Viral Mystery: सुबह इंसान, शाम को छिपकली....' इस परिवार से दहशत में पूरा गाँव, वैज्ञानिक भी नहीं सुलझा पाए गुत्थी
दुनिया रहस्यों से भरी है, लेकिन कुछ कहानियाँ तो विज्ञान को भी हैरान कर देती हैं। इंडोनेशिया में मुरंग परिवार की कहानी भी ऐसी ही एक कहानी है, जहाँ परिवार के सदस्यों के चेहरे के फीचर्स हर दिन बदलते हैं। स्थानीय लोगों का मानना है कि वे इंसान नहीं बल्कि छिपकली हैं। लेकिन जब डॉक्टरों ने जाँच की, तो उन्होंने जो पाया, उसने सबको चौंका दिया।
मुरंग परिवार का अजीब मामला
मुरंग परिवार इंडोनेशिया के एक दूरदराज इलाके में रहता है। परिवार के एक सदस्य, सूर्या मुरंग का बचपन में चेहरा बिल्कुल सामान्य था। लेकिन जब सूर्या 12 साल का हुआ, तो उसके चेहरे में अजीब बदलाव दिखने लगे। धीरे-धीरे, उसके चेहरे की बनावट बदलने लगी। उसकी आँखें बाहर निकलने लगीं, त्वचा सख्त हो गई, और उसका चेहरा छिपकली जैसा दिखने लगा। सबसे डरावनी बात यह थी कि ये बदलाव एक ही दिन में नज़र आते थे – सुबह एक चेहरा, और शाम तक बिल्कुल अलग।
बच्चों के साथ भी ऐसा ही हुआ
यह सिर्फ़ सूर्या के साथ नहीं हुआ; यही अजीब घटना उसके बच्चों के साथ भी होने लगी। उनके चेहरे भी रोज़ बदलते थे। कभी उनकी नाक का आकार अलग होता था, कभी उनका जबड़ा चौड़ा हो जाता था, और कभी उनकी आँखों की बनावट पूरी तरह बदल जाती थी। आस-पास रहने वाले लोग इस परिवार से डरने लगे। गाँव में यह अफवाह फैल गई कि ये लोग इंसान नहीं हैं। कई लोगों ने दावा किया कि वे रात में छिपकली बन जाते हैं।
लोग उन्हें छिपकली क्यों मानते हैं?
स्थानीय लोगों का कहना है कि हर सुबह उनके चेहरे का आकार अलग होता है। उनकी त्वचा अजीब तरह से खिंची हुई और सख्त हो जाती है। उनकी आँखों की बनावट छिपकली जैसी दिखती है। इसी वजह से लोग उन्हें इंसान मानने को तैयार नहीं हैं। कुछ लोग तो उनके पास जाने से भी डरते हैं। जब डॉक्टरों ने इस मामले की जाँच की, तो उन्होंने इसे एक जेनेटिक बीमारी से जोड़ा। डॉक्टरों का मानना है कि यह एक दुर्लभ जेनेटिक डिसऑर्डर हो सकता है जिसमें चेहरे की हड्डियाँ और त्वचा असामान्य रूप से बढ़ती या बदलती हैं।
एक रहस्य जो अनसुलझा है
हालांकि, अब तक इस बीमारी का कोई निश्चित नाम नहीं दिया गया है, और न ही इसका कोई स्पष्ट इलाज मिला है। न ही यह साबित हुआ है कि चेहरे में ये बदलाव दिन के दौरान क्यों होते हैं। इसीलिए यह मामला आज भी एक रहस्य बना हुआ है। क्या यह सच में कोई दुर्लभ जेनेटिक बीमारी है? या यह सिर्फ़ लोगों की गलतफहमियों और डर का नतीजा है? या शायद विज्ञान अभी इस रहस्य को समझने के लिए तैयार नहीं है। इन सवालों के जवाब आज भी किसी के पास नहीं हैं। मुरंग परिवार की कहानी लोगों को डराती और हैरान करती रहती है। कुछ लोग इन्हें छिपकली जैसा मानते हैं, वहीं डॉक्टर इसे साइंटिफिक नज़रिए से समझने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन सच्चाई अभी भी एक ज़िंदा रहस्य बनी हुई है।

