शव की नहीं हुई पहचान लेकिन फिर भी हत्यारों तक पहुंची पुलिस, दर्जी की रसीद के टुकड़ें से हुआ मामले का खुलासा

ओडिशा के कटक में पुलिस ने हत्या के एक मामले को सुलझाने में कड़ी मेहनत के बाद आरोपी को पकड़ने में सफलता प्राप्त की। इस मामले में महिला के पति और दो देवरों को गिरफ्तार किया गया है, जिन्होंने पारिवारिक विवाद के चलते इस जघन्य हत्या को अंजाम दिया था। पुलिस ने हत्या के मामले में यूपीआई पेमेंट और एक दर्जी की रसीद के जरिए आरोपियों तक पहुंच बनाई।
घटना का विवरण: 13 दिसंबर की सुबह कटक के कंदरपुर इलाके में काठजोड़ी नदी के किनारे एक महिला का शव मिला था। शव मिलने के बाद कंदरपुर थानाध्यक्ष और एसीपी मौके पर पहुंचे और फॉरेंसिक टीम और डॉग स्क्वायड की मदद से जांच शुरू की। पुलिस ने हत्या में प्रयुक्त चापड़ भी बरामद कर लिया। प्रारंभिक जांच में पता चला कि महिला के दोनों हाथों पर "बाबा बलिया माता" और "पिता के.पी.एस.एम." जैसे टैटू थे, लेकिन इससे उसकी पहचान नहीं हो सकी।
जांच में मिले अहम सुराग: पुलिस ने इलाके में लगे सीसीटीवी कैमरों को खंगाला और आसपास के थानों से गुमशुदगी की रिपोर्ट प्राप्त की। जांच में घटनास्थल के पास खून से सनी शर्ट और पैंट मिली, जिन पर "न्यू स्टार टेलर्स" नामक दर्जी की रसीद थी। पुलिस ने इस सुराग पर कार्रवाई करते हुए ओडिशा में इस नाम के दर्जियों से संपर्क किया, लेकिन कोई ठोस जानकारी नहीं मिली। फिर एक व्यक्ति ने व्हाट्सएप पर सूचना दी कि ऐसा दर्जी गंजम जिले के भंजनगर में हो सकता है।
दर्जी की रसीद से मिली जानकारी: पुलिस ने तुरंत गंजम जिले के भंजनगर पुलिस स्टेशन को सूचित किया और वहां के एसडीपीओ से दुकान का पता लगाने के लिए कहा। जांच में गंजम जिले के जगन्नाथप्रसाद थाने के आईआईसी ने दुकान का पता लगाया, लेकिन रसीद का वहां भी मिलान नहीं हुआ। हालांकि, दर्जी ने बताया कि इस तरह की रसीद डिज़ाइन गुजरात में इस्तेमाल होती है। इस जानकारी ने पुलिस को आगे की दिशा दी, क्योंकि दर्जी ने बताया कि वह गुजरात में काम कर चुका था और वहां के रसीद डिजाइन से परिचित था।
मोबाइल नंबर से मिली पहचान: रसीद पर दर्ज नंबर "3833" की जांच करने पर पुलिस को "बाबू" नाम का ग्राहक मिला। इस नंबर पर संपर्क करने पर पुलिस ने "बाबू" की असली पहचान केंद्रपाड़ा जिले के निवासी जगन्नाथ डुहरी (27) के रूप में की। पुलिस ने उसकी जांच की तो पता चला कि वह सूरत जाने वाली ट्रेन में सफर कर रहा था। रायगढ़ा पुलिस को सूचित करने के बाद पुलिस ने मुनिगुडा स्टेशन के पास उसे गिरफ्तार कर लिया।
हत्या का कारण और गिरफ्तारी: पूछताछ में यह सामने आया कि महिला, जगन्नाथ की भाभी थी। उसने अपने भाई बलराम डूहरी और हापी डूहरी के साथ मिलकर हत्या की थी। हत्या का कारण पारिवारिक विवाद था। बलराम को अपनी पत्नी के चरित्र पर शक था, और इसी कारण उसने यह खौफनाक कदम उठाया। केंद्रपाड़ा पुलिस की मदद से बलराम को भी गिरफ्तार कर लिया गया।
पुलिस कार्रवाई: इस मामले में पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है, और आगे की जांच जारी है। पुलिस ने यूपीआई पेमेंट और दर्जी की रसीद जैसे अहम सुरागों का उपयोग करके इस जघन्य अपराध का पर्दाफाश किया। इस घटना ने यह सिद्ध कर दिया कि तकनीकी जांच और साक्ष्य की सटीकता से ही अपराधियों तक पहुंचा जा सकता है। पुलिस अब मामले में आगे की कानूनी कार्रवाई कर रही है।