आखिर क्यों 40 छात्रों ने ब्लेड से काटे थे अपने हाथ, स्कूल पर लगा लापरवाही का आरोप, जानें पूरा मामला
गुजरात के अमरेली जिले के मुंजियासर प्राथमिक विद्यालय में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया। जहां कक्षा 5 से 8 तक के 40 छात्रों के हाथों पर ब्लेड के घाव के निशान पाए गए। इस घटना से स्कूल और गांव में अफरा-तफरी मच गई। नाराज अभिभावकों ने स्कूल प्रशासन से स्पष्टीकरण मांगा, लेकिन जवाब नहीं मिलने पर उन्होंने ग्राम पंचायत में शिकायत दर्ज कराई और पुलिस से हस्तक्षेप की मांग की।
मामले की गंभीरता को देखते हुए धारी के सहायक पुलिस अधीक्षक (एएसपी) जयवीर गढ़वी ने स्कूल का दौरा किया। उन्होंने सीसीटीवी फुटेज की समीक्षा की और घटना की सच्चाई जानने के लिए बच्चों से पूछताछ की। पुलिस जांच में पता चला कि यह घटना किसी ऑनलाइन वीडियो गेम की लत के कारण नहीं, बल्कि ट्रुथ एंड डेयर गेम के कारण हुई थी।
एएसपी गढ़वी ने बताया कि सातवीं कक्षा के एक छात्र ने खेल के दौरान अन्य छात्रों को चुनौती दी थी कि जो भी ब्लेड से अपना हाथ काटेगा, उसे 10 रुपये मिलेंगे और जो ऐसा नहीं करेगा, उसे 5 रुपये देने होंगे। इस चुनौती के चलते 40 से अधिक बच्चों ने पेंसिल शार्पनर की ब्लेड से अपने हाथों पर निशान बनाए। इसकी सूचना जिला प्राथमिक शिक्षा अधिकारी (डीपीईओ) को दे दी गई है।
जांच में यह भी पता चला कि घटना की जानकारी मिलने के बाद स्कूल प्रशासन ने बच्चों को सख्त हिदायत दी थी कि वे घर पर कुछ भी न बताएं। उनसे कहा गया कि अगर कोई हाथ के निशान के बारे में पूछे तो वे कहें कि खेलते समय गिरने से चोट लग गई। हालाँकि, एक अभिभावक को सच्चाई पता चल गई और वह पूछताछ करने के लिए स्कूल गया। इसके बाद प्रशासन ने अभिभावकों के साथ बैठक बुलाई। मामला गांव के सरपंच व अन्य लोगों तक पहुंचा, जिसके बाद पुलिस को सूचना दी गई।
पुलिस ने स्पष्ट किया कि यह घटना ट्रुथ एंड डेयर गेम से संबंधित है, न कि किसी ऑनलाइन गेम से। खेल के दौरान बच्चों ने एक-दूसरे के हाथों पर शार्पनर ब्लेड से निशान बनाए। अभिभावकों और ग्रामीणों ने स्कूल प्रशासन की लापरवाही पर नाराजगी जताई है। अब पुलिस और शिक्षा विभाग इस मामले की गहन जांच कर रहे हैं ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके। यह घटना बच्चों में जोखिम भरे खेलों के प्रति सतर्कता और जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता को उजागर करती है।