आशिक के लिए 13 साल से पत्नी दे रही थी पति को धोखा, पति को लगी भनक तो हथौडा मारकर पहुंचा दिया यमराज के पास

कहा जाता है कि विवाह सात जन्मों का बंधन होता है, लेकिन आधुनिक समय की वास्तविकताएं इस धारणा को कई बार झुठला देती हैं। बिहार के कटिहार जिले से एक चौंकाने वाली पारिवारिक कहानी सामने आई है, जहां एक व्यक्ति को शादी के 13 साल बाद अपनी पत्नी की बेवफाई का पता चला। पत्नी, न केवल प्रेमी के साथ अवैध संबंध रखती थी, बल्कि दो बच्चों को लेकर मायके चली गई और पति के घर से गहने और नकदी भी उठा ले गई। अब पति प्रीतम साह ने कोर्ट से न्याय की गुहार लगाई है, और कहा है – “मुझे सिर्फ अपने बच्चों की कस्टडी चाहिए, पत्नी से कोई उम्मीद नहीं।”
शादी के 13 साल बाद टूटी सच्चाई की दीवार
प्रीतम साह की शादी करीब 13 साल पहले भागलपुर के तीन टंगा दियारा गांव में हुई थी। शादी के बाद दो बच्चे भी हुए। एक आम, मध्यमवर्गीय परिवार की तरह जीवन आगे बढ़ रहा था। लेकिन पति को क्या पता था कि उसकी पत्नी का मन किसी और के लिए धड़क रहा है। प्रीतम का आरोप है कि जैसे ही वह काम पर निकलता, पत्नी अपने प्रेमी को घर बुला लेती थी। यह सिलसिला कई वर्षों से चल रहा था, लेकिन कोई सबूत या संदेह नहीं होने के कारण वह कुछ नहीं समझ पाया।
झगड़े, पंचायत और अंततः अलगाव
13 साल बाद जब प्रीतम को इस अफेयर की जानकारी मिली, तो उसने पत्नी से इस बारे में बात की। लेकिन जवाब में उसे झगड़ा, गुस्सा और विरोध मिला। बात पंचायत तक भी पहुंची, लेकिन पत्नी ने रवैये में कोई बदलाव नहीं किया। वह लगातार प्रेमी से गुप्त रूप से मिलती रही। आठ महीने पहले अचानक पत्नी दोनों बच्चों को लेकर मायके चली गई। इसके बाद से उसने अपने पति से कोई संपर्क नहीं रखा और बच्चों से भी मिलने नहीं दिया।
बेवफाई के साथ-साथ आर्थिक नुकसान
प्रीतम का कहना है कि पत्नी घर से सोने के गहने और नकदी भी साथ ले गई। उसका आरोप है कि पत्नी ने ये सब प्रेमी के साथ रंगरेलियां मनाने के लिए किया। इस धोखे और भावनात्मक आघात के कारण प्रीतम मानसिक रूप से टूट चुका है।
ससुराल में पिटाई, पुलिस हरकत में
जब प्रीतम अपने बच्चों से मिलने के लिए ससुराल गया, तो वहां उसकी सास, ससुर, साला और अन्य लोगों ने उसकी जमकर पिटाई कर दी। आखिरकार थक-हारकर प्रीतम ने कोर्ट का रुख किया। उसने अपने बयान में कहा, “मुझे इस बात से कोई मतलब नहीं कि मेरी पत्नी किसके साथ रहती है, लेकिन मुझे मेरे बच्चे चाहिए। बस मैं अपने बच्चों की परवरिश खुद करना चाहता हूं।” मामला कोर्ट में आते ही पुलिस भी सक्रिय हुई है और जांच शुरू हो चुकी है।
कानूनी पक्ष क्या कहता है?
पति की ओर से बच्चों की कस्टडी मांगने का मामला कोर्ट में है। भारतीय कानून में बच्चों की अभिरक्षा (custody) का निर्णय बच्चों के भले (welfare) को ध्यान में रखते हुए किया जाता है। अगर कोर्ट को लगता है कि पिता बच्चों की बेहतर देखभाल कर सकता है, तो उसे पूर्ण या संयुक्त अभिरक्षा दी जा सकती है। वहीं, पत्नी द्वारा गहनों और नकदी की चोरी, और परिवार वालों द्वारा मारपीट के आरोपों पर भारतीय दंड संहिता (IPC) के तहत धारा 498A, 406, 323, और 506 जैसे प्रावधान लागू हो सकते हैं।