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महिला डॉक्टर से ठगी, वाट्सऐप बना खतरा, ठगों ने पूरी रात किया डिजिटल अरेस्ट

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देश में साइबर ठगी का एक नया रूप "डिजिटल अरेस्ट" तेजी से बढ़ता जा रहा है। इस तकनीक का इस्तेमाल कर ठग आम नागरिकों को डरा-धमकाकर उनसे लाखों रुपये की ठगी कर रहे हैं। इसी तरह का एक ताजा मामला आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम जिले से सामने आया है, जहां एक महिला डॉक्टर को ठगों ने ‘डिजिटल अरेस्ट’ के नाम पर मानसिक रूप से प्रताड़ित करते हुए 13 लाख 50 हजार रुपये की ठगी कर ली।

बेंगलुरु CBI बनकर किया कॉल, मानव तस्करी का आरोप लगाकर डराया

शिकायत के मुताबिक, पीड़िता रेवती, जो एक निजी मेडिकल कॉलेज में प्रोफेसर हैं, को एक अज्ञात नंबर से कॉल आया। फोन करने वाले ने खुद को बेंगलुरु के अशोक नगर पुलिस स्टेशन का अधिकारी बताया। रेवती को यह बताया गया कि उनके खिलाफ मानव तस्करी और महिलाओं को ब्लैकमेल करने जैसे गंभीर आरोपों में सीबीआई ने जांच शुरू की है। रेवती ने जब इन आरोपों को नकारा, तो फोन करने वाले ने कहा कि उनके पास पुख्ता सबूत हैं और अगर वो कोर्ट में बचाव चाहती हैं, तो तुरंत ठगों द्वारा बताए गए बैंक खातों में रकम जमा करें, जिससे उनकी गिरफ्तारी रोकी जा सके।

डर के माहौल में ट्रांसफर किए लाखों रुपये

डिजिटल अरेस्ट का शिकार बनीं रेवती ने डर के कारण ठगों की बातों पर यकीन कर लिया और उनके बताए गए अलग-अलग खातों में 13.50 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए। यह सारा घटनाक्रम बेहद सुनियोजित तरीके से किया गया ताकि महिला को शक न हो। कुछ समय बाद जब रेवती को इस पूरे मामले में ठगी की आशंका हुई, तो उन्होंने श्रीकाकुलम वन टाउन पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए जांच शुरू की।

तीन ठग गिरफ्तार, नकदी और मोबाइल जब्त

पुलिस ने जांच करते हुए विशाखापत्तनम रेलवे स्टेशन के पास छापा मारा और तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार किए गए ठगों में कर्नाटक के मैसूर निवासी रुमान शरीफ, केरल के कालीकट निवासी नौफला शेरीन और नजीमुद्दीन शामिल हैं। पुलिस ने इनके पास से 6 लाख रुपये नकद और 3 मोबाइल फोन बरामद किए हैं। अभी इस साइबर गिरोह के तीन अन्य सदस्य फरार हैं, जिनकी तलाश में पुलिस जुटी हुई है। माना जा रहा है कि यह गिरोह कई अन्य राज्यों में भी सक्रिय हो सकता है।

डिजिटल अरेस्ट के बढ़ते मामले, पुलिस की चेतावनी

यह मामला सिर्फ एक उदाहरण है कि कैसे डिजिटल अरेस्ट जैसे नए तरीकों से साइबर ठग शिक्षित और समझदार लोगों को भी निशाना बना रहे हैं। पुलिस और साइबर सेल लगातार ऐसे मामलों पर लोगों को जागरूक करने का प्रयास कर रहे हैं।

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