रूस में आए खतरनाक भूकंप के बाद सुनामी का खतरा: बचे लोगों की आंखों देखी आपबीती
रूस के पूर्वी क्षेत्र कैमचटका में आए 8.8 तीव्रता के शक्तिशाली भूकंप ने पूरी दुनिया को चौंका दिया है। इस भूकंप के बाद रूस, जापान और अमेरिका में सुनामी की चेतावनी जारी कर दी गई है। समुद्र की गहराई से उठती हुई ये सुनामी लहरें हजारों किलोमीटर दूर तक तबाही मचा सकती हैं। इससे पहले भी दुनिया कई बार इस विनाशकारी प्राकृतिक आपदा की चपेट में आ चुकी है।
2004 की सुनामी ने ली थी 2.3 लाख जानें
दिसंबर 2004 में हिंद महासागर में आए भूकंप के बाद 14 देशों में सुनामी की लहरें उठीं थीं। इस त्रासदी में करीब 2,30,000 लोगों की जान गई थी। सुनामी का रौद्र रूप केवल आंकड़ों में ही नहीं, बल्कि जीवित बचे लोगों की आंखों देखी कहानियों में भी दर्ज है।
एलन की कहानी: रिसॉर्ट की छुट्टी कब कब्रगाह में बदल गई
बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक एलन अपने परिवार के साथ श्रीलंका में क्रिसमस की छुट्टियां मना रही थीं। वे समुद्र तट पर बने रिसॉर्ट के थेरेपी रूम में मसाज करवा रही थीं। अचानक उन्हें एक जोरदार झटका महसूस हुआ। कुछ ही पलों में रिसॉर्ट की खिड़कियों से पानी का सैलाब अंदर घुस आया। उन्होंने देखा कि रिसॉर्ट के भीतर लाशें बिछ गई हैं, लोग मदद के लिए चिल्ला रहे हैं। एलन ने कहा, “काश मैं उनके हाथ पकड़ पाती... आज भी मैं वो दृश्य सपनों में देखती हूं।”
कुरोसावा: जब पेड़ पर चढ़कर बचाई जान
2011 में जापान में आई सुनामी ने दुनिया को फिर दहला दिया। 9.1 तीव्रता वाले इस भूकंप के बाद जब समुद्र ने विकराल रूप लिया, तब कुरोसावा नाम के व्यक्ति ने अपनी जान बचाने के लिए पास के एक चीड़ के पेड़ पर चढ़ गए। उन्होंने बताया, “मैंने अपने पैरों को पेड़ के चारों ओर लपेट लिया था। समुद्र का पानी मेरे चारों ओर था और गाड़ियां बह रही थीं।” उनका कहना था कि लहरें इतनी ठंडी थीं कि उनकी हड्डियां तक जम गई थीं।
मार्थनिस की आपबीती: फुटबॉल खेलते-खेलते मातम में बदला दिन
गार्जियन की रिपोर्ट में मार्थनिस ने बताया कि वो सुबह अपने दोस्तों के साथ फुटबॉल खेल रहे थे जब भूकंप आया। वे घर की ओर भागे लेकिन तभी समुद्र से एक रहस्यमय आवाज आई। जब उन्होंने देखा तो एक काली दीवार जैसी लहर उनकी ओर आ रही थी। “हमने कार से भागने की कोशिश की लेकिन लहर ने टक्कर मारी और मुझे होश ही नहीं रहा। जब आंख खुली तो हर तरफ लाशें और मलबा था।” उन्होंने बताया कि वह 20 दिन तक अकेले एक जगह फंसे रहे और जब लाशें उठाई जा रही थीं तब उन्हें अपने परिवार की भी पहचान हुई।
महीउद्दीन की कहानी: समुद्र में ही थे जब लहर आई
महीउद्दीन मछली पकड़ने समुद्र गए थे और वहीं रात बिताई। अगली सुबह अचानक नाव हिलने लगी और उन्होंने दूर से 20 मीटर ऊंची लहर को आते देखा। उन्होंने कहा, “हमने कई लाशें देखीं, जिनमें बच्चे भी शामिल थे। जब किनारे पहुंचे तो हमारा गांव पूरी तरह साफ हो गया था। मेरा पूरा परिवार भी चला गया।”

