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फ्लाइट की तरफ तेजी से बढ़ रहा था शख्‍स, कंधे पर लटका था सिंपल बैग, उसमें था कुछ ऐसा... मच गई खलबली

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दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर सुरक्षा एजेंसियों ने एक बड़ी अनहोनी को समय रहते टाल दिया है। शुक्रवार सुबह इंडिगो की फ्लाइट 6E-5286 में एक पैसेंजर के बैग से एक प्रतिबंधित GPS डिवाइस बरामद की गई, जो एयर ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम को जाम करने में सक्षम थी। घटना सुबह करीब 5:30 बजे की है, जब इंडिगो की फ्लाइट हैदराबाद के लिए उड़ान भरने ही वाली थी। यात्रियों का प्री-इंबार्केशन सिक्योरिटी चेक जारी था कि तभी भीड़ को चीरते हुए एक व्यक्ति तेज़ी से एक्स-रे मशीन की ओर बढ़ा। उस व्यक्ति के कंधे पर एक सामान्य सा बैग टंगा हुआ था और चेहरे पर थकान तथा तनाव साफ नजर आ रहा था। बैग को जैसे ही एक्स-रे मशीन नंबर 9 से गुजारा गया, वहां तैनात सीआईएसएफ के सब-इंस्पेक्टर गौरव गहलोत की नजर मॉनिटर पर ठहर गई। उन्हें बैग के अंदर कुछ असामान्य दिखा।

बैग से निकली एयर ट्रैफिक को बाधित करने वाली डिवाइस

सीआईएसएफ जवान ने तुरंत सतर्कता बरतते हुए बैग को फिजिकल चेक के लिए अलग कर दिया। जांच के दौरान उस बैग में एक गार्मिन जीपीएस डिवाइस मिली। जांच में सामने आया कि यह डिवाइस इतनी पॉवरफुल थी कि यह एयर ट्रैफिक कंट्रोल और पायलट के बीच होने वाले संचार को बाधित कर सकती थी, जो उड़ान सुरक्षा के लिहाज से अत्यंत गंभीर मामला है। इस बैग के मालिक की पहचान भूपतिराजू अनमिष नागेंद्र शरत वर्मा के रूप में हुई है।

कोई अनुमति नहीं थी, तुरंत हुई गिरफ्तारी

जब सुरक्षा अधिकारियों ने भूपतिराजू से इस GPS डिवाइस के लिए टेलीकॉम विभाग की अनुमति या वैध दस्तावेज मांगे, तो वह कोई जवाब नहीं दे सका। इसके बाद उसे तुरंत डिवाइस सहित IGI एयरपोर्ट पुलिस के हवाले कर दिया गया। पुलिस ने टेलीकॉम एक्ट के तहत मामला दर्ज कर भूपतिराजू को गिरफ्तार कर लिया है। इस पूरे मामले की जांच शुरू कर दी गई है।

क्यों खतरनाक होती है यह GPS डिवाइस?

विशेषज्ञों के अनुसार, यह गार्मिन GPS डिवाइस सामान्य तौर पर ट्रैकिंग के लिए उपयोग की जाती है, लेकिन अगर इसमें कुछ तकनीकी छेड़छाड़ की गई हो या यह हाई-पावर जामिंग क्षमताओं से लैस हो, तो यह एविएशन रेडियो सिग्नल, नेविगेशन सिस्टम और संचार प्रणाली को बाधित कर सकती है। यह न केवल फ्लाइट संचालन के लिए खतरा पैदा करता है, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज से भी गंभीर मामला बन जाता है।

DGCA और BCAS के नियम क्या कहते हैं?

ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन सिक्योरिटी (BCAS) और नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) के मुताबिक, ऐसे सभी इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जिन्हें संचार या नेविगेशन प्रणाली को प्रभावित करने की क्षमता हो, उन्हें बिना अनुमति हवाई अड्डे या विमान में ले जाना पूरी तरह से प्रतिबंधित है। भारत में बिना टेलीकॉम विभाग की स्वीकृति के ऐसी GPS डिवाइस को रखना या लेकर चलना अपराध की श्रेणी में आता है।

क्या था आरोपी का इरादा? जांच जारी

अब पुलिस और खुफिया एजेंसियां इस बात की जांच कर रही हैं कि भूपतिराजू यह डिवाइस लेकर फ्लाइट में क्यों चढ़ना चाहता था। क्या यह कोई सामान्य तकनीकी उपकरण था जिसे वह गलतफहमी में लेकर आया, या फिर इसके पीछे कोई साजिश, प्रयोग या सुरक्षा तंत्र को टटोलने की कोशिश थी? जांच एजेंसियां उसके पृष्ठभूमि, यात्रा इतिहास, डिजिटल गतिविधियों और संभावित नेटवर्क को खंगाल रही हैं।

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