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हत्या करने के बाद 13 साल से था फरार आरोपी, पुलिस ने दिल्ली से किया गिरफ्तार

महाराष्ट्र पुलिस ने एक 34 वर्षीय व्यक्ति को गिरफ्तार किया है, जो ठाणे जिले में एक व्यक्ति की हत्या करने के बाद 13 साल से फरार था। मीरा-भायंदर वसई-विरार (MBVV) पुलिस की एक समर्पित टीम ने 2012 के हत्या के मामले में आरोपी गोविंद कुमार...
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महाराष्ट्र पुलिस ने एक 34 वर्षीय व्यक्ति को गिरफ्तार किया है, जो ठाणे जिले में एक व्यक्ति की हत्या करने के बाद 13 साल से फरार था। मीरा-भायंदर वसई-विरार (MBVV) पुलिस की एक समर्पित टीम ने 2012 के हत्या के मामले में आरोपी गोविंद कुमार जगतनारायण चौधरी को नई दिल्ली के नया बाजार से धर दबोचा।

भयंदर में दशकों पुरानी हत्या

यह मामला 28 मई, 2012 का है, जब गोविंद कुमार ने कथित तौर पर अपने करीबी रिश्तेदार, 35 वर्षीय सुरेशकुमार सूर्यनारायण चौधरी की हत्या कर दी थी, जो भयंदर के ही निवासी थे। वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक प्रमोद बडख ने अपराध के भयावह विवरण का खुलासा करते हुए बताया कि गोविंद कुमार ने कथित तौर पर सुरेशकुमार का गला घोंट दिया, उनके मुंह को टेप से बंद कर दिया और फिर मूसल से उन पर कई बार वार किया।

क्रूरता का अनावरण: एक भीषण हमला

हमलावर यहीं नहीं रुका। निरीक्षक बडख ने आगे बताया कि गोविंद कुमार ने फिर चाकू और अन्य धारदार हथियारों का इस्तेमाल कर सुरेशकुमार के चेहरे, छाती, पेट और हाथों पर कई वार किए। हमले की क्रूरता ने उस समय जांचकर्ताओं को चौंका दिया था। इस जघन्य कृत्य के बाद, आरोपी फरार हो गया और एक दशक से अधिक समय तक गिरफ्तारी से बचता रहा।

लंबी तलाश: तकनीकी विश्लेषण और खुफिया जानकारी

गोविंद कुमार को पकड़ने की तलाश एक लंबी और कठिन प्रक्रिया थी। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि आरोपी को ट्रैक करने के लिए कई मोर्चों पर काम किया गया। "हमारी टीम ने तकनीकी विश्लेषण और महत्वपूर्ण खुफिया जानकारी सहित कई मोर्चों पर काम किया," एक पुलिस अधिकारी ने कहा। "जिससे अंततः हमें आरोपी की पहचान गोविंद कुमार जगतनारायण चौधरी के रूप में करने में मदद मिली।" यह परिश्रमपूर्वक किया गया कार्य और अत्याधुनिक फोरेंसिक उपकरणों का उपयोग था जिसने पुलिस को इतनी लंबी अवधि के बाद भी आरोपी का पता लगाने में सक्षम बनाया।

नई दिल्ली में गिरफ्तारी

कई सालों तक कानून से बचने के बाद, गोविंद कुमार का ठिकाना अंततः दिल्ली में पाया गया। मीरा-भायंदर वसई-विरार पुलिस की टीम ने सावधानीपूर्वक योजना बनाई और कार्रवाई की, जिसके परिणामस्वरूप नया बाजार इलाके से उसकी गिरफ्तारी हुई। इस गिरफ्तारी ने परिवार के लिए न्याय की उम्मीद जगाई है और यह दर्शाता है कि कानून की पहुंच कितनी लंबी है, भले ही कितने भी साल बीत जाएं।

आगे की जांच जारी

पुलिस ने बताया कि इस पूरे मामले की जांच अभी भी जारी है। गोविंद कुमार की गिरफ्तारी के साथ, जांचकर्ता अब 2012 की उस रात के और विवरणों को उजागर करने और यह समझने की उम्मीद कर रहे हैं कि आरोपी इतने लंबे समय तक गिरफ्तारी से कैसे बचता रहा। इस सफलता से यह भी उम्मीद है कि भविष्य में ऐसे अन्य पुराने मामलों को सुलझाने में मदद मिलेगी।

यह मामला महाराष्ट्र पुलिस की दृढ़ता और प्रतिबद्धता का एक प्रमाण है, जो वर्षों तक हार नहीं मानती है, भले ही आरोपी कितना भी चालाक क्यों न हो। गोविंद कुमार जगतनारायण चौधरी की गिरफ्तारी न्याय की जीत है और यह उन सभी अपराधियों के लिए एक स्पष्ट संदेश है कि वे कानून से ज्यादा समय तक नहीं छिप सकते।

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