सिंहावलोकन 2025: रक्षा मंत्रालय ने 3.84 लाख करोड़ रुपए के अधिग्रहणों को दी मंजूरी
नई दिल्ली, 31 दिसंबर (आईएएनएस)। साल 2025 रक्षा मंत्रालय के लिए एक ऐतिहासिक और निर्णायक वर्ष रहा। ‘सुधारों के वर्ष’ के रूप में पहचाना गया यह साल न केवल रक्षा आत्मनिर्भरता की दिशा में अभूतपूर्व प्रगति का प्रतीक बना, बल्कि भारत की सशस्त्र सेनाओं की पराक्रम, प्रतिबद्धता और अद्वितीय समन्वय का भी साक्षी रहा।
रक्षा मंत्रालय का कहना है कि आतंकवाद के विरुद्ध ऑपरेशन सिंदूर ने पाकिस्तान व पीओके में फैले आतंकी ढांचे को ध्वस्त कर दिया। साथ ही भारत की संप्रभुता, एकता व अखंडता पर चुनौती का दोटूक उत्तर दिया। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के मार्गदर्शन में देश ने स्पष्ट संदेश दिया कि आतंकवाद को किसी भी रूप में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
6-7 मई 2025 की दरम्यानी रात आरंभ हुआ ऑपरेशन सिंदूर, 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले की प्रतिक्रिया था, जिसमें एक नेपाली नागरिक सहित 26 निर्दोष लोग मारे गए थे। भारतीय सशस्त्र बलों ने अत्यंत सटीकता से पाकिस्तान एवं पीओके स्थित नौ आतंकी कैंपों को निशाना बनाया और 100 से अधिक आतंकियों, उनके प्रशिक्षकों व सहयोगियों का सफाया किया।
रक्षा मंत्री ने संसद में कहा था कि ऑपरेशन सिंदूर रुका है, समाप्त नहीं हुआ। यदि पाकिस्तान दोबारा कोई कुटिल हरकत करता है तो प्रतिक्रिया और भी प्रचंड व निर्णायक होगी। वहीं प्रधानमंत्री मोदी ने 15 अगस्त 2025 को लाल किले से संबोधन में ऑपरेशन सिंदूर को भारत की रक्षा आत्मनिर्भरता का प्रतीक बताया।
उन्होंने स्वदेशी जेट इंजन विकास की अपील करते हुए मिशन सुदर्शन चक्र की घोषणा भी की। सुदर्शन चक्र शत्रु की घुसपैठ को निष्प्रभावी करने और भारत की आक्रामक क्षमताओं को नई ऊंचाई देगा। भगवान श्रीकृष्ण के पौराणिक सुदर्शन चक्र से प्रेरित यह मिशन त्वरित, सटीक और प्रभावी प्रतिउत्तर सुनिश्चित करेगा। इसके तहत 2035 तक देश के सभी सार्वजनिक स्थानों को विस्तृत सुरक्षा कवच से आच्छादित किया जाएगा।
रक्षा मंत्रालय के अनुसार वित्त वर्ष 2024-25 में रक्षा उत्पादन 1.51 लाख करोड़ रुपए के ऐतिहासिक स्तर पर पहुंच गया, जो पिछले वर्ष से 18 प्रतिशत अधिक है और 2019-20 की तुलना में 90 फीसदी की वृद्धि दर्शाता है। इसमें डिफेंस पीएसयू का योगदान 77 प्रतिशत और निजी क्षेत्र का योगदान 23 फीसदी रहा। 2029 तक रक्षा उत्पादन को 3 लाख करोड़ रुपए तक ले जाने का लक्ष्य रखा गया है।
वहीं रक्षा निर्यात भी बढ़कर 23,622 करोड़ रुपए पर पहुंच गया, जो पिछले वर्ष से 12 प्रतिशत अधिक है। 2029 तक इसका लक्ष्य 50,000 करोड़ रुपए रखा गया है। वित्त वर्ष 2025-26 में रक्षा मंत्रालय को 6.81 लाख करोड़ रुपए आवंटित किए गए, जो कुल केंद्रीय बजट का 13.45 प्रतिशत है। यह सभी मंत्रालयों में सर्वाधिक। पूंजीगत व्यय के लिए 1.80 लाख करोड़ रुपए निर्धारित किए गए, जिनमें से 75 प्रतिशत स्वदेशी खरीद पर खर्च किए जाएंगे।
17 अक्टूबर 2025 को रक्षा मंत्री ने एचएएल के नासिक परिसर में एलसीए एमके 1ए की तीसरी और एचटीटी -40 की दूसरी उत्पादन लाइन का उद्घाटन किया। अब एलसीए एमके 1ए की वार्षिक उत्पादन क्षमता 24 विमानों तक हो गई है। जनवरी 2025 से दिसंबर 2025 तक रक्षा मंत्रालय की डीएसी ने 3.84 लाख करोड़ रुपए से अधिक के अधिग्रहणों को मंजूरी दी।
इनमें आर्मर्ड रिकवरी व्हीकल, इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सिस्टम, सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलें, समुद्री माइन काउंटर मेजर वेसल, स्वायत्त पोत, ड्रोन-रोधी प्रणाली, नाग मिसाइल सिस्टम, मल्टी-लेयर रडार, ब्रह्मोस अपग्रेड आदि शामिल हैं। इस वर्ष रक्षा क्षेत्र में कई बड़े व प्रमुख अनुबंध भी हुए। 97 तेजस एलसीए एमके 1ए खरीद हेतु एचएएल के साथ 62,370 करोड़ रुपए का अनुबंध किया गया। 156 एलसीएच ‘प्रचंड’ के लिए 62,700 करोड़ रुपए का अनुबंध हुआ।
फ्रांस के साथ 26 राफेल-मरीन का अंतर-सरकारी समझौता हुआ। ब्रह्मोस, रॉकेट, 155एमएम गन सिस्टम सहित निजी और डिफेंस पीएसयू क्षेत्र के अनेक अनुबंध किए गए। वहीं उत्तर प्रदेश रक्षा कॉरिडोर में लखनऊ ब्रह्मोस इंटीग्रेशन एवं टेस्टिंग सेंटर का उद्घाटन और पहले बैच का उत्पादन हो रहा है। बीते साल रक्षा कूटनीति और बहुपक्षीय सहयोग की भी कई अहम पहल की गई हैं। 2025 में भारत ने एससीओ रक्षा मंत्रियों की बैठक में जीरो टॉलरेंस की नीति स्पष्ट रूप से रखी। चीन के साथ द्विपक्षीय बैठक में सीमा पर शांति व स्थिरता सुनिश्चित करने तथा द्विपक्षीय तंत्रों के पुनर्जीवन पर सहमति बनी।
नौसेना ने वर्षभर में 18 द्विपक्षीय, 8 बहुपक्षीय व 31 समुद्री साझेदारी अभ्यास किए हैं। नौसेना ने 4 कॉर्पैट व 12 ईईजेड निगरानी मिशनों में भाग लिया। फ्रांसीसी कैरियर स्ट्राइक ग्रुप के साथ उन्नत अभ्यास, संयुक्त मानवतावादी राहत अभ्यास, ब्राइट स्टार मल्टीलैटरल अभ्यास आदि सफलतापूर्वक संपन्न हुए। रक्षा मंत्रालय का कहना है कि 2025 में आपदा राहत मिशनों को वास्तविक समय में सहायता दी गई। अनुसंधान सहयोग को नई गति मिली। रक्षा उद्योग का डिजिटल डेटाबेस तैयार किया जा रहा है।
सीडीएस और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने ऑस्ट्रेलिया, इंडोनेशिया, श्रीलंका, जापान, म्यांमार सहित कई देशों का दौरा किया। भारत में थाईलैंड, अल्जीरिया, मलावी और सऊदी अरब के सैन्य नेतृत्व ने आधिकारिक यात्राएं कीं और रक्षा उद्योग का अवलोकन किया। जनवरी से नवंबर 2025 तक 32 संयुक्त अभ्यास आयोजित किए गए।
भारत-थाईलैंड, भारत-मालदीव सहित कई अंतरराष्ट्रीय अभ्यासों में भारतीय बलों ने सहभागिता की। रक्षा मंत्रालय की वर्षांत समीक्षा स्पष्ट करती है कि 2025 ने भारत को एक सुरक्षित, तकनीकी रूप से उन्नत और आत्मनिर्भर राष्ट्र बनने की दिशा में निर्णायक उपलब्धियाँ प्रदान कीं।
--आईएएनएस
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