आधी रात को थाने पहुंचा शख्स, बोला- पत्नी और उसका ब्वॉयफ्रेंड फोन पर… सच सुनते ही घर दौड़ी पुलिस

सोशल मीडिया, फिल्में और अखबारों में हम अक्सर रिश्तों में विश्वासघात और उसके खौफनाक अंजाम की कहानियां पढ़ते हैं, लेकिन जब हकीकत में कोई ऐसा मामला सामने आता है, तो वह समाज को झकझोर कर रख देता है। पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले के सोनारपुर इलाके से एक रोंगटे खड़े कर देने वाला मामला सामने आया है, जहां एक पति ने अपनी पत्नी की गला दबाकर हत्या कर दी। वजह – पत्नी का कथित रूप से पड़ोसी युवक के साथ चल रहा छह साल पुराना प्रेम संबंध और पति की हत्या की साजिश!
रात के अंधेरे में थाने पहुंचा पति, कबूला जुर्म
घटना की शुरुआत होती है जब आधी रात को बापी गायेन नामक युवक सोनारपुर थाने पहुंचता है और पुलिस को चौंकाने वाली बात बताता है "मैंने अपनी पत्नी प्रियंका को मार डाला है… वह मुझे मरवाना चाहती थी…" थाने में मौजूद पुलिसकर्मी हक्के-बक्के रह गए। आनन-फानन में एक टीम उसके बताए पते पर पहुंची, तो वहां प्रियंका गायेन का शव पड़ा मिला। उसके गले पर दबाव के निशान साफ नजर आ रहे थे।
शादी से शुरू हुआ प्यार, लेकिन रिश्ता टूटा अविश्वास में
बापी और प्रियंका की शादी 8 साल पहले लव मैरिज के रूप में हुई थी। दोनों पहले पड़ोसी थे और यहीं से इनके रिश्ते की शुरुआत हुई थी। शादी के बाद दोनों ने सोनारपुर के माहीनगर इलाके में किराए का घर लिया। बापी को कोलकाता के पार्क सर्कस की एक फैक्ट्री में नौकरी मिल गई थी। शुरू में सब कुछ सामान्य था, लेकिन कुछ साल बाद बापी को शक हुआ कि प्रियंका का संबंध बगल वाले घर में रहने वाले युवक सुप्रकाश दास से हो गया है। यह शक धीरे-धीरे यकीन में बदल गया।
पड़ोसियों की भी थी भनक, रिश्ते में आई दरार
पड़ोसियों का कहना है कि प्रियंका और सुप्रकाश अक्सर साथ दिखते थे। उनके बीच बढ़ती नजदीकियों की चर्चा मोहल्ले में आम थी। बापी ने कई बार इस मुद्दे पर अपनी पत्नी से बहस की, लेकिन कोई समाधान नहीं निकला। झगड़े बढ़ते गए, और रिश्ता तनाव और अविश्वास का जाल बन गया।
प्रेमी गया, फिर लौटा – संपर्क बना रहा
कुछ समय बाद सुप्रकाश अपनी पत्नी के साथ वहां से चला गया। लेकिन बापी को जल्द ही पता चला कि वह पास के ही मोहल्ले में रहने लगा है और अब भी प्रियंका से संपर्क में है। यही नहीं, बापी ने दावा किया कि एक दिन उसने प्रियंका और सुप्रकाश की बातचीत फोन पर सुन ली, जिसमें वे उसकी हत्या की साजिश रच रहे थे। बापी के मुताबिक, उसकी पत्नी उसे रास्ते से हटाना चाहती थी ताकि वह अपने प्रेमी के साथ जिंदगी बिता सके।
आरोपों के बीच, लिया हत्या का फैसला
इन सब बातों से बापी का मानसिक संतुलन बिगड़ने लगा। वह हमेशा डर और गुस्से में रहने लगा। उसी डर के चलते उसने कथित तौर पर रात के समय प्रियंका की गला दबाकर हत्या कर दी। हत्या के बाद उसने किसी से भागने की कोशिश नहीं की, बल्कि सीधे थाने जाकर अपना गुनाह कबूल कर लिया। पुलिस ने बताया कि बापी ने पूरी वारदात की जानकारी विस्तार से दी और यही कहा कि उसने यह सब अपनी जान बचाने के लिए किया।
पुलिस ने की पुष्टि, शव भेजा गया पोस्टमार्टम के लिए
सोनारपुर थाने की पुलिस ने मौके पर पहुंचकर प्रियंका का शव कब्जे में लिया और पोस्टमार्टम के लिए भेजा। आरोपी पति को तत्काल गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने हत्या और आपराधिक साजिश के तहत मामला दर्ज कर लिया है।
थाने के एक अधिकारी ने बताया "हम सभी कोणों से जांच कर रहे हैं। पति के बयानों की सच्चाई की पुष्टि की जा रही है। फोन कॉल रिकॉर्ड, पड़ोसियों के बयान और पारिवारिक पृष्ठभूमि को खंगाला जा रहा है।"
पड़ोसियों की नजर में झगड़ालू रिश्ता
पड़ोसियों का कहना है कि पति-पत्नी के बीच अक्सर झगड़े होते रहते थे। कोई भी दिन ऐसा नहीं जाता था जब दोनों के बीच बहस ना होती हो। एक पड़ोसी ने कहा "हमने तो कई बार दोनों को समझाने की कोशिश की थी, लेकिन उनका रिश्ता जैसे नफरत और तनाव में घुलता जा रहा था।"
मानसिक तनाव बना बड़ा कारण?
इस मामले ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि रिश्तों में अविश्वास और मानसिक तनाव कितना घातक हो सकता है। क्या बापी सच में जान को खतरा महसूस कर रहा था? या यह सिर्फ उसके मन का वहम था? क्या प्रियंका निर्दोष थी? या वाकई वह अपने पति के खिलाफ साजिश रच रही थी? इन सवालों के जवाब पुलिस जांच के बाद सामने आएंगे।
न्यायिक प्रक्रिया में क्या होगा आगे?
फिलहाल आरोपी पति बापी को हिरासत में लिया गया है और उसे कोर्ट में पेश कर न्यायिक हिरासत में भेजा जा सकता है। अगर पुलिस को इस मामले में साजिश या अवैध संबंधों के सबूत मिलते हैं, तो यह मामला दिशा बदल सकता है। साथ ही, यह भी देखा जाएगा कि क्या आरोपी मानसिक रूप से अस्थिर था या नहीं।
निष्कर्ष: रिश्तों में टूटन का खौफनाक अंजाम
यह घटना एक बार फिर यह दिखाती है कि रिश्तों में पारदर्शिता, संवाद और विश्वास कितना जरूरी है। जब बातों से हल ना निकले, तो हिंसा को विकल्प बनाना एक बड़ा अपराध है। अगर कोई व्यक्ति मानसिक तनाव में है, तो उसे समझाना, परामर्श देना और काउंसलिंग कराना बेहद जरूरी है। वरना एक गलती कई जिंदगियों को तबाह कर सकती है।