बांदा में किन्नर गैंग का आतंक, युवकों को फंसाकर करते थे अत्याचार, जबरन करवाते थे जेंडर चेंज

यूपी के बांदा जिले में एक खौफनाक ट्रांसजेंडर गिरोह का आतंक सिर चढ़कर बोल रहा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस गिरोह ने लालच और जबरदस्ती के जरिए अब तक आधा दर्जन से अधिक युवकों को नपुंसक बना दिया है। इस अमानवीय कृत्य का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद पूरे इलाके में सनसनी फैल गई है और जिला प्रशासन भी इस मामले को लेकर सकते में है।
युवकों पर अत्याचार का वीडियो हुआ वायरल
मामले का खुलासा तब हुआ जब एक वीडियो सामने आया, जिसमें एक युवक को नंगा कर उसके बाल काटे जा रहे हैं और उसकी बेरहमी से पिटाई की जा रही है। पीड़ित युवक का नाम बच्चा बताया जा रहा है और वह बिसंडा थाना क्षेत्र का रहने वाला है। वीडियो में युवक की पहचान अटारा कस्बे के आस-पास की गई है। पीड़ितों ने पुलिस से संपर्क कर अपनी आपबीती बताई है, जिससे इस मामले में कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठने लगे हैं।
गिरोह का काला कारनामा
जानकारी के अनुसार, इस गिरोह की अगुवाई अटारा की ट्रांसजेंडर कैटरीना उर्फ धीरू कर रही है। यह गिरोह भोले-भाले कॉलेज के छात्रों को बहला-फुसला कर अपना शिकार बनाता है। युवकों को सुनहरे भविष्य के झूठे सपने दिखाकर कानपुर ले जाया जाता है, जहां स्वाति अस्पताल के अंदर एक फर्जी क्लीनिक संचालित किया जा रहा है।
फर्जी क्लीनिक में भयावह खेल
पुलिस और पीड़ितों के मुताबिक, कानपुर के इस क्लीनिक में गिरोह के एजेंट पीयूष द्विवेदी और कुछ डॉक्टर मिलकर युवकों का ऑपरेशन कर उनके लिंग परिवर्तन की प्रक्रिया करते हैं। पीड़ितों का दावा है कि अब तक यहां एक दर्जन से अधिक मासूम युवकों को नपुंसक बनाया जा चुका है। इसके अलावा, युवकों को हार्मोन रिप्लेसमेंट दवाओं का ओवरडोज और नशीले इंजेक्शन दिए जाते हैं, जिससे उनकी सेहत पर भी गंभीर असर पड़ रहा है।
पुलिस की मिलीभगत और प्रशासनिक लचर रवैया
सबसे चिंता की बात यह है कि स्थानीय अटारा थाना पुलिस पर भी इस गिरोह से सांठगांठ का आरोप लगाया जा रहा है। पीड़ित युवकों और समाजसेवी संगठनों का आरोप है कि जब भी इस गिरोह के खिलाफ आवाज उठती है, तो पुलिस मामले को दबाने में लगी रहती है। इस कारण पीड़ितों को न्याय नहीं मिल पा रहा है और गिरोह बिना किसी डर के अपनी हरकतें जारी रख रहा है।
समाजसेवी संगठनों का विरोध
मामले को लेकर कई समाजसेवी संगठनों ने पुलिस प्रशासन के खिलाफ जोरदार विरोध प्रदर्शन किया है। इन संगठनों ने आरोपी ट्रांसजेंडर गिरोह के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की मांग की है और कहा है कि युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ करने वालों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाना चाहिए।
प्रशासन की क्या है स्थिति?
हालांकि जिला प्रशासन ने इस मामले की जांच के आदेश दिए हैं, लेकिन अभी तक इस गिरोह के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई नहीं हो पाई है। वायरल वीडियो और पीड़ितों की शिकायतों के बाद प्रशासन पर दबाव बढ़ गया है कि वह इस घिनौने रैकेट को जल्दी से खत्म करे और दोषियों को कड़ी सजा दिलाए।
निष्कर्ष
बांदा के इस ट्रांसजेंडर गिरोह का मामला युवा पीढ़ी और समाज दोनों के लिए चिंता का विषय है। यह घटना न केवल युवकों के भविष्य को उजाड़ रही है, बल्कि कानून व्यवस्था और प्रशासन की कमज़ोरी को भी उजागर करती है। सरकार और पुलिस दोनों से उम्मीद की जाती है कि वे इस घिनौने गिरोह को बेनकाब करें, पीड़ितों को न्याय दिलाएं और इस तरह के मामलों को दोबारा होने से रोकने के लिए कड़े कदम उठाएं।