छोटे भाई को सरेआम सौंप दी बीवी, देवर बोला- भाभी को नहीं रखूंगा, यही फसाद की जड़

उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले के निघानसन क्षेत्र से एक ऐसा विवादित मामला सामने आया है, जिसमें एक शादीशुदा महिला और उसके पति के देवर के बीच प्रेम संबंधों ने पूरे परिवार को हिला दिया है। हालांकि पति ने पंचायत बुलाकर अपनी पत्नी को प्रेमी के साथ रहने की मंजूरी दे दी, लेकिन देवर ने भाभी के साथ रहने से साफ मना कर दिया। इस बीच परिवार के टूटने और तनाव की कहानी इलाके में चर्चा का विषय बनी हुई है।
देवर-भाभी के प्रेम प्रसंग ने किया परिवार में बवाल
मामला झारखंड के खरबनी निवासी एक महिला का है, जिसकी शादी 18 साल पहले लखीमपुर खीरी के एक गांव में हुई थी। महिला के तीन बच्चे हैं, जिनमें बड़ी बेटी 17 वर्ष की है। महिला का प्रेम प्रसंग उसके पति के ताऊ के बेटे से चल रहा था, जो खुद भी शादीशुदा और दो बच्चों का पिता है। पति को जब इस बात की भनक लगी तो उसने कई बार अपनी पत्नी को समझाने की कोशिश की, लेकिन पत्नी और उसका प्रेमी दोनों किसी बात पर मानने को तैयार नहीं हुए।
पति ने जब मामले की गंभीरता देखी, तो उसने स्थानीय पंचायत बुलाई, जिसमें उसने अपने चचेरे भाई के हाथों अपनी पत्नी का हाथ सौंप दिया। पंचायत में उसने कहा, "जा, जी ले अपनी जिंदगी," और दोनों की शादी का भी ऐलान कर दिया। पंचायत में यह फैसला एक अनोखा और विवादित कदम माना गया।
पति का दर्द और मजबूरी
पति ने बताया कि पंचायत में यह निर्णय लेने के पीछे उसकी मजबूरी थी। "मेरी बेटी की शादी के बाद मेरी पत्नी ने घर में बहुत हंगामा किया। मेरे समझाने पर भी वह नहीं मानी। पंचायत में मैंने अपनी पत्नी का हाथ उसके प्रेमी को सौंप दिया ताकि परिवार का झगड़ा खत्म हो सके। लेकिन इस फैसले ने हमारे परिवार को और भी जटिल बना दिया," उन्होंने कहा।
देवर का इनकार और परिवार में टूट
पति के फैसले के बाद प्रेमी यानी देवर की पत्नी नाराज होकर अपने बच्चों को लेकर मायके चली गई। इसके बाद देवर ने साफ कर दिया कि वह भाभी के साथ नहीं रहेगा। उसने कहा, "मेरी बीवी और बच्चे मायके चले गए हैं, मेरा घर टूट गया है। इसलिए मैं अपनी भाभी से शादी नहीं करूंगा।"
इस स्थिति ने पूरे परिवार में गहरा फूट डाल दिया है। पति का कहना है कि यह विवाद अब उनके परिवार के लिए एक बड़ा संकट बन गया है।
महिला की आपबीती और पति पर आरोप
महिला ने आरोप लगाया है कि शादी के बाद से उसका पति उस पर शक करता है और उसके साथ मारपीट करता है। उसका कहना है, "मैं अपने पति को खुश रखना चाहती थी, लेकिन वह मुझ पर भरोसा नहीं करता और हमेशा शक करता है।"
प्रेमी का पक्ष
देवर ने बताया कि पंचायत में महिला के पति ने उसका हाथ उसकी प्रेमिका के हाथ में सौंप दिया था, जिसके बाद उसने उसे अपने घर ले लिया। लेकिन उसकी पत्नी के मायके जाने और बच्चों के साथ वहां रहने के कारण वह अब उस रिश्ते को स्वीकार नहीं कर पा रहा है। वह कहता है, "अब मैं इसे साथ नहीं रख सकता क्योंकि मेरी अपनी फैमिली टूट चुकी है। यही इस पूरे विवाद की जड़ है।"
पुलिस जांच में जुटी
यह मामला अब पुलिस तक पहुँच चुका है और जांच जारी है। पुलिस ने बताया कि दोनों पक्षों से बयान दर्ज किए जा रहे हैं और जल्द ही मामले का निष्पक्ष समाधान किया जाएगा।
परिवार और समाज पर असर
यह मामला न सिर्फ एक परिवार की व्यक्तिगत समस्या है, बल्कि इस तरह के विवाद सामाजिक और पारिवारिक जीवन पर गहरा असर डालते हैं। देवर-भाभी के प्रेम संबंधों की खबरें अक्सर सुनने को मिलती हैं, लेकिन जब इस तरह का मामला सामने आता है, तो यह परिवार के अलावा पूरे समुदाय में तनाव और अराजकता पैदा करता है।
निष्कर्ष
देवर-भाभी के रिश्ते में आए इस विवाद ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं — क्या प्रेम और पारिवारिक जिम्मेदारी एक साथ निभाई जा सकती है? क्या पति-पत्नी के बीच विश्वास और समझदारी बचाई जा सकती है? और सबसे बड़ी बात यह कि इस किस्सा हमें बताता है कि रिश्तों की मरम्मत के लिए केवल पंचायत और फैसले ही पर्याप्त नहीं, बल्कि दिल से समझने और समाधान निकालने की जरूरत है।
आशा की जानी चाहिए कि संबंधित परिवार जल्द ही शांति और समझौते के रास्ते पर आएं और समाज में इस तरह के मामलों के लिए बेहतर समाधान खोजे जाएं।