Samachar Nama
×

तंदूरी रोटी बनी मौत की वजह! अमेठी में शादी समारोह में भिड़े दो युवक, दोनों की गई जान

dafd

शादी-ब्याह जहां खुशियों का प्रतीक होते हैं, वहीं उत्तर प्रदेश के अमेठी जिले से आई एक घटना ने इस सोच को झकझोर दिया है। एक साधारण सी बात—तंदूरी रोटी को लेकर शुरू हुआ झगड़ा—इतना विकराल रूप ले लेगा कि दो युवा अपनी जान गंवा बैठेंगे, यह किसी ने सोचा भी नहीं होगा।

खुशियों का माहौल बना मातम का सबब

अमेठी के गौरीगंज थाना क्षेत्र के सहाय हृदय शाह गांव में 3 मई की रात जश्न का माहौल था। बलभद्रपुर गांव से बारात आई हुई थी। दूल्हा, गांव के प्रधान राम जियावन वर्मा का बेटा था। बारात की धूम थी, खाना-पीना चल रहा था, लेकिन इसी दौरान कुछ ऐसा हुआ जिसने सारे उत्सव को मातम में बदल दिया।

तंदूरी रोटी से शुरू हुई बहस

शादी के भोज में मौजूद दुल्हन पक्ष के मेहमान—राजगढ़ निवासी 18 वर्षीय रवि और 17 वर्षीय आशीष—भोजन के दौरान तंदूरी रोटी को लेकर किसी बात पर उलझ गए। पहले हल्की बहस हुई, फिर बात गाली-गलौज और मारपीट तक पहुँच गई। और यही क्षण बन गया उनकी जिंदगी का आखिरी मोड़।

भीड़ मानसिकता ने ली दो जानें

जो झगड़ा शांत किया जा सकता था, वह सामाजिक गैरजिम्मेदारी और भीड़ की मानसिकता के कारण जानलेवा हो गया। शादी जैसे पवित्र अवसर पर इतनी हिंसा केवल यह दर्शाती है कि हम कितने असहिष्णु होते जा रहे हैं। रोटी के लिए शुरू हुआ विवाद देखते ही देखते लाठी-डंडों और मुक्कों में बदल गया, जिसमें रवि और आशीष की मौत हो गई।

पुलिस की त्वरित कार्रवाई

पुलिस अधीक्षक अपर्णा रजत कौशिक ने घटना की पुष्टि की। FIR के आधार पर नामजद 6 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। आरोपियों पर गैर इरादतन हत्या, हमला, आपराधिक बल का प्रयोग और सामूहिक हिंसा की धाराएं लगाई गई हैं। पुलिस इस पूरे मामले की तह तक जाने की कोशिश में जुटी है।

सवाल उठते हैं...

  • क्या आज का समाज इतने गुस्से से भर गया है कि रोटी जैसी बात पर दो युवा मारे जाएं?

  • शादी जैसे अवसरों पर सुरक्षा और व्यवस्था को लेकर पंचायतें और परिवार कितने सजग हैं?

  • क्या हम सामूहिक रूप से हिंसा के प्रति संवेदनहीन हो चुके हैं?

शादी का जश्न बन गया जीवन का अंतिम दिन

रवि और आशीष की मौत केवल दो व्यक्तियों की नहीं है, यह समाज की एक चेतावनी है कि अगर हम अपने क्रोध, असहिष्णुता और भीड़ मानसिकता पर काबू नहीं पाएंगे, तो रोटी की जगह रंजिश, और शगुन की जगह शव बनते रहेंगे।

Share this story

Tags