18 दिन एनआईए की रिमांड में रहेगा तहव्वुर राणा, वीडियो में देखें कोर्ट ने 18 दिन की कस्टडी सौंपी

2008 के मुंबई आतंकी हमले के मास्टरमाइंडों में शामिल और पाकिस्तानी मूल के कनाडाई नागरिक तहव्वुर हुसैन राणा को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने 18 दिन की राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की कस्टडी में भेज दिया है। एनआईए ने अदालत से 20 दिन की रिमांड मांगी थी, लेकिन कोर्ट ने फिलहाल उसे 18 दिन की हिरासत में भेजने का निर्णय सुनाया है।
64 वर्षीय राणा को 10 अप्रैल को अमेरिका से भारत प्रत्यर्पित कर लाया गया। उसे दिल्ली के पालम टेक्निकल एयरपोर्ट पर लैंड कराने के बाद तुरंत मेडिकल जांच की गई और फिर उसे NIA मुख्यालय ले जाया गया। इसके बाद गुरुवार को उसे अदालत में पेश किया गया, जहां कोर्ट ने राणा को एनआईए की हिरासत में सौंपने का आदेश दिया।
कौन है तहव्वुर राणा?
तहव्वुर हुसैन राणा, पेशे से एक डॉक्टर और व्यवसायी है, जिसका नाम 2008 के मुंबई आतंकी हमले की साजिश में प्रमुख रूप से सामने आया था। उस पर आरोप है कि उसने लश्कर-ए-तैयबा और डेविड हेडली के साथ मिलकर हमले की योजना को अंजाम देने में भूमिका निभाई थी। अमेरिका की एक अदालत में उसे इससे पहले हेडली के सहयोगी के तौर पर दोषी ठहराया जा चुका है।
प्रत्यर्पण की लंबी कानूनी प्रक्रिया
राणा का भारत प्रत्यर्पण एक लंबी कानूनी प्रक्रिया के बाद संभव हो सका। अमेरिका में कई वर्षों तक चली सुनवाई के बाद हाल ही में वहां की अदालत ने भारत को उसे सौंपने की अनुमति दी थी। इसके बाद भारत सरकार और जांच एजेंसियों के स्तर पर राणा को लाने की तैयारी की गई, जिसे आखिरकार अब अंजाम दे दिया गया।
NIA करेगी गहन पूछताछ
अब एनआईए राणा से 2008 के 26/11 मुंबई हमलों, उसकी लश्कर से संबंधों, डेविड हेडली से संपर्क और हमले की पूर्व साजिश की जानकारी को लेकर विस्तृत पूछताछ करेगी। माना जा रहा है कि एनआईए के पास कई ऐसे सवाल हैं जिनका जवाब सिर्फ राणा ही दे सकता है, जिससे 26/11 हमलों से जुड़ी कई कड़ियों को जोड़ा जा सकेगा।
क्या है 26/11 हमला?
26 नवंबर 2008 को पाकिस्तान से समुद्री रास्ते से आए 10 आतंकवादियों ने मुंबई के कई महत्वपूर्ण स्थानों – जैसे ताज होटल, छत्रपति शिवाजी टर्मिनस, लीओपोल्ड कैफे, नरीमन हाउस – पर हमला कर 166 लोगों की जान ले ली थी। इस हमले में सैकड़ों लोग घायल हुए थे और भारत की सुरक्षा व्यवस्था को बड़ा झटका लगा था।
अब तहव्वुर राणा की गिरफ्तारी और उससे पूछताछ इस बहुचर्चित आतंकी हमले के उन पहलुओं को उजागर कर सकती है जो अभी तक रहस्य बने हुए हैं। सुरक्षा एजेंसियां और देश की जनता अब यह उम्मीद कर रही है कि राणा से पूछताछ के बाद भारत इस हमले के पीछे के पूरे नेटवर्क को बेनकाब कर पाएगा।