सायरन बजाती गाड़ी के लिए लोगों ने खाली किया रास्ता…कार की छत पर बने तहखाना में छुपाकर रखे थे 50 बच्चे, ऐसे हुआ मामले का खुलासा

बिहार में शराबबंदी के बावजूद तस्करों की चालाकियों का सिलसिला जारी है। ताजा मामला मुजफ्फरपुर से सामने आया है, जहां तस्करों ने एंबुलेंस की आड़ में शराब की तस्करी की अनोखी तरकीब अपनाई। इस बार शराब को एंबुलेंस की छत में बनाए गए गुप्त तहखाने में छिपाकर लाया गया था।
मुजफ्फरपुर में एंबुलेंस से हो रही थी शराब की तस्करी, छत पर बने तहखाने से बरामद हुई बड़ी खेप
बिहार में पूर्ण शराबबंदी लागू है, लेकिन इसके बावजूद शराब तस्करी के नए-नए तरीके सामने आ रहे हैं। मुजफ्फरपुर के सदातपुर इलाके में उत्पाद विभाग की टीम ने एक एंबुलेंस को रोका, जो दिखने में एक सामान्य मरीज ले जाने वाला वाहन था, लेकिन उसकी छत में एक गुप्त तहखाना बना हुआ था, जिसमें शराब के कार्टन छिपाए गए थे।
पहले नहीं मिला सुराग, फिर दोबारा चेकिंग में खुला राज
सूचना मिलने पर जब एंबुलेंस को जांच के लिए रोका गया, तो पहले नजर में कुछ नहीं मिला। लेकिन जब टीम ने दोबारा बारीकी से तलाशी ली, तो छत पर छिपे बॉक्स में विदेशी शराब की भारी खेप बरामद हुई। शराब पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी से लाई गई थी।
चालक गिरफ्तार, बड़े तस्करों के नाम उजागर
एंबुलेंस चालक अनीश को मौके से गिरफ्तार कर लिया गया है। पूछताछ में उसने खुलासा किया कि वह पहले भी शराब की खेप सिलीगुड़ी से ला चुका है। उसने दो बड़े शराब माफिया — सनी राय और मजहर — के नाम बताए, जो तस्करी के इस नेटवर्क को संचालित करते हैं।
एंबुलेंस का ‘इस्तेमाल’ सिर्फ नाम का नहीं था
पुलिस को चकमा देने के लिए तस्कर न केवल एंबुलेंस बल्कि पुलिस वाहन और प्रेस लिखे वाहनों का भी इस्तेमाल करते हैं। उत्पाद विभाग के इंस्पेक्टर दीपक कुमार सिंह ने बताया कि डीएम के निर्देश पर नियमित छापेमारी की जा रही है, जिसमें इस तरह की चालाकियों का भंडाफोड़ हो रहा है।
निष्कर्ष:
यह मामला साफ दर्शाता है कि तस्कर शराबबंदी को मजाक समझकर गंभीर अपराध को अंजाम दे रहे हैं। लेकिन पुलिस-प्रशासन की सतर्कता से उनके मंसूबे बार-बार नाकाम हो रहे हैं।