
क्या कभी आपने सुना है कि एक मूक-बधिर महिला ने अपने इशारों से ऐसा राज़ खोला जिससे एक ब्लाइंड मर्डर केस का पर्दाफाश हो गया? ये कहानी किसी थ्रिलर फिल्म की नहीं, बल्कि इंदौर की उस हकीकत की है जिसने पूरे देश को हिला दिया। 8 जून की सुबह इंदौर स्टेशन पर एक बोरी में मिले शव के टुकड़े... सिर और धड़ तो यहीं मिले, लेकिन हाथ-पैर एक हजार किलोमीटर दूर ऋषिकेश में! दो शहर, दो ट्रेनें, लेकिन शव एक महिला का ही निकला — नाम था मीरा बेन।सवाल था — मीरा बेन की हत्या क्यों, कैसे और किसने की?
उत्तर मिला तब, जब उज्जैन के एक घर से कमलेश पटेल नामक व्यक्ति गिरफ्तार हुआ। लेकिन पुलिस के सामने सबसे बड़ा सवाल ये था — कोई चश्मदीद नहीं था, केस ब्लाइंड था... फिर सच सामने कैसे आया?
यहां एंट्री हुई कमलेश पटेल की पत्नी की — जो गूंगी और बहरी है, लेकिन उसकी आंखों ने सब देखा था।
पुलिस ने सांकेतिक भाषा विशेषज्ञों की मदद ली, और जो कहानी सामने आई, उसने सबको दहला दिया। मूक इशारों में उस महिला ने बताया कि कैसे उसके पति ने मीरा बेन को घर लाकर धोखे से सुलाया, रेप की कोशिश की और फिर जब मीरा ने विरोध किया तो सिर पर बोल्ट मारकर हत्या कर दी।
हत्यारा वहीं नहीं रुका — उसने शव को तीन टुकड़ों में काटा, अलग-अलग बोरियों में भरकर दो बोरियां इंदौर जाने वाली ट्रेन में रख दीं और तीसरी ऋषिकेश एक्सप्रेस में।
लेकिन वो भूल गया — उसकी मूक पत्नी की नज़रें सब देख चुकी थीं। उसी की गवाही से केस सुलझा, और कमलेश पटेल सलाखों के पीछे पहुंच गया।
एक गूंगी महिला की गवाही ने उस अपराध को उजागर किया जिसे मिटाने की पूरी कोशिश की गई थी।