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सायरन बजाती गाड़ी के लिए लोगों ने खाली किया रास्ता…कार की छत पर बने तहखाना में छुपाकर रखे थे 50 बच्चे, ऐसे हुआ मामले का खुलासा

बिहार में शराबबंदी कानून लागू होने के बाद भी तस्कर अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं. उनके जरीए नए-नए तरीकों से शराब की तस्करी की जा रही है. इस बार तस्करों ने ऐसी जुगाड़ लगाई, जिसके खुलासे पर पुलिस भी हैरान रह गई. मामला मुजफ्फरपुर का है, जहां तस्कर एंबुलेंस में मरीज की जगह शराब की खेप ढोह रहे थे. पुलिस ने पश्चिम बंगाल से आई एंबुलेंस की जांच की तो उसकी छत में बने तहखाने से शराब के कार्टून बरामद हुए.  मुजफ्फरपुर पुलिस ने एक ऐसा एंबुलेंस पकड़ा है, जिसमें मरीज की जगह शराब की बोतलें निकली. उत्पाद विभाग की टीम ने जिले के सदातपुर से एंबुलेंस को पकड़ा है. पुलिस को पहली बार तो एंबुलेंस में कुछ नहीं दिखा. लेकिन, मुखबिर की मिली सूचना पक्की थी, इसपर पुलिस ने एंबुलेंस को दोबारा चेक किया. फिर जो तस्वीर दिखी वो हैरान करने वाली थी. एंबुलेंस की छत पर एक तहखाना बनाया गया था. उसमे शराब छिपा कर रखा गया था. ताकि किसी को नजर उसपर नही पड़े.  ये भी पढ़ें भारत से​ टेंशन के बीच पाकिस्तान को मिली खुशखबरी, जुमे के दिन हुई 40 हजार करोड़ की कमाई Seema Haider News: जिस गांव में रह रही है सीमा हैदर, वहां के लोग क्या बोले? अनिल कपूर पर टूटा दुखों का पहाड़, 90 साल की उम्र में मां का निधन एंबुलेंस की छत पर बना रखा था गुप्त तहखाना पुलिस की टीम ने जब इस तहखाने को खुलवाया तो उसके अंदर से भारी मात्रा में शराब की कार्टून निकलने लगे. आमतौर पर गाड़ियों के अंदर या नीचे तहखाना बनाकर शराब की तस्करी के मामले आते रहते थे. लेकिन इस बार एंबुलेंस की छत पर ही तहखाना बना दिया गया था ताकि कोई पकड़ न पाए. उत्पाद इंस्पेक्टर दीपक कुमार सिंह ने बताया कि डीएम के आदेश पर हर दिन जिले में रेड की जाता है. इसी दौरान सूचना मिली कि एक एम्बुलेंस से सिल्लीगुड़ी से शराब की खेप आने वाली है.  पश्चिम बंगाल से लाई गई थी शराब सूचना के बाद सदातपुर शिव नगर में एम्बुलेंस खड़ा पाया. मौके से एम्बुलेंस चालक अनीश पुलिस को देखकर भागने लगा. उसे पकड़कर तलाशी ली गई. एम्बुलेंस की छत को हिडेन बॉक्स (गुप्त तहखाना) में शराब पाया गया. शराब पश्चिम बंगाल निर्मित है. पूछताछ के दौरान चालक ने बताया कि वह पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी से विदेशी शराब की खेप को लेकर मुजफ्फरपुर पहुंचा. शराब की खेप को डिलीवर करना था.  दो बड़े शराब तस्करों के आए नाम उत्पाद इंस्पेक्टर ने बताया कि पकड़ा गया एंबुलेंस चालक पहले भी सिलीगुड़ी से विदेशी शराब की खेप को ला चुका है. चालक ने उत्पाद टीम को दो बड़े शराब कारोबारी सन्नी राय और मजहर के भी नाम बताए हैं, जो शराब का सिंडीकेट चलाता है. पुलिस उनकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी कर रही है. उन्होंने बताया कि पुलिस को चकमा देने के लिए तस्कर कभी एम्बुलेंस कभी पुलिस वाहन कभी प्रेस वाहन का उपयोग करते है ताकि शक न हो.

बिहार में शराबबंदी के बावजूद तस्करों की चालाकियों का सिलसिला जारी है। ताजा मामला मुजफ्फरपुर से सामने आया है, जहां तस्करों ने एंबुलेंस की आड़ में शराब की तस्करी की अनोखी तरकीब अपनाई। इस बार शराब को एंबुलेंस की छत में बनाए गए गुप्त तहखाने में छिपाकर लाया गया था।

मुजफ्फरपुर में एंबुलेंस से हो रही थी शराब की तस्करी, छत पर बने तहखाने से बरामद हुई बड़ी खेप

बिहार में पूर्ण शराबबंदी लागू है, लेकिन इसके बावजूद शराब तस्करी के नए-नए तरीके सामने आ रहे हैं। मुजफ्फरपुर के सदातपुर इलाके में उत्पाद विभाग की टीम ने एक एंबुलेंस को रोका, जो दिखने में एक सामान्य मरीज ले जाने वाला वाहन था, लेकिन उसकी छत में एक गुप्त तहखाना बना हुआ था, जिसमें शराब के कार्टन छिपाए गए थे।

पहले नहीं मिला सुराग, फिर दोबारा चेकिंग में खुला राज

सूचना मिलने पर जब एंबुलेंस को जांच के लिए रोका गया, तो पहले नजर में कुछ नहीं मिला। लेकिन जब टीम ने दोबारा बारीकी से तलाशी ली, तो छत पर छिपे बॉक्स में विदेशी शराब की भारी खेप बरामद हुई। शराब पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी से लाई गई थी।

चालक गिरफ्तार, बड़े तस्करों के नाम उजागर

एंबुलेंस चालक अनीश को मौके से गिरफ्तार कर लिया गया है। पूछताछ में उसने खुलासा किया कि वह पहले भी शराब की खेप सिलीगुड़ी से ला चुका है। उसने दो बड़े शराब माफिया — सनी राय और मजहर — के नाम बताए, जो तस्करी के इस नेटवर्क को संचालित करते हैं।

एंबुलेंस का ‘इस्तेमाल’ सिर्फ नाम का नहीं था

पुलिस को चकमा देने के लिए तस्कर न केवल एंबुलेंस बल्कि पुलिस वाहन और प्रेस लिखे वाहनों का भी इस्तेमाल करते हैं। उत्पाद विभाग के इंस्पेक्टर दीपक कुमार सिंह ने बताया कि डीएम के निर्देश पर नियमित छापेमारी की जा रही है, जिसमें इस तरह की चालाकियों का भंडाफोड़ हो रहा है।

निष्कर्ष:
यह मामला साफ दर्शाता है कि तस्कर शराबबंदी को मजाक समझकर गंभीर अपराध को अंजाम दे रहे हैं। लेकिन पुलिस-प्रशासन की सतर्कता से उनके मंसूबे बार-बार नाकाम हो रहे हैं।

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