहतीं?

याचिका में और क्या है?

महिला शिक्षिका द्वारा दायर याचिका में केन्द्रीय विद्यालय के प्रधानाचार्य को प्रतिवादी बनाया गया था, लेकिन उनका पक्ष रखने के लिए कोई भी अदालत में उपस्थित नहीं हुआ। इसके बाद मामले की सुनवाई विशाखा समिति द्वारा की जाएगी। इस दौरान दोनों पक्षों की बात सुनी जाएगी और पूरी जांच के बाद दोषी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

विशाखा समिति की स्थापना 1997 में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा की गई थी। विशाखा समिति का मुख्य उद्देश्य परिसर में छात्राओं और महिला कर्मचारियों की शिकायतों का पूरा ध्यान रखना है। इसका उद्देश्य विशुद्ध रूप से महिला छात्राओं और महिला कर्मचारियों के अधिकारों की रक्षा करना तथा लड़कियों और महिला कर्मचारियों के लिए स्वस्थ और सुरक्षित वातावरण बनाए रखना है।

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