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'गैर मर्दों के साथ सो जाओ!' बीवी नहीं बन पा रही थी मां, तांत्रिक के पास लेकर पहुंचा पति, फिर जो हुआ...

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कभी-कभी अंधविश्वास, संतान की चाह, और कुंठित मानसिकता मिलकर ऐसा घिनौना रूप ले लेते हैं, जो इंसानियत को शर्मसार कर देता है। उत्तर प्रदेश के बरेली जिले के मीरगंज क्षेत्र से सामने आया यह मामला न सिर्फ इंसानियत को झकझोर देने वाला है, बल्कि यह सवाल भी खड़ा करता है — क्या आज भी समाज में महिलाएं सिर्फ 'संतान की मशीन' भर मानी जाती हैं?

शादी के बाद सब कुछ ठीक था, पर...

पीड़िता, जो मीरगंज थाना क्षेत्र की रहने वाली है, ने बताया कि उसकी शादी को डेढ़ साल हुए हैं। शुरुआत में सब कुछ ठीक-ठाक रहा, लेकिन संतान न होने के कारण पति और ससुरालवालों का व्यवहार धीरे-धीरे क्रूरता की हदें पार करने लगा।

महिला ने पुलिस में दर्ज कराई अपनी शिकायत में कहा है कि उसका पति उस पर मानसिक और शारीरिक अत्याचार करने लगा था। वह उसे गालियां देता, मारता-पीटता और कई बार जबरन संबंध बनाता।

तांत्रिक के पास इलाज के नाम पर ले गया पति

सबसे हैरान करने वाली बात यह थी कि महिला का पति उसे यह कहकर असद नगर में रहने वाले एक तांत्रिक गिरधारी के पास ले गया कि वहां उसका इलाज कराकर संतान मिल सकती है। पीड़िता ने बताया कि 12 अप्रैल 2025 को पति उसे वहां लेकर गया, जहां पहले से ही कुछ अजनबी लोग मौजूद थे।

तांत्रिक ने जो कहा, वह किसी को भी सन्न कर देगा — उसने कहा कि संतान प्राप्ति के लिए उसे किसी अन्य पुरुष के साथ शारीरिक संबंध बनाना होगा।

नशीली दवा दी, और फिर हुआ बलात्कार

महिला के अनुसार, तांत्रिक ने उसे एक नशीली दवा दी, जिससे वह बेहोश हो गई। जब उसे होश आया, तो उसे अहसास हुआ कि दो अजनबी पुरुषों ने उसके साथ दुष्कर्म किया है।

उसने जैसे-तैसे खुद को समेटा और ससुराल पहुंचकर अपनी सास और ननद को पूरा घटनाक्रम बताया। लेकिन मदद के बजाय सास-ननद ने उसे गालियां दीं, पीटा और घर से बाहर निकाल दिया।

मायके गई, फिर पहुंची थाने

अपनी अस्मिता पर हुए इस जघन्य हमले के बाद महिला मायके पहुंची और अपने माता-पिता को सब कुछ बताया। माता-पिता उसे लेकर मीरगंज थाने पहुंचे और तहरीर दी।

पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए तांत्रिक गिरधारी, महिला के पति, और अन्य चार अज्ञात लोगों के खिलाफ बलात्कार, षड्यंत्र, आपराधिक विश्वासघात और नशीली दवा देने जैसे गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज की।

मेडिकल जांच और पुलिसिया कार्रवाई शुरू

थाना प्रभारी के मुताबिक, पीड़िता का मेडिकल परीक्षण कराया गया है और धारा 376D (गैंगरेप), 328 (नशीला पदार्थ), 120B (षड्यंत्र), 506 (धमकी) जैसी गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया गया है।

पुलिस की टीमें सभी आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए लगातार दबिश दे रही हैं। अधिकारियों का कहना है कि यह मामला अत्यंत गंभीर है और किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा।

समाज के लिए कई सवाल छोड़ गया ये मामला

यह मामला न सिर्फ एक महिला की अस्मिता पर हमला है, बल्कि यह समाज की उस बीमार सोच को भी उजागर करता है, जो आज के डिजिटल युग में भी तांत्रिकों और झूठे अंधविश्वासों में उलझी हुई है।

  • क्या महिला का शरीर सिर्फ संतान के लिए है?

  • क्या पति को ये हक है कि वह पत्नी की असहमति के बावजूद उसकी अस्मिता को बेच दे?

  • कब खत्म होगा यह घिनौना तंत्र?

निष्कर्ष: कानून से ज्यादा सोच में बदलाव जरूरी

बरेली की यह घटना हमें यह याद दिलाती है कि कानून भले मजबूत हो, लेकिन मानसिकता में बदलाव तब तक नहीं होगा, जब तक स्त्री को बराबरी का दर्जा और सम्मान नहीं मिलेगा। पुलिस ने अपनी कार्रवाई शुरू कर दी है, लेकिन समाज को भी यह सोचना होगा — बच्चा जरूरी है या इंसानियत?

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