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देवर की चाह में भाभी हुई बदनाम, देवरानी के मायके जाते ही कमरे में घुसी, सुबह बिस्तर देख चीखा परिवार

देवर की चाह में भाभी हुई बदनाम! देवरानी के मायके जाते ही कमरे में घुसी, सुबह बिस्तर देख चीखा परिवार

एक शांत कस्बे में रहने वाले परिवार में उस समय हड़कंप मच गया जब घर के सदस्यों को एक ऐसी घटना का पता चला जिसने रिश्तों की मर्यादा और विश्वास को झकझोर कर रख दिया। बीती रात परिवार की छोटी बहू मायके गई हुई थी। इसी दौरान बड़ी बहू पर आरोप लगा कि वह अपने देवर के कमरे में चली गई। सुबह जब परिजन जागे और कमरे का हाल देखा, तो मामला घर की दहलीज तक ही नहीं, बल्कि पूरे मोहल्ले में चर्चा का विषय बन गया।

परिवार के सदस्यों के अनुसार, देवर और भाभी के बीच पहले से ही आपसी तालमेल को लेकर कुछ संदेह जताया जाता रहा था। हालांकि अब तक किसी के पास इसके ठोस प्रमाण नहीं थे। लेकिन बीती रात की घटना के बाद स्थिति और भी तनावपूर्ण हो गई है। परिवार के मुखिया का कहना है कि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि उनकी बहू रिश्तों की गरिमा को इस प्रकार कलंकित कर देगी।

घटना की पूरी रात का घटनाक्रम

सूत्रों के मुताबिक, रात करीब दस बजे घर के सभी सदस्य सोने चले गए। देवरानी मायके में थी, और घर के बाकी सदस्य अपने कमरों में आराम कर रहे थे। आधी रात के बाद बड़ी बहू देवर के कमरे में चली गई। सुबह जब देवरानी की सास चाय देने देवर के कमरे की ओर गईं, तो कमरे के दरवाजे बंद पाए। शंका होने पर उन्होंने बाकी परिजनों को बुलाया और जैसे-तैसे दरवाजा खुलवाया।

जैसे ही दरवाजा खुला, अंदर की स्थिति देखकर परिवार के सभी सदस्य हैरान रह गए। कमरे की अव्यवस्था और बिखरे बिस्तर देखकर सभी को शक की पुष्टि होती दिखाई दी। इस पर देवर और भाभी के बीच तीखी नोकझोंक भी हुई।

सामाजिक दृष्टिकोण से गंभीर मामला

ऐसे मामलों में अक्सर समाज बिना किसी जांच-पड़ताल के महिला पर दोषारोपण कर देता है। विशेषज्ञों का मानना है कि परिवारों में संवाद की कमी और गलतफहमियाँ रिश्तों को टूटने की कगार तक ले जाती हैं। पारिवारिक परामर्शदाता कहते हैं कि ऐसी घटनाएँ न केवल दो व्यक्तियों के बीच बल्कि पूरे परिवार पर गहरा मानसिक प्रभाव डालती हैं।

परिवार में तनाव चरम पर

घटना के बाद बड़ी बहू अपने ऊपर लगाए गए आरोपों को झूठा बता रही है। वहीं देवर चुप्पी साधे हुए है। मामला इतना बढ़ गया है कि अब परिवार पंचायत बुलाने की सोच रहा है, ताकि किसी निष्कर्ष तक पहुँचा जा सके। मोहल्ले में भी तरह-तरह की चर्चाएँ हो रही हैं, जिससे परिवार की प्रतिष्ठा प्रभावित हो रही है।

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