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सौतन थी कमरे में, पत्नी की बिगड़ गई नीयत, फिर किया ऐसा काम, बेटे को बोली- कुछ लोग आए थे...

दिल्ली का जामिया नगर स्थित बटला हाउस एक बार फिर एक सनसनीखेज हत्याकांड का गवाह बना है। यहां गली नंबर 10 में 2 जून की सुबह करीब 4:30 बजे, पुलिस कंट्रोल रूम में एक फोन कॉल आया, जिसने सब कुछ हिला कर रख.... 
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दिल्ली का जामिया नगर स्थित बटला हाउस एक बार फिर एक सनसनीखेज हत्याकांड का गवाह बना है। यहां गली नंबर 10 में 2 जून की सुबह करीब 4:30 बजे, पुलिस कंट्रोल रूम में एक फोन कॉल आया, जिसने सब कुछ हिला कर रख दिया। फोन करने वाला एक लड़का था, जो बेहद घबराया हुआ था। उसने कहा – "घर में चोर घुस आए हैं और उन्होंने पापा की दूसरी बीवी को चाकू मार दिया है।" पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची और जो सच्चाई सामने आई, वह किसी क्राइम थ्रिलर से कम नहीं थी।

सौतन बनी कातिल: नस्बू खातून की हत्या से खुला राज

पुलिस जब बटला हाउस की चौथी मंजिल पर पहुंची, तो वहां 30 वर्षीय महिला नस्बू खातून की लाश खून से सनी हुई पड़ी थी। गर्दन और पेट पर चाकू के कई वार किए गए थे। लाश के आसपास खून बिखरा था, लेकिन कहीं भी जबरन घुसने या संघर्ष का कोई निशान नहीं था। ना कोई ताला टूटा, ना ही कोई खिड़की टूटी। यानि जो कुछ हुआ, वो घर के भीतर के किसी व्यक्ति ने किया था। यही से शुरू हुई एक हत्यारी जलन की कहानी, जिसने एक पत्नी को कातिल बना दिया।

एक पति, दो बीवियां और एक खूनी अंजाम

घर में रहने वाले अंसार नाम के शख्स की दो बीवियां थीं — अफसरी खातून (पहली पत्नी) और नस्बू खातून (दूसरी पत्नी)। पुलिस ने जब अफसरी से गहराई से पूछताछ की, तो उसका झूठ जल्द ही सामने आ गया। आखिरकार उसने कबूल कर लिया कि नस्बू की हत्या उसी ने की है। अफसरी ने बताया कि उसकी अंसार से 16 साल पहले शादी हुई थी, और उनके तीन बच्चे हैं। कुछ साल पहले अंसार ने बिना बताए हैदराबाद में नस्बू से दूसरा निकाह कर लिया और एक साल बाद नई पत्नी को दिल्ली ले आया।

दुबई चला गया पति, घर में शुरू हुआ तूफान

कुछ समय बाद अंसार दुबई नौकरी करने चला गया। घर में रह गईं दो बीवियां — पहली पत्नी अफसरी और दूसरी पत्नी नस्बू। दोनों के बीच आए दिन तनाव, तकरार और ताना-कशी का माहौल रहने लगा। अफसरी को लगता था कि अंसार का दिल अब उसकी नहीं, नस्बू का हो गया है। एक बार तो नस्बू ने अफसरी के बड़े बेटे को थप्पड़ मार दिया था। यह घटना अफसरी के दिल में जहर की तरह बैठ गई और उसके भीतर सौतन के प्रति जलन और नफरत लगातार बढ़ती गई।

1 जून की रात: एक सोच, एक चाकू और एक हत्या

1 जून की रात दोनों बीवियों के बीच फिर बहस हुई। अफसरी गुस्से में रात भर करवटें बदलती रही। करीब रात 2 बजे, उसने रसोई से एक चाकू उठाया और चुपचाप नस्बू के कमरे में गई। सोती हुई नस्बू के गले और पेट पर ताबड़तोड़ चाकू से वार किए, जब तक वह दम न तोड़ दे। इसके बाद अफसरी ने अपने बेटे से झूठी कहानी बनवाई, जिसमें बताया गया कि घर में चोर घुस आए थे और उन्होंने नस्बू को मार डाला। बेटा भी डर और माँ के कहने पर पुलिस को यही कहानी सुनाने लगा।

CCTV ने खोला राज, झूठ का पर्दाफाश

लेकिन दिल्ली पुलिस इतनी आसानी से ठगने वाली नहीं थी। पुलिस ने गली के CCTV फुटेज खंगाले, लेकिन कहीं भी कोई बाहरी संदिग्ध व्यक्ति दिखाई नहीं दिया। शक की सुई अब घर के अंदर ही घूमने लगी। जैसे-जैसे पूछताछ बढ़ी, अफसरी का झूठ उधड़ने लगा और आखिरकार उसने हत्या की बात स्वीकार कर ली। उसके खिलाफ IPC की धारा 302 (हत्या) के तहत केस दर्ज कर लिया गया है।

निष्कर्ष: जलन, द्वेष और बदले की आग बना दी कातिल

यह मामला सिर्फ एक हत्या का नहीं, बल्कि उन टूटे रिश्तों और दमित भावनाओं की कहानी है, जो समय के साथ विषैली बनती गईं। एक महिला जो अपनी दुनिया बिखरते देख रही थी, उसने अंत में अपनी सौतन की जान लेकर सुकून पाने की कोशिश की। लेकिन अब उसके लिए सिर्फ जेल की सलाखें और अपने बच्चों से दूर एक शर्मनाक जिंदगी बाकी रह गई है। दिल्ली का जामिया नगर स्थित बटला हाउस एक बार फिर एक सनसनीखेज हत्याकांड का गवाह बना है। यहां गली नंबर 10 में 2 जून की सुबह करीब 4:30 बजे, पुलिस कंट्रोल रूम में एक फोन कॉल आया, जिसने सब कुछ हिला कर रख दिया। फोन करने वाला एक लड़का था, जो बेहद घबराया हुआ था। उसने कहा – "घर में चोर घुस आए हैं और उन्होंने पापा की दूसरी बीवी को चाकू मार दिया है।" पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची और जो सच्चाई सामने आई, वह किसी क्राइम थ्रिलर से कम नहीं थी।

सौतन बनी कातिल: नस्बू खातून की हत्या से खुला राज

पुलिस जब बटला हाउस की चौथी मंजिल पर पहुंची, तो वहां 30 वर्षीय महिला नस्बू खातून की लाश खून से सनी हुई पड़ी थी। गर्दन और पेट पर चाकू के कई वार किए गए थे। लाश के आसपास खून बिखरा था, लेकिन कहीं भी जबरन घुसने या संघर्ष का कोई निशान नहीं था। ना कोई ताला टूटा, ना ही कोई खिड़की टूटी। यानि जो कुछ हुआ, वो घर के भीतर के किसी व्यक्ति ने किया था। यही से शुरू हुई एक हत्यारी जलन की कहानी, जिसने एक पत्नी को कातिल बना दिया।

एक पति, दो बीवियां और एक खूनी अंजाम

घर में रहने वाले अंसार नाम के शख्स की दो बीवियां थीं — अफसरी खातून (पहली पत्नी) और नस्बू खातून (दूसरी पत्नी)। पुलिस ने जब अफसरी से गहराई से पूछताछ की, तो उसका झूठ जल्द ही सामने आ गया। आखिरकार उसने कबूल कर लिया कि नस्बू की हत्या उसी ने की है। अफसरी ने बताया कि उसकी अंसार से 1 6 साल पहले शादी हुई थी, और उनके तीन बच्चे हैं। कुछ साल पहले अंसार ने बिना बताए हैदराबाद में नस्बू से दूसरा निकाह कर लिया और एक साल बाद नई पत्नी को दिल्ली ले आया।

दुबई चला गया पति, घर में शुरू हुआ तूफान

कुछ समय बाद अंसार दुबई नौकरी करने चला गया। घर में रह गईं दो बीवियां — पहली पत्नी अफसरी और दूसरी पत्नी नस्बू। दोनों के बीच आए दिन तनाव, तकरार और ताना-कशी का माहौल रहने लगा। अफसरी को लगता था कि अंसार का दिल अब उसकी नहीं, नस्बू का हो गया है। एक बार तो नस्बू ने अफसरी के बड़े बेटे को थप्पड़ मार दिया था। यह घटना अफसरी के दिल में जहर की तरह बैठ गई और उसके भीतर सौतन के प्रति जलन और नफरत लगातार बढ़ती गई।

1 जून की रात: एक सोच, एक चाकू और एक हत्या

1 जून की रात दोनों बीवियों के बीच फिर बहस हुई। अफसरी गुस्से में रात भर करवटें बदलती रही। करीब रात 2 बजे, उसने रसोई से एक चाकू उठाया और चुपचाप नस्बू के कमरे में गई। सोती हुई नस्बू के गले और पेट पर ताबड़तोड़ चाकू से वार किए, जब तक वह दम न तोड़ दे। इसके बाद अफसरी ने अपने बेटे से झूठी कहानी बनवाई, जिसमें बताया गया कि घर में चोर घुस आए थे और उन्होंने नस्बू को मार डाला। बेटा भी डर और माँ के कहने पर पुलिस को यही कहानी सुनाने लगा।

CCTV ने खोला राज, झूठ का पर्दाफाश

लेकिन दिल्ली पुलिस इतनी आसानी से ठगने वाली नहीं थी। पुलिस ने गली के CCTV फुटेज खंगाले, लेकिन कहीं भी कोई बाहरी संदिग्ध व्यक्ति दिखाई नहीं दिया। शक की सुई अब घर के अंदर ही घूमने लगी। जैसे-जैसे पूछताछ बढ़ी, अफसरी का झूठ उधड़ने लगा और आखिरकार उसने हत्या की बात स्वीकार कर ली। उसके खिलाफ IPC की धारा 302 (हत्या) के तहत केस दर्ज कर लिया गया है।

निष्कर्ष: जलन, द्वेष और बदले की आग बना दी कातिल

यह मामला सिर्फ एक हत्या का नहीं, बल्कि उन टूटे रिश्तों और दमित भावनाओं की कहानी है, जो समय के साथ विषैली बनती गईं। एक महिला जो अपनी दुनिया बिखरते देख रही थी, उसने अंत में अपनी सौतन की जान लेकर सुकून पाने की कोशिश की। लेकिन अब उसके लिए सिर्फ जेल की सलाखें और अपने बच्चों से दूर एक शर्मनाक जिंदगी बाकी रह गई है।

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