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यह नया उत्तर प्रदेश है, आज प्रदेश में न दंगे हैं, न अराजकताः सीएम योगी

लखनऊ, 24 दिसंबर (आईएएनएस)। शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन अनुपूरक बजट पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समाजवादी पार्टी पर जमकर हमला किया। उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सरकारों की योजनाएं भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ती रहीं, जेपीएनआईसी और गोमती रिवरफ्रंट इसके उदाहरण हैं।
यह नया उत्तर प्रदेश है, आज प्रदेश में न दंगे हैं, न अराजकताः सीएम योगी

लखनऊ, 24 दिसंबर (आईएएनएस)। शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन अनुपूरक बजट पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समाजवादी पार्टी पर जमकर हमला किया। उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सरकारों की योजनाएं भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ती रहीं, जेपीएनआईसी और गोमती रिवरफ्रंट इसके उदाहरण हैं।

सीएम योगी ने कहा कि हमारी सरकार ने पूर्वांचल एक्सप्रेसवे जैसे प्रोजेक्ट कम लागत में, बेहतर गुणवत्ता के साथ पूरे किए। किसानों को बिजली, सुरक्षा और समय पर भुगतान की गारंटी दी गई। गन्ना किसानों को अब तक ₹2.92 लाख करोड़ का भुगतान किया जा चुका है। पुलिस व्यवस्था को सुदृढ़ किया गया, पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम लागू हुआ, फॉरेंसिक लैब्स और साइबर थानों का विस्तार हुआ। महिला पीएसी बटालियन गठित की गई और सेफ सिटी के लक्ष्य को प्राप्त किया गया।

उन्होंने कहा कि आज उत्तर प्रदेश में न दंगे हैं, न अराजकता। यह नया उत्तर प्रदेश है, जहां कानून का राज है, विकास की गति है और जनता का विश्वास है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज प्रदेश में कानून का राज है। निवेशकों के लिए सुरक्षित और भरोसेमंद वातावरण है। कोई गुंडा किसी उद्योगपति या व्यापारी से रंगदारी मांगने की हिम्मत नहीं कर सकता। अगर कोई ऐसा करता है, तो उसे परिणामों का पूरा ज्ञान है। यह वह उत्तर प्रदेश नहीं है, जहां पुलिस भागती थी और अपराधी पीछा करते थे। आज प्रदेश हर नागरिक को सुरक्षा की गारंटी है और अपराधियों को सख्त चेतावनी भी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस सरकार की वेलफेयर योजनाओं का लाभ बिना किसी भेदभाव के समाज के हर वर्ग तक पहुंचा है। यही कारण है कि जब अनुपूरक बजट प्रस्तुत करने की आवश्यकता पड़ी, तो सरकार ने बिना किसी संकोच के निर्णय लिया। जब कोई नई योजना प्रारंभ करनी होती है या कोई ऐसा कार्य सामने आता है, जिसके लिए नियमित बजट में प्रावधान नहीं होता, तो सरकार को अनुपूरक बजट का सहारा लेना पड़ता है। सरकार ने उन्हीं आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए यह कदम उठाया है।

उन्होंने कहा कि फरवरी माह में प्रस्तुत मूल बजट वर्ष 2025-26 के लिए 8,08,736 करोड़ का रुपए था। इसके अतिरिक्त सरकार ने 24,496.98 करोड़ का रुपए अनुपूरक बजट प्रस्तुत किया है। यह राशि उन क्षेत्रों के लिए रखी गई है, जिनमें नियमित बजट में पर्याप्त प्रावधान नहीं था, जैसे एक्सप्रेसवे परियोजनाएं, ऊर्जा, स्वास्थ्य, नगरीय सुविधाएं, तकनीकी शिक्षा और महिला सशक्तिकरण। इन दोनों को मिलाकर वर्ष 2025-26 का कुल बजट 8,33,233.04 रुपए करोड़ का हो जाता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें परिणामों पर ध्यान देना होगा और परिणाम क्या हैं, यह आज सबके सामने है। उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था आज निवेशकों के लिए आकर्षण का केंद्र बन चुकी है। देश-विदेश में यूपी के प्रति सकारात्मक धारणा बनी है। इसके पीछे डबल इंजन सरकार की स्पष्ट नीति, तेज निर्णय और प्रभावी क्रियान्वयन है। जहां पहले पॉलिसी पैरालिसिस के कारण उत्तर प्रदेश को बीमारू राज्य कहा जाता था, वहीं आज स्थिति पूरी तरह बदल चुकी है।

उन्होंने कहा कि आज प्रदेश के पास 35 सेक्टोरल पॉलिसीज़ हैं। यहां ‘पिक एंड चूज़’ नहीं, बल्कि स्पष्ट नियम और पारदर्शी व्यवस्था है। परिणामस्वरूप उत्तर प्रदेश निवेश के लिए देश का ड्रीम डेस्टिनेशन बन चुका है। पिछले पांच वर्षों में उत्तर प्रदेश बीमारू राज्य की श्रेणी से निकलकर रेवेन्यू सरप्लस स्टेट के रूप में स्थापित हुआ है। आज देश के कई राज्यों की आर्थिक स्थिति यूपी जितनी मजबूत नहीं है। यह सब साफ नीयत, स्पष्ट नीति और मजबूत इच्छाशक्ति का परिणाम है। हमें इस बात पर गर्व है कि हमने उत्तर प्रदेश को बीमारू राज्य के कलंक से मुक्त किया है।

मुख्यमंत्री ने बताया कि वित्तीय अनुशासन और विकास के बीच सरकार ने बेहतरीन संतुलन बनाया है। रेवेन्यू सरप्लस होना वित्तीय अनुशासन का प्रमाण है और वेलफेयर स्टेट के रूप में यूपी की पहचान इसका दूसरा पक्ष है। अपराध और अपराधियों के प्रति जीरो टॉलरेंस नीति का परिणाम यह है कि आज यूपी में फियरलेस बिजनेस, ईज ऑफ डूइंग बिजनेस और ट्रस्ट इन गवर्नेंस की संस्कृति विकसित हुई है।

उन्होंने कहा कि आजादी के समय देश की अर्थव्यवस्था में यूपी की हिस्सेदारी लगभग 14 प्रतिशत थी, लेकिन कांग्रेस और समाजवादी पार्टी की नीतियों ने इसे घटाकर 8 प्रतिशत से भी कम कर दिया। पिछले साढ़े आठ वर्षों में सरकार के प्रयासों से यूपी की हिस्सेदारी फिर बढ़कर 9.5 से 10 प्रतिशत के करीब पहुंच चुकी है और उत्तर प्रदेश देश की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में उभरा है।

उन्होंने कहा कि प्रदेश की जीएसडीपी वर्ष 2012-16 के दौरान लगभग 12.88 लाख करोड़ रुपए थी, जो आज बढ़कर 35-36 लाख करोड़ रुपए के स्तर पर पहुंच रही है। प्रति व्यक्ति आय 43,000 रुपए से बढ़कर 1,20,000 रुपए के करीब पहुंच गई है। सीडी रेशियो, जो पहले 44 प्रतिशत था, आज 62-65 प्रतिशत तक पहुंच चुका है और इसे 70 प्रतिशत तक ले जाने का लक्ष्य रखा गया है।

उन्होंने बताया कि पिछले साढ़े आठ वर्षों में सरकार ने कोई नया टैक्स नहीं लगाया। डीजल-पेट्रोल आज उत्तर प्रदेश में देश के अन्य राज्यों की तुलना में सबसे सस्ता है। ये सब तब हुआ है जब योजनाओं में लीकेज रोकी गई, भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाया गया और संसाधनों का सही उपयोग किया गया।

--आईएएनएस

एएमटी/डीकेपी

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