आखिर क्यों CISF क्यों करती है सिर्फ Mahindra Marksman? खूबिया जानकर हो जाएंगे हैरान

भारत की सुरक्षा एजेंसियों के पास कई उन्नत तकनीकें हैं, जिनमें बुलेट और मिसाइलों से अभेद्य वाहन शामिल हैं। महिंद्रा मार्क्समैन उनमें से एक है। महिंद्रा के इस वाहन का इस्तेमाल CISF (केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल) जैसे अर्धसैनिक बल करते हैं। यह एक बुलेटप्रूफ वाहन है, जिसका इस्तेमाल मुख्य रूप से शहरी सुरक्षा, वीआईपी सुरक्षा, आतंकवाद विरोधी अभियानों और संवेदनशील संस्थानों की सुरक्षा के लिए किया जाता है। यहां हम आपको महिंद्रा मार्क्समैन की उन खूबियों के बारे में बता रहे हैं, जिनकी वजह से CISF अपने ऑपरेशन के लिए इसका इस्तेमाल करता है।
महिंद्रा मार्क्समैन में क्या है खास?
इसे महिंद्रा डिफेंस सिस्टम के जरिए बनाया गया है। यह भारत का पहला स्वदेशी रूप से डिजाइन किया गया लाइट आर्मर्ड व्हीकल (LAV) है। इसे अर्धसैनिक बलों और पुलिस बलों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए डिजाइन किया गया है।
CISF का इस्तेमाल क्यों?
CISF का काम सिर्फ एयरपोर्ट और सरकारी इमारतों की सुरक्षा तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह परमाणु संयंत्रों, रक्षा प्रतिष्ठानों, मेट्रो स्टेशनों और अन्य संवेदनशील संस्थानों की भी सुरक्षा करता है। ऐसे में उनके पास ऐसे वाहन होना बहुत जरूरी हो जाता है, जो सैनिकों को फायरिंग, बम या ग्रेनेड हमले से बचाने, खतरनाक इलाकों में भी तेज मूवमेंट, आंतरिक संचार और निगरानी करने में सक्षम हों। मार्क्समैन ये सभी काम बहुत आसानी से कर लेता है। इसलिए CISF जैसी फोर्स इसे अपने बेड़े में शामिल करती है।
महिंद्रा मार्क्समैन की खूबियां
महिंद्रा मार्क्समैन कई बेहतरीन और सेफ्टी फीचर्स के साथ आता है। यह पूरी तरह से बुलेटप्रूफ वाहन है। इसमें NIJ लेवल III स्टैंडर्ड प्रोटेक्शन, 7.62mm बुलेट प्रोटेक्शन, बम ब्लास्ट और ग्रेनेड अटैक प्रोटेक्शन, 360 डिग्री प्रोटेक्शन, चारों तरफ बुलेटप्रूफ बॉडी है।इसमें सेफ्टी के लिए कई एडवांस टेक्नोलॉजी भी हैं। इसमें GPS और रियल टाइम ट्रैकिंग सिस्टम, नाइट विजन कैमरा और इंटीरियर मॉनिटरिंग, RF कम्युनिकेशन सिस्टम, 6-7 कमांडो के बैठने की जगह, इंटीरियर में बुलेटप्रूफ शील्ड, AC वेंटिलेशन और इमरजेंसी एग्जिट जैसी टेक्नोलॉजी मिलती है। इसे गहरे पानी में आसानी से ले जाया जा सकता है, जिसकी वजह से यह छोटी नदियों को भी बहुत आसानी से पार कर सकता है।
महिंद्रा मार्क्समैन का इंजन
जिस तरह महिंद्रा मार्क्समैन की बॉडी सॉलिड और बुलेटप्रूफ है, उसी तरह इसका इंजन भी काफी पावरफुल है। इसमें 2.49 लीटर का डीजल इंजन इस्तेमाल किया गया है। इससे इसे ऑफ-रोड और उबड़-खाबड़ इलाकों में पेट्रोलिंग के लिए 4x4 ड्राइव मिलती है, जिसकी वजह से यह पहाड़ी इलाकों, कीचड़ और रेतीले रास्तों को भी आसानी से हैंडल कर सकती है। यह 800 किलोग्राम तक का वजन उठा सकती है, जिसकी वजह से यह हथियार, उपकरण और सैनिकों को एक साथ ले जाने में काफी मदद करती है।
सीआईएसएफ और महिंद्रा मार्क्समैन के बीच संबंध
सीआईएसएफ ने महिंद्रा मार्क्समैन को सबसे पहले 2009 में अपने बेड़े में शामिल किया था। इसे मुंबई पुलिस के फोर्स वन और कई अन्य राज्य और केंद्रीय बलों के जरिए चुना गया था। आज इसका इस्तेमाल देशभर के एयरपोर्ट और संवेदनशील इलाकों में पेट्रोलिंग के लिए किया जाता है।