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दु:खद खुलासा — हत्या के 5 महीने बाद छात्रा की डायरी में मिली चौंकाने वाली कहानी

दु:खद खुलासा — हत्या के 5 महीने बाद छात्रा की डायरी में मिली चौंकाने वाली कहानी

Delhi University (डीयू) की 18-वर्षीय छात्रा की हत्या के लगभग पांच महीने बाद उसकी डायरी में ऐसा राज़ मिला है जिसने पूरे मामले को पूरी-तरह पलट कर रख दिया है। छात्रा की मां जब उसके कमरे की सफाई कर रही थीं, तभी किताबों के बीच छिपी एक डायरी मिली — उसमें उसकी बेटी ने अपने बचपन के छह सालों तक अपने ही रिश्तेदार द्वारा हुए यौन उत्पीड़न का दर्दनाक अनुभव लिखा था। इस खुलासे के बाद, Delhi Police ने नई प्राथमिकी दर्ज कर मामले की पुनर्सँभवना शुरू कर दी है। The New Indian Express+2Amar Ujala+2

🔎 डायरी में क्या लिखा था

– बताया जा रहा है कि डायरी में लिखा एक पत्र है, जिसे छात्रा ने कक्षा सातवीं की पढ़ाई के दौरान लिखा था। उसने आरोप लगाया है कि करीब छह साल की उम्र से उसकी पोकितीय चचेरे भाई (ताऊ का बेटा) ने खेल — “लुका-छिपी” का बहाना बनाकर, तथा मौके का फायदा उठाकर उसका यौन शोषण शुरू किया। Jagran+2Hindustan Times+2
– छात्रा ने लिखा कि यह सिलसिला लगभग छह साल तक जारी रहा। विरोध या किसी से बात करने पर आरोपी ने उसे जान से मारने की धमकी दी। डर और शर्म के कारण वह अपने दुख को परिवार से साझा नहीं कर सकी। Amar Ujala+2Jagran+2
– डायरी में उसकी मानसिक पीड़ा, अकेलापन और आत्महत्या जैसे विचारों का जिक्र भी किया गया है। Live Hindustan+1

🕯️ हत्या के बाद खुला दर्दनाक सच

छात्रा की हत्या 1 जून 2025 को हुई थी। महरौली के पार्क (संजय वन) में चाकू से वार कर उसे गला घोंटा गया और बाद में शव को आग लगाने की कोशिश की गई थी। हत्या के आरोप में एक युवक को गिरफ्तार कर अदालत में चार्जशीट दाखिल हो चुकी है। Amar Ujala+2The New Indian Express+2

लेकिन पुलिस जांच और अदालत की प्रक्रिया के बीच, जब छात्रा की मां ने उसके कमरे की सफाई की — डायरी में लिखा हुआ अनुभव पढ़ा — तो हैरान रह गईं। उन्होंने तुरंत Jahangirpuri Police Station जाकर शिकायत दर्ज कराई। The New Indian Express+2Jagran+2

पुलिस ने डायरी की लिखावट की पुष्टि के लिए फोरेंसिक हस्तलिपि (हैंडराइटिंग) जांच कराई। फोरेंसिक एक्सपर्ट ने पुष्टि के बाद आरोपी रिश्तेदार के खिलाफ दुष्कर्म, पॉक्सो (POCSO Act) और जान से मारने की धमकी सहित संगीन धाराओं में केस दर्ज कर लिया है। Amar Ujala+2Live Hindustan+2

⚠️ सामाजिक और कानूनी मायने

यह खुलासा न सिर्फ एक हत्या-कांड को बदलकर रख देता है, बल्कि हमारी सामाजिक संरचना और न्याय व्यवस्था पर भी सवाल उठाता है।

  • पहली बात — यह घटना दिखाती है कि कैसे बचपन में हुए यौन शोषण और डर से पीड़ित लड़कियाँ सालों तक चुप रह जाती हैं। डायरी जैसी निजी चीज़ ही sometimes सच उजागर कर पाती है।

  • दूसरी बात — इस घटना पर अगर समय रहते कार्रवाई होती, तो शायद लड़की को बचाया जा सकता था। लेकिन डर, शरम और सामाजिक पहलुओं ने उसे चुप रखा।

  • तीसरी बात — कानूनी दृष्टिकोण से, यह केस पीओएससीओ अधिनियम, दुष्कर्म, धमकी आदि के दायरे में आता है — लेकिन अब दोषी रिश्तेदार पर मामला दर्ज हो चुका है; जांच आगे चलेगी।

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