इंस्टाग्राम पर फर्जी अकाउंट बनाकर पति को फॉलो रिक्वेस्ट भेजना महिला को पड़ा भारी, पुलिस ने किया गिरफ्तार

उत्तर दिल्ली में एक 26 वर्षीय गृहिणी को एक अन्य महिला की फर्जी सोशल मीडिया प्रोफाइल बनाकर उसे परेशान करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। आरोपी महिला पर यह शक था कि पीड़िता का उसके पति के साथ अफेयर है, और इसी शक-जलन के चलते उसने यह कुकृत्य किया। इस मामले में पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी को हिरासत में ले लिया है और जांच जारी है।
मामला कैसे सामने आया?
पुलिस के अनुसार, घटना की शुरुआत तब हुई जब आरोपी महिला ने अपने पति के इंस्टाग्राम अकाउंट का इस्तेमाल करते हुए शिकायतकर्ता को आपत्तिजनक मैसेज भेजे। जब शिकायतकर्ता ने इस अकाउंट को ब्लॉक कर दिया, तो आरोपी ने शिकायतकर्ता के नाम से एक नकली (फर्जी) इंस्टाग्राम प्रोफ़ाइल बनाकर उसकी तस्वीरों को एडिट किया और उन्हें ऑनलाइन साझा कर दिया। इसके साथ ही आरोपी ने शिकायतकर्ता के दोस्तों और सहकर्मियों से संपर्क कर उनकी निजी जानकारी जुटाने की भी कोशिश की।
30 वर्ष की शिकायतकर्ता महिला ने इस परेशान करने वाली घटना को लेकर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। उसने बताया कि उसके नाम से एक नकली इंस्टाग्राम अकाउंट बनाया गया है, जिस पर उसकी तस्वीरें भी अपलोड की गई हैं। साथ ही, आरोपी ने उसके परिचितों से संपर्क कर उसके बारे में और जानकारी इकट्ठा करने की कोशिश की। पुलिस ने तुरंत मामला दर्ज कर जांच शुरू की।
पुलिस की जांच और गिरफ्तारी
उत्तर दिल्ली पुलिस के उपायुक्त (उत्तर) राजा बांठिया ने बताया कि आरोपी ने जिस सिम कार्ड का इस्तेमाल किया था, वह गाजीपुर, उत्तर प्रदेश के पते पर रजिस्टर्ड था। इस डिजिटल ट्रेसिंग के आधार पर पुलिस ने आरोपी की लोकेशन दिल्ली के नांगलोई इलाके में ट्रेस की। तकनीकी जांच के दौरान पता चला कि आरोपी का पहले का पता भी इसी इलाके में था।
इसके बाद पुलिस टीम ने नांगलोई में आरोपी के पुराने और मौजूदा ठिकानों पर छापेमारी की। तलाशी के दौरान आरोपी महिला रितु पांडे को गिरफ्तार कर लिया गया। उसके पास से मोबाइल फोन और सिम कार्ड भी जब्त किए गए हैं, जो इस पूरे कांड में अहम साक्ष्य हैं। रितु पांडे गाजीपुर, उत्तर प्रदेश की निवासी है और दिल्ली में अपने पति के साथ रह रही है।
आरोपी ने पुलिस को क्या बताया?
पूछताछ के दौरान, रितु पांडे ने पुलिस को बताया कि उसकी शादी साल 2023 में हुई थी। शादी से पहले, उसके पति ने अपने दोस्तों के साथ एक ग्रुप फोटो सोशल मीडिया पर शेयर की थी, जिसमें शिकायतकर्ता महिला भी मौजूद थी। शादी के बाद, रितु ने देखा कि उसका पति अभी भी उस महिला को इंस्टाग्राम पर फॉलो कर रहा है। यह देखकर वह शक में पड़ गई और उसे संदेह हुआ कि पति का उस महिला के साथ कोई रिश्ता हो सकता है।
इस शक और जलन के चलते रितु ने एक योजना बनाई। उसने अपने पति के इंस्टाग्राम अकाउंट से शिकायतकर्ता को गलत और आपत्तिजनक मैसेज भेजे। जब शिकायतकर्ता ने अकाउंट को ब्लॉक कर दिया, तब रितु ने उस महिला के नाम से एक नकली इंस्टाग्राम प्रोफाइल बना डाली।
रितु का उद्देश्य था कि वह यह पता लगाए कि क्या उसका पति उस नकली प्रोफाइल को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजेगा। हालांकि, पुलिस जांच में यह साफ हो गया है कि आरोपी के पति को इस नकली अकाउंट की कोई जानकारी नहीं थी। पति दिल्ली के नांगलोई इलाके में काम करते हैं और वहां अपने रिश्तेदार के घर रहते हैं। रितु अक्सर उनसे मिलने जाती है।
सोशल मीडिया पर बढ़ती सुरक्षा चिंताएं
यह मामला एक बार फिर सोशल मीडिया पर उत्पीड़न और साइबर धमकियों की बढ़ती घटनाओं की याद दिलाता है। डिजिटल दुनिया के बढ़ते विस्तार के साथ-साथ साइबर अपराधों में भी वृद्धि हुई है, खासकर महिलाओं के खिलाफ सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर। लोगों की व्यक्तिगत जानकारी का दुरुपयोग और फर्जी प्रोफाइल बनाकर उन्हें मानसिक और सामाजिक रूप से प्रताड़ित करना आज का बड़ा खतरा बन चुका है।
विशेषज्ञ कहते हैं कि सोशल मीडिया का दुरुपयोग न केवल व्यक्तिगत जीवन को प्रभावित करता है, बल्कि यह कानूनी अपराध भी है। ऐसे मामलों में पीड़ितों को तुरंत पुलिस से संपर्क करना चाहिए और सोशल मीडिया कंपनियों से भी सहायता लेनी चाहिए। साइबर पुलिस की भूमिका इस दौर में और महत्वपूर्ण हो गई है क्योंकि तकनीकी साक्ष्य जुटाकर अपराधियों को पकड़ा जा सकता है।
पुलिस का संदेश और आगे की कार्रवाई
पुलिस उपायुक्त राजा बांठिया ने जनता से अपील की है कि वे सोशल मीडिया पर किसी भी तरह की संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस को दें। उन्होंने कहा, “हम किसी भी तरह की ऑनलाइन उत्पीड़न, धमकी या फर्जी प्रोफाइल बनाने की घटनाओं को गंभीरता से लेते हैं और ऐसी घटनाओं में आरोपी को जल्द से जल्द पकड़कर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।”
उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस डिजिटल फोरेंसिक टीमों के साथ मिलकर ऐसे मामलों की जांच करती है, जिससे साइबर अपराधियों को पकड़ना आसान हो जाता है। उन्होंने पीड़ितों से कहा कि वे डरें नहीं, बल्कि साहस के साथ अपनी शिकायत दर्ज कराएं।
कानूनी प्रावधान और साइबर कानून
भारतीय साइबर कानून के तहत किसी व्यक्ति की सहमति के बिना उसकी तस्वीरों और निजी जानकारी का उपयोग करना, फर्जी प्रोफाइल बनाना और ऑनलाइन धमकाना अपराध माना जाता है। भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 66, 66A, 66E, और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के तहत साइबर अपराधियों को सजा हो सकती है।
ऐसे मामलों में आरोपी को जेल और भारी जुर्माना दोनों का सामना करना पड़ सकता है। कोर्ट इन मामलों में संवेदनशीलता से फैसला करती है क्योंकि यह सीधे पीड़ित के मानसिक स्वास्थ्य और सामाजिक सम्मान से जुड़ा होता है।
निष्कर्ष
उत्तर दिल्ली का यह मामला एक चेतावनी है कि सोशल मीडिया पर सावधानी और सुरक्षा आवश्यक है। निजी जानकारी की सुरक्षा और सोशल मीडिया पर अनुचित व्यवहार से बचाव के लिए जरूरी है कि लोग जागरूक हों। साइबर अपराधों से लड़ने के लिए सरकार, पुलिस और समाज को मिलकर काम करना होगा ताकि हर व्यक्ति सुरक्षित महसूस कर सके।
आखिरकार, सोशल मीडिया के इस डिजिटल युग में सुरक्षा और सम्मान दोनों की रक्षा करना हम सभी की जिम्मेदारी है।