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जहां खौलता पानी भी तुरंत बन जाता है बर्फ, वहां ऐसे नहाते हैं लोग, देखिए वीडियो

जहां खौलता पानी भी तुरंत बन जाता है बर्फ, वहां ऐसे नहाते हैं लोग, देखिए वीडियो

भारत में जल्द ही भयंकर शीत लहर का प्रकोप शुरू होने वाला है। कड़ाके की सर्दी में नहाना किसी जान बचाने वाले मिशन से कम नहीं है। सोचिए, लोग उस जगह कैसे नहाते होंगे जहाँ तापमान शून्य से 71 डिग्री सेल्सियस नीचे तक गिर जाता है। ज़ाहिर है, यह सुनकर आपके दाँत खट्टे हो गए होंगे। अब जानिए, वहाँ के लोग इस "मुश्किल" से कैसे निपटते हैं।

रूस के साइबेरिया में स्थित ओम्याकोन गाँव को "ठंड का ध्रुव" भी कहा जाता है। अगर आप उबलता पानी हवा में उछालेंगे, तो वह बर्फ के क्रिस्टल में बदल जाएगा। इसे म्पेम्बा प्रभाव कहते हैं। इस खतरनाक ठंड में नहाना कोई रोमांच नहीं, बल्कि जान बचाने वाला काम है।

साइबेरियाई लोगों का राज़ है "बान्या"!

ओयम्याकोन के लोग रोज़ नहीं नहाते, बल्कि इसके लिए खास दिन तय होते हैं। इतनी ठंड में नहाने की तो बात ही छोड़िए, साबुन भी शरीर पर रगड़ने से जम जाता है। हाल ही में सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें स्थानीय लोग नहाने के लिए "बन्या" का इस्तेमाल करते नज़र आ रहे हैं।

बन्या क्या है?

बन्या एक पारंपरिक लकड़ी का स्नानघर है, जिसे घंटों जलती आग से गर्म किया जाता है। स्थानीय महिला क्यूं बी ने एक यूट्यूब वीडियो में बताया कि सुबह लकड़ियाँ इकट्ठी करके बन्या में जलाई जाती हैं और पूरा दिन इसी प्रक्रिया में बीत जाता है। लोग तभी नहाते हैं जब अंदर का तापमान 80 से 100 डिग्री सेल्सियस तक पहुँच जाता है।

लेकिन माइनस 71 डिग्री सेल्सियस तापमान में इतनी गर्म जगह से बाहर निकलना खतरे से खाली नहीं है। यूट्यूबर ने बताया कि बन्या से निकलने से पहले लोग अपने शरीर पर तेल या क्रीम लगाते हैं, क्योंकि उन्हें अपनी त्वचा के फटने का डर रहता है।

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