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'एक्सीडेंट' समझ पुलिस कर रही थी मामले की जांच, लेकिन फिर ब्लिंक करती लाइट से पुलिस ने सुलझाई ब्लाइंड मर्डर केस की गुत्थी

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दिल्ली के भजनपुरा इलाके में एक युवक की रहस्यमयी मौत ने पुलिस को उलझन में डाल दिया था। पहले इसे एक सामान्य सड़क हादसा समझा गया, लेकिन पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट ने पूरी तस्वीर ही बदल दी। पुलिस की सघन तफ्तीश और एक छोटी सी क्लू — "ब्लिंक करती ग्रीन लाइट" — के जरिए यह ब्लाइंड मर्डर सुलझाया गया। इस मामले में पुलिस ने एक नाबालिग समेत चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। यह हत्या महज 50 रुपये के किराए के विवाद में की गई थी।

घटनाक्रम की शुरुआत

यह मामला 9 अप्रैल की रात का है, जब यमुना विहार स्थित पिलर नंबर 66 फुटा रोड पर एक युवक खून से लथपथ हालत में पड़ा मिला। तड़के करीब 3 बजे एक कॉलर ने पुलिस को सूचना दी कि एक युवक का एक्सीडेंट हुआ है और वह बुरी तरह घायल है। इलाके में गश्त कर रहे हेड कॉन्स्टेबल दिनेश और अन्य पुलिसकर्मी तुरंत मौके पर पहुंचे और घायल युवक को अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

शुरू में हादसे का केस दर्ज हुआ

घटनास्थल की शुरुआती जांच में पुलिस को कोई संदिग्ध गतिविधि नजर नहीं आई। युवक के पास मोबाइल फोन मिला, लेकिन उसकी तत्काल पहचान नहीं हो सकी। बाद में मोबाइल पर आई कॉल से उसकी पहचान 25 वर्षीय राशिद के रूप में हुई, जो पेशे से ई-रिक्शा चालक था। प्रारंभिक जांच के आधार पर पुलिस ने इसे एक्सीडेंट का मामला मानते हुए केस दर्ज किया।

पोस्टमॉर्टम ने पलटी तस्वीर

जब शव का पोस्टमॉर्टम हुआ तो एक्सीडेंट की थ्योरी पलट गई। डॉक्टरों की रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि राशिद के सीने पर हार्ट के पास करीब 8 सेंटीमीटर गहरा घाव था, जो किसी नुकीले हथियार से मारा गया था। हार्ट पंचर होने से उसकी मौत हुई थी। इसके साथ ही पुलिस को मौके से न तो ई-रिक्शा मिला और न ही राशिद का पर्स। इससे साफ हो गया कि यह एक्सीडेंट नहीं, बल्कि लूटपाट के इरादे से की गई हत्या थी।

'ब्लिंक करती ग्रीन लाइट' बना क्लू

ACP विवेक त्यागी की निगरानी में SHO नरेंद्र शर्मा और उनकी टीम ने दोबारा घटनास्थल की जांच शुरू की। क्राइम सीन पर लगे सीसीटीवी कैमरे नहीं थे, लेकिन राशिद के ई-रिक्शा मालिक ने एक अहम जानकारी दी — उसके रिक्शे के पीछे एक ग्रीन लाइट ब्लिंक करती है। इसी सुराग के आधार पर पुलिस टीम ने दुर्गा पुरी चौक से लेकर गोकुलपुरी फ्लाईओवर तक के CCTV फुटेज खंगाले और एक वीडियो में वही रिक्शा नजर आया।

आरोपी गिरफ्तार, 50 रुपये को लेकर हुआ था विवाद

CCTV की मदद से जांच की दिशा मुस्तफाबाद के नेहरू विहार तक पहुंची। 19 अप्रैल को पुलिस ने एक नाबालिग समेत नईम, मुजफ्फर और तईब को गिरफ्तार किया। पूछताछ में सामने आया कि आरोपी रात को घूमने निकले थे और मौजपुर से राशिद का ई-रिक्शा हायर किया। तय किराया 150 रुपये था, लेकिन आरोपी सिर्फ 50 रुपये देने पर अड़े थे। इसी बात पर बहस हुई और नाबालिग ने चाकू से राशिद की हत्या कर दी।

सबूत बरामद, मामला सुलझा

आरोपियों की निशानदेही पर पुलिस ने खादर इलाके से लूटा गया ई-रिक्शा, मृतक का पर्स और हत्या में इस्तेमाल चाकू बरामद कर लिया है। पुलिस अब मामले में आगे की कार्रवाई कर रही है और नाबालिग को जुवेनाइल कोर्ट में पेश किया जाएगा।

यह केस एक बार फिर साबित करता है कि पुलिस की सूझबूझ, तकनीकी सहायता और छोटी-छोटी जानकारियों के जरिए बड़ी-बड़ी गुत्थियां सुलझाई जा सकती हैं।

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