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यूपीएससी परीक्षा परिणामों पर भ्रामक विज्ञापन, कोचिंग संस्थान पर लगा 11 लाख रुपए का जुर्माना

नई दिल्ली, 25 दिसंबर (आईएएनएस)। भ्रामक विज्ञापन प्रकाशित करने के लिए विजन आईएएस (अजय विजन एजुकेशन प्राइवेट लिमिटेड) पर 11 लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया है। इस संस्थान ने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा (सीएसई) 2022 और 2023 के परिणामों से संबंधित अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर भ्रामक विज्ञापन प्रकाशित किए थे। जांच में पता चला कि संस्थान ने यूपीएससी परीक्षा में 119 से अधिक सफल उम्मीदवारों का दावा किया था, लेकिन इनमें से केवल तीन उम्मीदवारों ने ही इनके फाउंडेशन कोर्स में दाखिला लिया था।
यूपीएससी परीक्षा परिणामों पर भ्रामक विज्ञापन, कोचिंग संस्थान पर लगा 11 लाख रुपए का जुर्माना

नई दिल्ली, 25 दिसंबर (आईएएनएस)। भ्रामक विज्ञापन प्रकाशित करने के लिए विजन आईएएस (अजय विजन एजुकेशन प्राइवेट लिमिटेड) पर 11 लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया है। इस संस्थान ने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा (सीएसई) 2022 और 2023 के परिणामों से संबंधित अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर भ्रामक विज्ञापन प्रकाशित किए थे। जांच में पता चला कि संस्थान ने यूपीएससी परीक्षा में 119 से अधिक सफल उम्मीदवारों का दावा किया था, लेकिन इनमें से केवल तीन उम्मीदवारों ने ही इनके फाउंडेशन कोर्स में दाखिला लिया था।

केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) के मुताबिक विजन आईएएस ने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2023 में ‘शीर्ष 10 में 7’ और ‘शीर्ष 100 में 79’ चयन जैसे भ्रामक दावे किए। वहीं सीएसई 2022 में ‘शीर्ष 50 में 39 चयन’ जैसे दावों का विज्ञापन भी किया था। इसमें सफल उम्मीदवारों के नाम, तस्वीरें और रैंक प्रमुखता से प्रदर्शित किए गए थे। हालांकि जांच करने पर, सीसीपीए ने पाया कि संस्थान ने शुभम कुमार (यूपीएससी सीएसई 2020 में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले) द्वारा चुने गए विशिष्ट पाठ्यक्रम, अर्थात् जीएस फाउंडेशन बैच (कक्षा छात्र) का खुलासा तो किया, लेकिन जानबूझकर अन्य सफल उम्मीदवारों द्वारा चुने गए पाठ्यक्रमों के बारे में जानकारी छिपा दी गई। जिनके नाम और तस्वीरें उसी वेबपेज पर उनके साथ प्रदर्शित की गई थीं।

इस छिपाव से यह भ्रामक धारणा बनी कि शेष सभी उम्मीदवार भी जीएस फाउंडेशन बैच क्लासरूम कोर्स में नामांकित थे, जबकि वास्तव में ऐसा नहीं था। इसके अतिरिक्त, उसी विज्ञापन में संस्थान ने अपने फाउंडेशन कोर्स का प्रमुखता से प्रचार किया, जिसकी फीस लाखों रुपए है। इस प्रकार के आचरण से छात्रों को झूठे, बढ़ा-चढ़ाकर पेश किए गए और असत्यापित दावों के आधार पर संस्थान के कार्यक्रमों में दाखिला लेने के लिए प्रेरित किया गया।

विस्तृत जांच के बाद सीसीपीए ने पाया कि संस्थान ने यूपीएससी सीएसई 2022 और 2023 में 119 से अधिक सफल उम्मीदवारों का दावा किया था। हालांकि, केवल तीन उम्मीदवारों ने फाउंडेशन कोर्स में दाखिला लिया था। वहीं शेष 116 उम्मीदवारों ने प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा के लिए टेस्ट सीरीज, अभ्यास टेस्ट (एक बार के टेस्ट), और मॉक इंटरव्यू प्रोग्राम जैसी सेवाओं का विकल्प चुना था।

महत्वपूर्ण जानकारी को जानबूझकर छिपाने से उम्मीदवारों और अभिभावकों को यह विश्वास हो गया कि विजन आईएएस यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के सभी चरणों में उम्मीदवारों की सफलता के लिए जिम्मेदार था। यह कृत्य उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 की धारा 2(28) के तहत एक भ्रामक विज्ञापन बन गया।

प्राधिकरण ने बताया कि संस्थान की आधिकारिक वेबसाइट पर सफल उम्मीदवारों के नाम और तस्वीरों के साथ बड़े दावों वाले विज्ञापन भ्रामक थे। छात्रों की उचित अनुमति या सहमति के बिना ऐसे दावे प्रदर्शित करके संस्थान ने संभावित उम्मीदवारों को गुमराह किया। प्रिंट मीडिया के विपरीत वेबसाइट वैश्विक स्तर पर सुलभ होती है और लंबी अवधि तक उपलब्ध रहती है। यह वह प्राथमिक मंच भी है जिसके माध्यम से उम्मीदवार, विशेष रूप से डिजिटल युग में, कोचिंग संस्थानों के बारे में जानकारी प्राप्त करते हैं, उनके दावों का मूल्यांकन करते हैं, और सूचित विकल्‍प चुनते हैं।

सीसीपीए ने यह भी संज्ञान लिया कि विजन आईएएस के खिलाफ पहले भी भ्रामक विज्ञापन प्रकाशित करने के लिए कार्रवाई की जा चुकी है। नियामक हस्तक्षेप और सावधानी के बावजूद संस्थान ने अपने बाद के विज्ञापनों में भी इसी तरह के दावे करना जारी रखा, जो उचित सावधानी और नियामक अनुपालन की कमी को दर्शाता है। उल्लंघन की पुनरावृत्ति को देखते हुए अब उपभोक्ताओं के संरक्षण व हित में अधिक जुर्माना लगाया गया है।

प्राधिकरण के अनुसार, यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा जैसी अत्यधिक प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं में, जहां लाखों उम्मीदवार पर्याप्त समय, प्रयास और वित्तीय संसाधन निवेश करते हैं, वहीं इस तरह के अधूरे और चयनात्‍मक खुलासे छात्रों और अभिभावकों को गुमराह करते हैं।

बता दें कि अब तक सीसीपीए ने भ्रामक विज्ञापनों और अनुचित व्यापार प्रथाओं के लिए विभिन्न कोचिंग संस्थानों को 57 नोटिस जारी किए हैं। 28 कोचिंग संस्थानों पर 1,09,60,000 रुपए का जुर्माना लगाया गया है। साथ ही ऐसे भ्रामक दावों को बंद करने के निर्देश भी दिए गए हैं। प्राधिकरण ने इस बात पर जोर दिया है कि सभी कोचिंग संस्थानों को अपने विज्ञापनों में जानकारी का सत्य और पारदर्शी प्रकटीकरण सुनिश्चित करना चाहिए, ताकि छात्र निष्पक्ष निर्णय ले सकें।

--आईएएनएस

जीसीबी/डीकेपी

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