एक कत्ल के चक्कर में मिटा दिया पूरा परिवार, दिल दहला जाएगा ये खौफनाक कांड जानकर
उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले के पाल्हापुर गांव में 11 और 12 मई की रात जो हुआ, वह सिर्फ एक हत्या नहीं, बल्कि हैवानियत की हदें पार करने वाला सामूहिक नरसंहार था। एक ही परिवार के छह लोगों की बेरहमी से हत्या कर दी गई, और चौंकाने वाली बात यह रही कि इस हत्याकांड को अंजाम देने वाला कोई और नहीं बल्कि घर का ही बेटा और भाई निकला।
घटना की शुरुआत एक हत्या से हुई। कातिल अजीत सिंह ने पहले किसी एक की जान लेने का इरादा किया था, लेकिन जैसे-जैसे घर के सदस्य जागते गए, गवाह बनते गए — वह उन्हें भी एक-एक कर मौत के घाट उतारता गया। जब उसकी मां ने उसे हत्या करते हुए देख लिया, तो उसे भी मारना पड़ा। फिर उसने सोचा कि अब जब दो को मार ही दिया है, तो बाकी को भी खत्म कर देता हूं। और इस तरह छह लोगों की क्रूर हत्या कर दी गई।
मरने वालों में घर के मुखिया अनुराग सिंह, उनकी पत्नी, मां और तीन मासूम बच्चे शामिल थे। मासूम बच्चों को पहले हथौड़े से मारा गया, फिर छत से नीचे फेंक दिया गया। एक 12 साल की बच्ची, जो इस हत्याकांड की चश्मदीद बन गई थी, उसे भी गोली मार दी गई। और यही एक गोली बाद में पूरे हत्याकांड की गुत्थी सुलझाने की वजह बनी।
शुरुआती जांच में पुलिस ने इसे 'मास मर्डर कम सुसाइड' (सामूहिक हत्या के बाद आत्महत्या) का मामला माना। घर का एकमात्र जीवित सदस्य अजीत सिंह लगातार यही कहानी दोहराता रहा कि उसका भाई अनुराग मानसिक रूप से अस्थिर था और उसने ही पूरे परिवार को मारकर आत्महत्या कर ली। लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने अजीत की कहानी की धज्जियां उड़ा दीं।
पोस्टमार्टम में खुलासा हुआ कि अनुराग के सिर में दो गोलियां लगी थीं, जबकि आत्महत्या में एक से ज्यादा गोलियों का लगना असंभव है। यहीं से पुलिस को शक हुआ। फिर जांच में पता चला कि एक गोली उस 12 साल की बच्ची के गले को चीरते हुए अनुराग के सिर में जा लगी थी। यानी यह वही गोली थी जिसे अजीत ने उस बच्ची को मारने के लिए चलाई थी — और इसी एक 'गलती से चली गोली' ने पूरे मामले का खुलासा कर दिया।
पूछताछ में अजीत ने आखिरकार अपना जुर्म कबूल कर लिया। उसका मकसद सिर्फ अपने किसी निजी विवाद या जलन को लेकर एक हत्या करना था, लेकिन जब एक के बाद एक गवाह बनने लगे, तो वह पूरे परिवार को खत्म करने पर उतर आया।
अब पुलिस ने अजीत सिंह को गिरफ्तार कर लिया है और उस पर हत्या, साक्ष्य मिटाने और झूठी कहानी गढ़ने का केस दर्ज किया है। यह मामला न सिर्फ रिश्तों की गहराई में छिपे अंधेरे को उजागर करता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि कैसे एक 'गलती से चली गोली' किसी हैवान को बेनकाब कर सकती है।

