उन्नाव रेप केस: सुप्रीम कोर्ट के फैसले को किरण बेदी ने बताया पीड़िता के लिए बड़ा न्याय
नई दिल्ली, 29 दिसंबर (आईएएनएस)। सुप्रीम कोर्ट द्वारा उन्नाव दुष्कर्म मामले के दोषी पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की जमानत पर रोक लगाए जाने के फैसले का पूर्व आईपीएस अधिकारी और पुडुचेरी की पूर्व उपराज्यपाल किरण बेदी ने स्वागत किया है। किरण बेदी ने इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए इसे पीड़िता के लिए 'बहुत बड़ा न्याय' करार दिया है। उन्होंने कहा कि यह फैसला किसी अपराधी के लिए झटका नहीं, बल्कि उस पीड़िता के संघर्ष और साहस की जीत है, जिसने तमाम मुश्किलों के बावजूद न्याय के लिए अपनी लड़ाई जारी रखी।
किरण बेदी ने समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत करते हुए कहा कि मामले में मौजूद कई ठोस सबूतों को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला अमीर और ताकतवर लोगों के लिए एक कड़ा संदेश है। उन्होंने कहा कि कुलदीप सिंह सेंगर उत्तर प्रदेश विधानसभा के सदस्य रहे हैं, जिन्होंने संविधान की रक्षा की शपथ ली थी। इसके बावजूद उन पर दुष्कर्म जैसा जघन्य अपराध साबित होना बेहद शर्मनाक है। यह स्थिति हमारे लोकतंत्र और प्रतिनिधियों को चुनने की प्रक्रिया पर गंभीर सवाल खड़े करती है। उन्होंने कहा कि ऐसे लोग जनता का भरोसा जीतकर सत्ता में आते हैं और फिर कानून और नैतिकता दोनों को कुचलते हैं, जो समाज के लिए बेहद चिंताजनक है।
पूर्व उपराज्यपाल ने पीड़िता के संघर्ष को असाधारण बताते हुए कहा कि यह एक अकेली, बेसहारा लड़की की लड़ाई थी, जिसके सामने एक ताकतवर और प्रभावशाली व्यक्ति खड़ा था। पीड़िता के साथ न सिर्फ शोषण हुआ, बल्कि उसे लंबे समय तक अन्याय का सामना भी करना पड़ा। इसके बावजूद उसने हिम्मत नहीं हारी और मजबूती से न्याय के लिए डटी रही। किरण बेदी ने पीड़िता और उसके परिवार की बहादुरी को सलाम करते हुए कहा कि उनका संघर्ष समाज के लिए प्रेरणादायक है।
उन्होंने इस लड़ाई में पीड़िता का साथ देने वाले वॉलंटियर्स की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि ऐसे लोग ही न्याय व्यवस्था को जीवित रखते हैं। हालांकि, उन्होंने इस बात पर भी गहरा दुख जताया कि तकनीकी आधार पर सजा पर रोक लगाने जैसा फैसला पहले आया, जो पीड़िता के लिए बेहद पीड़ादायक रहा। उन्होंने यह भी कहा कि यह और अधिक दुखद था कि ऐसा फैसला एक हाई कोर्ट से आया, जिससे न्याय व्यवस्था पर लोगों का भरोसा डगमगाया।
किरण बेदी ने कहा कि इसके बावजूद सुप्रीम कोर्ट ने छुट्टियों के दौरान भी इस मामले में हस्तक्षेप किया, जो यह दर्शाता है कि न्यायपालिका संवेदनशील और सजग है। उन्होंने कहा कि यह फैसला इस बात का प्रमाण है कि यदि लोग अन्याय के खिलाफ एकजुट होकर आवाज उठाते हैं, अपने अधिकारों के लिए डटे रहते हैं, और सही के पक्ष में संघर्ष करते हैं, तो अंततः न्याय जरूर मिलता है। उन्होंने कहा कि आज सुप्रीम कोर्ट ने वही न्याय दिया है, जिसका पीड़िता और समाज लंबे समय से प्रतीक्षा कर रहे थे।
--आईएएनएस
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